वास्तु-शास्त्रियों के मुताबिक मैनिट – यानी मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी – संस्थान में एक फव्वारे को गलत दिशा में स्थापित क...
वास्तु-शास्त्रियों के मुताबिक मैनिट – यानी मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी – संस्थान में एक फव्वारे को गलत दिशा में स्थापित किए जाने के कारण वहाँ नेगेटिव एनर्जी बह रही थी. और उस नेगेटिव एनर्जी को दूर भगाने के लिए उस खूबसूरत वाटर-फाउंटेन को ढहा दिया गया.
दरअसल, मेनिट समस्याओं से लंबे समय से ग्रस्त है. एक पूर्व मेनिट डायरेक्टर अपने कार्यकाल में घपलों घोटालों और अपने नजदीकियों को उपकृत करने और मनमानी नियुक्तियां देने में समस्या ग्रस्त रहे, तो वर्तमान में मेनिट के कुछ प्रोफ़ेसर तकनीकी कॉलेजों को स्वीकृति देने के मामले में घूस लेते रंगे हाथों पकड़े गए. कुछ छात्रों के साथ भी समस्याएं आती रही हैं. और यह सब नेगेटिव एनर्जी की वजह से होता रहा है.
फ़व्वारे को हटाने से शायद अब नेगेटिव इनर्जी का प्रवाह न हो, और संस्थान का भला हो! या फिर फ़व्वारे को नए सिरे से, जिस दिशा में स्थापित था उसकी उल्टी दिशा में स्थापित करें तो शायद पॉजिटिव एनर्जी बहने लगे, और समस्या ग्रस्त डायरेक्टर, प्रोफ़ेसरों और छात्रों का कल्याण हो!
मेनिट ने तो अपना भला कर लिया. पर, क्या आपने अपने बारे में सोचा है?
आप अपनी ऑनलाइन जीवनी से आक्रांत हैं? आप ब्लॉग पर, फेसबुक पर एक से एक धांसू पोस्ट पे पोस्ट लिखते हैं, हर दस मिनट में स्टेटस अपडेट करते हैं, मगर कोई नामुराद न तो कमेंट मारने आता है न लाइक करके जाता है. कोई गूगल प्लस में जोड़ता भी नहीं. जबकि दूसरे चार लाइन की पोस्ट मारते हैं तो चौबीसों लाइनों वाली चालीसों टिप्पणियाँ मिलती हैं. दूसरे जब स्टेटस अपडेट मारते हैं कि वो मुंह धो रहे हैं तो सैकड़ों लाइक हो जाते हैं जबकि आप देश की स्थिति के बारे में गंभीर से गंभीर स्टेटस अपडेट मारते हैं तो कोई मक्खी भी वहां मुंह नहीं मारती.
कारण समझ में आया?
वही, नेगेटिव एनर्जी. जो आपके कंप्यूटर और लैपटॉप के आजू बाजू प्रवाहित होते रहती है, वही आपके लिए समस्या पैदा करती है.
अब जरा देखें कि इसके लिए क्या किया जा सकता है. इस समस्या को लेकर मैंने कुछ जानकार वास्तुशास्त्रियों से बातचीत की तो उन्होंने अपनी ओर से कुछ समाधान मुझे बताए. मैं स्वार्थी नहीं बनना चाहता लिहाजा आपके लिए वे सारे जबरदस्त समाधान लेकर आया हूँ. अब आपको सफल ब्लॉगर और फेसबुकिया बनने से कोई नहीं रोक सकता. बस निम्न उपाय आजमाएं.
· कंप्यूटर पर अपने बैठने की दिशा बदल दें. पूरब में बैठते हों तो पश्चिम की ओर मुख कर लें, और पश्चिम में मुख रहता हो तो पूर्व की ओर कर लें. बैठ कर लिखते हों तो लेटकर लिखें और यदि लेपटॉप में लेटकर आराम से लिखने की आदत है तो बैठ कर या फिर खड़े होकर लिखें. अति उत्तम समाधान के लिए बाबा श्री श्री खड़ेश्वर देव की तरह एक टाँग पर खड़े होकर भी लिख सकते हैं जिसमें परिपूर्ण धनात्मक ऊर्जा की पूरी गारंटी है, तब फिर नेगेटिव ऊर्जा तो आपके आसपास कहीं फटक भी नहीं पाएगी.
· आप कौन सा कीबोर्ड प्रयोग करते हैं? मैं रेमिंगटन-इनस्क्रिप्ट-फ़ोनेटिक की बात नहीं कर रहा. आईबाल, इंटैक्स या टीवीएस की बात कर रहा हूँ. जल्द से जल्द अपना ब्रांड बदलें. आपके वर्तमान ब्रांड का कीबोर्ड आपकी पोस्टों-अपडेटों में जबर्दस्त नेगेटिव एनर्जी भर रहा है.
· प्रोसेसर, ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा प्रयोग कर रहे हैं? आपके द्वारा वर्तमान में प्रयोग किए जा रहे सिस्टम में नेगेटिव ही नेगेटिव एनर्जी है. भला चाहते हैं तो वर्तमान को तत्काल तोड़ कर निकालें और बदल लें. तोड़ कर निकालने से नेगेटिव ऊर्जा का प्रवाह भी टूट जाएगा.
· आपने अपने ब्लॉग और फेसबुक पेज में कौन सी कलर थीम लगाई है? आपका वर्तमान कलर थीम तो नेगेटिव ऊर्जा से भरपूर है. वो तो आपको क्या आपके ब्लॉग प्रशंसकों और फेसबुक मित्रों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. अपनी नहीं तो कम से कम दूसरों का भला तो करें. जल्द से जल्द थीम बदलें. एकदम डार्क थीम बहुत बेहतरीन होता है. क्योंकि पठन-पाठन में कठिनाई होने से टिप्पणियोँ और लाइक मिलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है. क्योंकि यह तो सर्वविदित तथ्य है कि जितना ज्यादा पढ़ा और समझा जाता है, टिप्पणियों के प्राप्त होने, लाइक होने की संख्या उतनी ही कम होती जाती है.
· अब जरा बताएंगे कि आप अपने पीसी में मॉनीटर कौन सा प्रयोग करते हैं? कितने इंची वाला प्रयोग करते हैं? एलसीडी प्रयोग करते हैं या एलईडी? यही हाल लैपटॉप का भी है. अपना वर्तमान ब्रांड जो आपके साइबर दुनिया में नेगेटिव एनर्जी भर रहा है, उसे दन्न से बदल डालें. अभी.
· और, अंत में – सबसे बड़ा समस्याकारक है आपका कंप्यूटर टेबल. उसमें एक अतिरिक्त पाया लगवा लें जो नेगेटिव एनर्जी को दूर करता है और भरपूर पॉजीटिव ऊर्जा लाता है. वैकल्पिक रूप से आप टेबल का एक पाया तोड़ लें, और स्टेबल करने के लिए दीवार का सहारा लें. दीवार के सहारे नेगेटिव एनर्जी धरती में चली जाएगी, और आपका साइबर कल्याण होने में देर नहीं लगेगी. यदि आप ऑनलाइन कामधाम के लिए लैपटॉप/टैबलेट/मोबाइल फ़ोनों का प्रयोग करते हैं तो जल्द से जल्द इनसे छुटकारा पा लें. क्योंकि ये तो नेगेटिव ऊर्जा से भरपूर होते हैं. वापस पीसी का प्रयोग करना चालू कर दें और, ऊपर बताया गया टोटका अपनाएं. पॉजिटिव देवता जो पॉजिटिव ऊर्जा देते हैं आपका कल्याण करेंगे और नेगेटिव असुर को आपसे दूर रखेंगे.
आमीन!
वाह जी वाह!
हटाएंबदल बदल का खेल खेलते रहें, कभी न कभी सफलता मिल जायेगी।
हटाएंमेरा धाँसू विश्लेषण कहता है पिले रंग का सुअर नेगेटिव उर्जा दे रहा है. इसे नीला कर दें. कोई कारण नहीं कि अब तक तीस टिप्पणियाँ न आती, मगर सब उर्जा का खेल है.
हटाएंअच्छा अपके चश्में की डंडी किस रंग की है?
यह पढ़ते ही नेगेटिव एनर्जी झटक दी मैने!
हटाएंफिर भी समस्या दूर ना हो तो रचनाकार के नाम Rs ५०० का चेक
हटाएंभेज दें ,कृपा आनी शुरू हो जायेगी,यानी + energy की supply
होने लगेगी.
जय बाबा ऑनलाइन वाले
हटाएंआपके बताए उपायों पर अमल करने से तो अच्छा है कि मैं नेगेटिव एनर्जी के साथ ही रहूँ।
हटाएंखूब खबर ली आपने। मजा आ गया।
जो भी भाई नैगेटिव ऍनर्जी भगाने के लिये कीबोर्ड, प्रोसैसर वगैरा बदल रहा हो, पुराना फेंकने की बजाय मुझे भिजवा दे।
हटाएंएक और कारगर तरीका है, अगर अब तक पॉजिटिव ही लिखते आए हैं तो कुछ नेगेटिव भी लिखें। आपका अति पॉजिटिव बहुत नेगेटिव एनर्जी प्रॉड्यूस कर रहा है।
हटाएंनेगेटिव लिखते ही नेगेटिव एनर्जी आपके पास से निकलकर दूसरे के पास चली जाएगी और चस्केदार बातें बनाने का जो आनन्द है वह भी उसके साथ ही दूसरे तक पहुंच जाएगा और आपकी पोस्ट और स्टेटस अपडेट पर टिप्पणियों की बाढ आ जाएगी।
यह तरीका कारगर है, अभी एक राष्ट्रीय अखबार का संपादक और राष्ट्रीय आलोचक यह करते हुए पाए गए और खूब टिप्पणियां बटोरकर ले गए हैं...
कभी कभार नेगेटिव प्लस नेगेटिव = पॉजिटिव भी हो जाता है....
जय हो।
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