Homeआसपास की कहानियाँ

आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 75

SHARE:

  आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी   387 सही कूटनीति एक प्रभावशाली व...

 

sunil handa story book stories from here and there in Hindi

आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ

संकलन – सुनील हांडा

अनुवाद – परितोष मालवीयरवि-रतलामी

 

387

सही कूटनीति

एक प्रभावशाली व्यक्ति प्रधानमंत्री से सामंत का पद हासिल करने के लिए उनके पीछे पड़ा था।

प्रधानमंत्री उसे वह पद देना नहीं चाहते थे। अंततः उन्होंने उसकी भावनाओं को आहत किए बिना उसे संतुष्ट करने का रास्ता खोज ही लिया। उन्होंने कहा - "मैं क्षमा चाहता हूं कि मैं तुम्हें सामंत का पद नहीं दे रहा हूं परंतु मैं तुम्हें उससे भी बेहतर चीज दे रहा हूं। तुम अपने मित्रों से यह कहो कि मैंने तुम्हें सामंत के पद का प्रस्ताव दिया था परंतु तुमने उसे ठुकरा दिया।"

---

388

दर्पण में देखो

सुकरात बहुत बदसूरत थे। वे अपने साथ हर समय एक दर्पण रखा करते थे जिसमें वे प्रायः अपना प्रतिबिंब देखा करते थे। उनके एक मित्र ने कहा - "तुम इतने बदसूरत हो फिर भी बार-बार अपना चेहरा दर्पण में क्यों निहारते रहते हो?"

सुकरात ने उत्तर दिया - "यह मुझे अच्छे कार्य करने की याद दिलाता है ताकि मैं अपने अच्छे कार्यों से अपनी बदसूरती को छुपा सकूं।"

कुछ देर रुककर वे फिर बोले - "और इसी तरह जो लोग देखने में खूबसूरत हैं, उन्हें यह समय यह याद रखना चाहिए कि उनके बुरे कार्यों से ईश्वर द्वारा उन्हें दी गयी खूबसूरती में भी दाग लगते हैं।"

उनकी राय में मनुष्य को चंदन की तरह होना चाहिए जो देखने में भले ही आकर्षक न हो पर अपनी सुगंध चारों ओर फैलाता है।

--

131

भेंगी आँख

दो सहेलियाँ अरसे बाद मिलीं.

शुरूआती रोने धोने के बाद दोनों अपने-अपने बच्चों पर आ गईं.

“अरी, बता” एक ने पूछा, “तेरा बेटा कैसा है?”

“क्या बताऊँ, बहन” दूसरी ने उत्तर दिया, “उसके तो भाग ही फूट गए. उसकी बीवी एकदम फूहड़ मिली है. कोई काम धाम नहीं करती, बस फैशन मारते रहती है. यहाँ तक कि सुबह का नाश्ता भी मेरा बेटा बना कर उसे खिलाता है!”

“ओह,” पहली ने अफसोस जताया और फिर पूछा, “और तेरी बेटी – वो कैसी है?”

“वाह, उसकी किस्मत की तो मत पूछ,” दूसरी ने चहकते हुए बताया, “उसे एकदम राजकुमारों जैसा पति मिला है. उसे कोई काम ही नहीं करने देता. अच्छे अच्छे कपड़े पहनाता रहता है. यहाँ तक कि वह मेरी बेटी को रोज सुबह नाश्ता बनाकर भी वही सर्व करता है!”

--

132

असली राजा के लिए गाना

अकबर ने एक दिन तानसेन से कहा – तानसेन, तुम इतना अच्छा गाते हो तो तुम्हारा गुरु कितना अच्छा गाता होगा. हमें उसका गाना सुनना है.

तानसेन ने कहा – जहाँपनाह, मेरे गुरु स्वामी हरिदास जंगलों में रहते हैं और वे अपनी मर्जी के मालिक हैं. मन पड़ता है तभी गाते हैं. कोई बादशाह या शहंशाह उनसे गाना गाने के लिए कह नहीं सकता. मगर हाँ, आपकी यदि इच्छा है तो मैं प्रयत्न अवश्य कर सकता हूँ.

दूसरे दिन अकबर और तानसेन जंगलों में हरिदास के पास गए. वहाँ पहुँचकर तानसेन ने एक राग छेड़ा. तानसेन बहुत बढ़िया, तन्मयता से गा रहे थे. वातावरण सुमधुर हो गया था. तभी तानसेन ने जानबूझ कर एक गलत सुर ले लिया. यह सुनते ही स्वामी हरिदास ने वहाँ से सुर सँभाला और खुद गाने लगे. उनकी आवाज में तो जादू था. अकबर बड़े प्रसन्न हुए.

लौटते समय अकबर ने तानसेन से पूछा – तानसेन, तुम भी इतनी मेहनत और रियाज करते हो, मगर तुम्हारा गला स्वामी हरिदास जैसा सुमधुर क्यों नहीं है?

इस पर तानसेन ने जवाब दिया – जहाँपनाह, मैं अपने राजा – यानी आप के लिए गाता हूँ, और स्वामी हरिदास अपने राजा – यानी ईश्वर के लिए, इसीलिए!

---

(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)

COMMENTS

BLOGGER: 2
  1. सुकरात हर बात से प्रभावित करते हैं..

    जवाब दें हटाएं
  2. बेनामी7:01 am

    sukrat ki har bat me gyan hota hai

    जवाब दें हटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 75
आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 75
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3E29E4EI3vvffyv9nUZH5iMAAdHTog3SWbFZj253LmimIMQdJcjWM9di8AD0JRZKz08kiuPtOMXBa5p287SdMAfpLBQx5O9lBMCJbjTbbz3EHGTBhuPNiaPGdQeeZI9z68M3U/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3E29E4EI3vvffyv9nUZH5iMAAdHTog3SWbFZj253LmimIMQdJcjWM9di8AD0JRZKz08kiuPtOMXBa5p287SdMAfpLBQx5O9lBMCJbjTbbz3EHGTBhuPNiaPGdQeeZI9z68M3U/s72-c/?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2012/02/stories-from-here-and-there-75.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2012/02/stories-from-here-and-there-75.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content