लीजिए, आपके लिए एक और नई तकनीक आ गई. जब आप गाड़ी चला रहे हों, और किसी वजह से आपका दिमाग खराब होने लगे, मूड ऑफ होने लगे तो आपके गाड़ी के डैशब...
लीजिए, आपके लिए एक और नई तकनीक आ गई. जब आप गाड़ी चला रहे हों, और किसी वजह से आपका दिमाग खराब होने लगे, मूड ऑफ होने लगे तो आपके गाड़ी के डैशबोर्ड में लगा उपकरण इस चीज को भांप कर आपका मूड ठीक करने के तमाम उपाय करेगा.
गाड़ी चलाते समय आपका मूड आफ हो जाएगा तो ये आपका पसंदीदा गाना सुनाकर आपको खुश करने की कोशिश करेगा. कोई बढ़िया सेंट स्प्रे कर आपको आनंदित करेगा, अथवा कोई फड़कता संता-बंता चुटकुला सुनाकर आपको हँसाने की कोशिश करेगा. अभी तो यह उतना उन्नत नहीं है, मगर, फिर कौन जाने, भविष्य में इस तकनीक से अवश्य ही आपका वाहन अपने चार (अथवा दो या छः) टायरों पर डांस का कोई स्टैप भी कर आपको खुश कर सकेगा. और हाँ, गाड़ी चलाते चलाते अगर आपको झपकी लगने लगे तो यह आपके मुंह पर ठंडे पानी की फुहार मारकर और गर्मागर्म एक प्याला कॉफ़ी पेश कर आपके आलस्य और नींद को भी भगाने की कोशिश करेगा.
मगर थोड़ी गहराई से सोचें, तो ये सारी सुविधाएँ भारतीय संदर्भ में अप्रासंगिक अथवा अप्रायोगिक होंगी. यहाँ तो गाड़ी में बैठते ही सर्वत्र भीड़, जाम, गड्ढेदार खराब सड़कें, पार्किंग का सर्वत्र अकाल, ऊपर से कट मारकर आजू-बाजू से रगड़ते छीलते डेंट मारते निकलते गाड़ियों की वजह से हर चालक का मूड वैसे ही खराब रहता है तो वो ऐसे में संता-बंता का चुटकुला सुन अपने वाहन का स्पीकर फोड़ डालेगा. यहाँ कुछ दूसरी तकनीक चाहिए होगी.
ऐसी तकनीकें शायद भविष्य में आ जाए. विश-लिस्ट बनाने में क्या जाता है? तो कुछ हैं -
- भीड़ और जाम मैनेज करने का स्वचालित ड्राइविंग उपकरण
- गड्ढेदार सड़कों से मक्खन जैसी चाल में चलकर निकलने की तकनीक
- नामालूम सी पार्किंग जगह में भी आड़े तिरछे तरह से जैसे भी बन पड़े स्वचालित पार्किंग हो सकने की उन्नत और सर्वथा नवीन तकनीक
- कट मारकर आजू बाजू से निकलने वाले शोहदों और वाहनों के बारे में सटीकता से पूर्वानुमान लगाना और तदनुसार अपनी रफ़्तार से लेकर स्थिति आदि का सही जमावट कर लेने की क्षमता
- ट्रैफ़िक पुलिस के वसूली अभियानों यानी चेकिंग स्पॉट के बारे में पहले से ही सटीकता से अनुमान लगाना व वैकल्पिक क्लीयर रास्तों के बारे में बताना व स्वचालित तरीके से ले चलने की क्षमता.
अब कहिए? ये सब सुविधा हमारी गाड़ी में मिल जाए तो क्या कभी हमारा मूड खराब होगा भी भला?
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन जन्म दिवस - पुरुषोत्तम दास टंडन और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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