(नोकिया ल्यूमिया 920 - यूएसबी चार्जिंग पोर्ट पिघल कर खराब हो गया. चार्जिंग केबल पिघल कर चिपक गया जिसे काट कर निकालने के चक्कर में किनारे का...
(नोकिया ल्यूमिया 920 - यूएसबी चार्जिंग पोर्ट पिघल कर खराब हो गया. चार्जिंग केबल पिघल कर चिपक गया जिसे काट कर निकालने के चक्कर में किनारे का कवर भी डैमेज हो गया)
इस आलेख - या कहें कि आपबीती को तो मुझे बहुत पहले ही लिख देना चाहिए था, परंतु फिर आलस्य और काम तो चल रहा है जैसे एटीट्यूड के चलते मामला टलता रहा. अभी अमित अग्रवाल के नोकिया ल्यूमिया विंडोज़ स्मार्टफ़ोनों के बारे में लिखे इस आलेख को पढ़ कर वहां अपनी त्वरित टिप्पणी तो दर्ज की ही, यह आपबीती भी अपने आप निकल कर यहां छप गई.
वैसे, इसमें दो मत नहीं है कि नोकिया के फ़ोनों के हार्डवेयर गुणवत्ता में शानदार रहते आए हैं और कई मामलों में उनका मुकाबला नहीं है, इसीलिए कुछ वर्ष पहले तक कंपनी का मोबाइल फ़ोनों के बाजार में पूरे विश्व में कब्जा भी था. परंतु कुछ अदूरदर्शी नीति और निर्णयों तथा नोकिया सर्विस सेंटरों की लापरवाही के कारण कंपनी अब डूबती दिख रही है.
तो अब आते हैं मुद्दे की बात पर. मैंने नोकिया सीडीएमए 6275i फ़ोन का उपयोग कई वर्षों तक किया है और इसमें किसी किस्म की कोई समस्या कभी भी नहीं आई. यहाँ तक कि इसकी बैटरी की कैपेसिटी भी लंबे उपयोग के बावजूद 80 प्रतिशत तक बनी रही. और, इसीलिये जब मोबाइल-कनेक्टिविटी की आवश्यकता हुई और स्मार्टफ़ोन खरीदने की बारी आई तो मैंने एंड्राइड के शानदार फ़ोनों को अनदेखा कर नोकिया ल्यूमिया 920 के जारी होने का इंतजार किया क्योंकि इसमें पूरा और बढ़िया हिंदी समर्थन भी मौजूद था.
परंतु इस फ़ोन को लेने के चार महीने बीतते न बीतते, इसमें एक बड़ी समस्या आ गई. एक दिन मैंने इस फ़ोन को सुबह-सुबह चार्जिंग के लिए आदतन लगा दिया. कोई दो घंटे के बाद जब एक कॉल आया तो मैंने इसे उठाया तो पाया कि चार्जिंग केबल जो कि फोन के मिनी यूएसबी पोर्ट से जुड़ा होता है और डेटा केबल का भी काम करता है, वह गर्म होकर उस मिनी यूएसबी पोर्ट पर पिघल कर चिपक गया है और पोर्ट भी पिघल गया है. गनीमत थी कि फ़ोन काम कर रहा था और उसमें कोई खराबी नहीं आई थी.
मैं तुरंत ही नोकिया सर्विस सेंटर भागा. चूंकि फ़ोन नया और वारंटी में था, इसीलिए उम्मीद थी कि इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा. वहां इसे देखते ही कह दिया गया कि ये तो मिस हैंडलिंग की वजह से हुए हार्डवेयर फेल का केस है और वारंटी में नहीं आएगा. मुझे बताया गया कि ओवर वोल्टेज/करेंट/स्पार्किंग के कारण ऐसा हुआ होगा. सुधारने का खर्च 10000 रुपए बताया गया. मैंने प्रतिवाद किया कि ये तो आइसोलेटेड किस्म का केस है जिस पर कंपनी को एनालिसिस करना चाहिए ताकि इस तरह के केस दोबारा न हों, और मुझे मोबाइल यूनिट तुरंत रीप्लेस करके देना चाहिए. मैंने यह भी प्रतिवाद किया कि 5 वोल्ट 1 एम्पीयर का रेगुलेटेड सप्लाई होता है, चार्जर में कोई खराबी नहीं हुई है, तो उसमें ओवर वोल्टेज जैसी समस्या कैसे आएगी. बहरहाल, सर्विस सेंटर के तकनीशियनों ने इसका फ़ोटो खींचा और कहा कि हम ऊपर इसकी फ़ोटो भेजकर बात करेंगे और सेट को मुंबई भेजेंगे, तो वहां जो निर्णय होगा, वही अंतिम होगा. और इसके लिए एक महीने का समय लगेगा. और वारंटी के तहत सेट के रीप्लेस/रिपेयर करने की कोई गारंटी नहीं थी.
जाहिर है, मैं कोई मूर्ख तो था नहीं, इसीलिए मैंने उन्हें अपना मोबाइल सौंपने से मना कर दिया.
चूंकि मोबाइल बढ़िया काम कर रहा था, और समस्या सिर्फ यूएसबी से चार्जिंग की थी क्योंकि यूएसबी चार्जिंग पोर्ट जल गया था, और क्योंकि डेटा ट्रांसफर के लिए ब्लूटूथ और वाईफ़ाई भी मौजूद है इसीलिए इस फ़ोन में मौजूद वैकल्पिक उपाय वायरलेस चार्जिंग अपनाया गया. अभी यह फ़ोन वायरलेस चार्जिंग के भरोसे जिंदा है.
रहा सवाल इसकी फ़ंक्शनलिटी का - तो महज एक बात से ही आपको पूरी पिक्चर क्लीयर हो जाएगी - रेखा के पास गैलेक्सी नोट 2 है जो कि प्रमुखतः उसके ड्राइंड आदि के डेमो के लिए अच्छा खासा काम आता है - तो इसमें मैं अपने लैन कंप्यूटर से जुड़कर फ़ाइल आदि भी हस्तांतरित/उन पर काम कर सकता हूँ, मगर विंडोज़ फ़ोन में तो यह अभी दूर की कौड़ी है. इसमें आप अपने मोबाइल में मौजूद फ़ाइलों को भी ठीक से नहीं देख सकते! स्मार्टफ़ोन के नाम पे पूरा डम्ब!
ईश्वर नोकिया [ल्यूमिया] को सद्बुद्धि दे!
यह समस्या तो सच में गहरी है। एप्पल में अनुभव अच्छा रहा है। वैसे तो इस प्रकार की समस्या नहीं आयी है पर एक चार्जर्स में थोड़ी समस्या आने पर पूरा ही बदल दिया था, पाँच मिनट में। एक बार एक्सटर्नल की बोर्ड की की हल्की टाइट चल रही थी, वह भी पूरा बदल दिया, तुरन्त। उत्कृष्टतम आफ्टरसेल्स।
हटाएंबढिया जानकारी
हटाएंआपके हिदायत का पालन किया जायेगा सुप्रभात संग प्रणाम
हटाएंस्मार्टफोन और एंड्रायड ना लाने के कारण नोकिया का मोह छोड दिया था, काफी समय पहले। लिनोवो पर हाथ आजमाया, अनुभव बुरा नहीं रहा।
हटाएंलूमिया लेने का मन था फिर अचानक नोट2 तक पहुंच गये हैं। मजा आ रहा है, सैमसंग के साथ
आपकी पोस्ट पढ कर खुश हूं कि लूमिया से बच गया।
प्रणाम
Nice
हटाएंबढिया जानकारी
हटाएंक्या आपने दूसरे नोकिआ केयर सेन्टर में प्रयास किया? मेरे ख्याल से आज़मा लेना चाहिए और अपना चार्जर केबल सहित अवश्य ले जाईयेगा, कई बार किसी एक सेंटर वाले लोग गड़बड़ होते हैं। और नोकिआ की भारतीय वेबसाइट से उनके सपोर्ट सेक्शन में भी अपनी समस्या ईमेल कर दें ताकि ऑफ़िशियल स्थिति आपको पता चल जाए।
हटाएंधन्यवाद अमित. अभी नोकिया केअर सेंटर पर अपनी समस्या दर्ज कर दी है. देखते हैं क्या रेस्पांस आता है.
हटाएंआपकी इस प्रस्तुति को शुभारंभ : हिंदी ब्लॉगजगत की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियाँ ( 1 अगस्त से 5 अगस्त, 2013 तक) में शामिल किया गया है। सादर …. आभार।।
हटाएंकृपया "ब्लॉग - चिठ्ठा" के फेसबुक पेज को भी लाइक करें :- ब्लॉग - चिठ्ठा
मैं नोकिया का मोबाईल पिछले १० वर्षों से उपयोग कर रहा हूँ और केवल एक मोबाईल के स्क्रीन में समस्या आई.. और नोकिया वाले कोई मदद नहीं कर रहे थे.. पर जब मैंने नोकिया में ऊपर तक एस्केलेट किया तो नोकिया वाले घर पर आकर सर्विसेस देकर गये । हमने भी लूमिया ५२० लिया है, हमें तो यह बहुत अच्छा मोबाईल लगा।
हटाएं1997 में पहला नोकिया लिया था फिर कभी नहीं लिया। बिटिया ने जिद करके नोकिया लिया और पूरासाल भुगता ।डीलर जानकार था तो बेचारे ने कह्कुहाकर वारंटी ख़त्म होने से कुछ दिन पहले नया सेट रिप्लेस करवाया। अब तो बिटिया ने भी मान लिया कि दुनिया में नोकिया के अलावा भी बहुत कुछ है
हटाएंपहले तो अमित का ऊपर बताया सुझाव आजमायें कोई सहायता न मिलने पर आपके पास कानूनी विकल्प भी तो हैं। जैसा आपने कहा इस तरह के आइसोलेटिड केस में फोन रिप्लेस न करने पर कम्पनी को हर्जाना देना पड़ सकता है। वैसे यह मेरा अनुमान है, सही स्थिति दिनेशराय द्विवेदी जी आदि वकील लोग बता सकते हैं।
हटाएंमैं विण्डोज़ फोन से इसीलिये परहेज करता हूँ। ऍण्ड्रॉइड में फाइल कॉपी करने के लिये तार, बेतार सब विकल्प हैं। ऐसे ही टैथरिंग और रिवर्स टैथरिंग (डैस्कटॉप के ब्रॉडबैंड कनैक्शन को फोन पर डेटा केबल के माध्यम से प्रयोग करना) आदि सभी विकल्प हैं।
मै भी नोकिया का ७१० भुगत रहा हु ,15200/= me kabad gharida hai ...
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