आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 36

SHARE:

  आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 305 कोयल , पंख और कीड़े एक जंगल मे...

 

आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ

संकलन – सुनील हांडा

अनुवाद – परितोष मालवीयरवि-रतलामी

305

कोयल , पंख और कीड़े

एक जंगल में एक कोयल अपने सुर में गा रही थी। तभी एक किसान वहाँ से एक बक्सा लेकर गुजरा जिसमें कीड़े भरे हुये थे। कोयल ने गाना छोड़ दिया और उसने किसान से पूछा - "इस बक्से में क्या है और तुम कहाँ जा रहे हो?'

किसान ने उत्तर दिया कि बक्से में कीड़े भरे हुये हैं जिन्हें वह पंख के बदले शहर में बेचने जा रहा है। यह सुनकर कोयल ने कहा - "मेरे पास बहुत से पंख हैं जिनमें से एक पंख तोड़कर मैं आपको दे सकती हूँ। इससे मेरा बहुत समय बच जाएगा और आपका भी।'

किसान ने कोयल को कुछ कीड़े निकालकर दिए जिसके बदले में कोयल ने अपना एक पंख तोड़कर दिया। अगले दिन भी यही हुआ। फिर ऐसा रोज ही होने लगा। एक दिन ऐसा भी आया जब कोयल के सभी पंख समाप्त हो गए।

सभी पंख समाप्त हो जाने के कारण कोयल उड़ने में असमर्थ हो गयी और कीड़े पकड़कर खाने लायक भी नहीं बची। वह बदसूरत दिखने लगी, उसने गाना बंद कर दिया और जल्द ही भूख से मर गयी।

"भोजन प्राप्त करने का जो आसान मार्ग कोयल ने चुना,

वही मार्ग अंततः सबसे कठिन साबित हुआ।'

306

स्थिरता

एक नौजवान एक आश्रम में शिक्षा प्राप्त करने गया। लेकिन उसे आश्रम के अनुशासन बहुत कठिन लगे। आश्रम में नियमों का पालन अनिवार्य था। जल्द ही वह निराशा में डूब गया और उसने नदी में डूबकर आत्महत्या करने का इरादा कर लिया।

जब वह नदी में डूबने जा रहा था, तब उसने मार्ग में पत्थरों पर पड़े गोल निशानों को देखा। दरअसल नदी से पानी भरकर लौटते समय महिलायें जिस जगह पानी भरे घड़े रखा करती थीं, वहां के पत्थरों पर गोल निशान बन गए थे।

उस नौजवान को नियमित अभ्यास और दृढ़ इच्छा शक्ति का महत्त्व समझ में आ गया। नियमित आदतें ही हमारा चरित्र बन जाती हैं।

"दृढ़ इच्छा शक्ति और नियमित अभ्यास ही जीवन में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है।'

--

58

सभी तीर निशाने पर

एक बार एक राजा एक छोटे से शहर की यात्रा पर था. वहाँ उसने आश्चर्य से देखा कि पेड़ों के तनों पर, घरों की दीवारों पर तीर बिंधे हुए हैं और हर तीर ठीक निशान के बीचों बीच है. उसने ऐसे विलक्षण धनुर्धर से मिलना चाहा. राजा ने उस धनुर्धर को बुलाया और पूछा कि वह हर बार इस तरह का सटीक निशाना कैसे लगा लेता है.

उस धनुर्धर ने स्पष्ट किया – बहुत आसानी से श्रीमान्. मैं पहले तीर चलाता हूँ, फिर जहाँ तीर लगता है उसके चारों ओर निशान बना देता हूँ.

“हम अपनी धारणा पहले बना लेते हैं, वस्तुस्थिति जानने की कोशिश बाद में करते हैं. हम देखते हैं तो इस लिए नहीं कि कुछ नया देखें, बल्कि अपने विचारों को पुख्ता करने वाली चीजों को ढूंढने के लिए.

और, हम वाद-विवाद करते हैं तो सत्य का पता लगाने के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ अपनी धारणा को ऐन-कैन-प्रकारेण पुख्ता बनाने के लिए!”

--

59

संसदीय हास परिहास -2

बाबू जगजीवन राम रेल बजट पेश कर रहे थे. अपने बजट भाषण में उन्होंने सांसद की पत्नियों के लिए निशुल्क रेल यात्रा की घोषणा की. एक अविवाहित सांसद ने पूछा – अविवाहित सांसद क्या यह सुविधा अपने मित्र के लिए ले सकते हैं? बाबूजी ने कहा – यह सुविधा स्पाउस (spouse) के लिए है, स्पाइस(spice) के लिए नहीं!

(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)

COMMENTS

BLOGGER: 3
  1. सभी तीर निशाने पर...नयी थी मेरे लिए...बढिया।

    जवाब देंहटाएं
  2. आसान मार्ग बहुधा गलत होता है।

    जवाब देंहटाएं
  3. यहाँ स्थिरता की कहानी संत भरद्वाज की कथा से मिलती-जुलती है जो हम सभी ने हिंदी पाठ्य-पुस्तकों में पढ़ी होंगी:
    करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान
    रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान.

    जवाब देंहटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 36
आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there - 36
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3E29E4EI3vvffyv9nUZH5iMAAdHTog3SWbFZj253LmimIMQdJcjWM9di8AD0JRZKz08kiuPtOMXBa5p287SdMAfpLBQx5O9lBMCJbjTbbz3EHGTBhuPNiaPGdQeeZI9z68M3U/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg3E29E4EI3vvffyv9nUZH5iMAAdHTog3SWbFZj253LmimIMQdJcjWM9di8AD0JRZKz08kiuPtOMXBa5p287SdMAfpLBQx5O9lBMCJbjTbbz3EHGTBhuPNiaPGdQeeZI9z68M3U/s72-c/?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2011/12/stories-from-here-and-there-36.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2011/12/stories-from-here-and-there-36.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content