यह बात मैं आपको नहीं बताऊँगा. बल्कि, मैं तो अभी खुद सीख रहा हूँ. अच्छी फ़ोटो खींचने के बारे में आप भी यहाँ से सीखना प्रारंभ कर सकते हैं . और...
यह बात मैं आपको नहीं बताऊँगा. बल्कि, मैं तो अभी खुद सीख रहा हूँ. अच्छी फ़ोटो खींचने के बारे में आप भी यहाँ से सीखना प्रारंभ कर सकते हैं. और, यहाँ दी गई एक युक्ति के अनुसार, जब तक आप 10000 फ़ोटो खींच नहीं लेते, आपको ढंग से फ़ोटो खींचना नहीं आ सकता. और, अभी तो ये मेरी महज डेढ़ सौ वीं फ़ोटो हैं, जिनमें से कुछ आपके समक्ष पेश हैं -
ऊपर के फ़ोटो में दिख रही चिड़िया का डिटेल [100% जूम कर लिया गया स्क्रीनशॉट (जूम लैंस नहीं) ]:
ऊपर के फ़ोटो में दिख रहे पक्षियों का डिटेल :
एक और डिटेल :
भोपाल बड़ा ताल की सूर्यास्त की कुछ तस्वीरें -
क्या खयाल है? मेरी सीखने की रफ़्तार ठीक है?
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
हटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (06-12-2013) को "विचारों की श्रंखला" (चर्चा मंचःअंक-1453)
पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
नमस्ते रवि जी, हेनरी कार्तियर ब्रेसों ने पहले 10,000 फोटो बेकार होने की बात साठ के दशक में की थी. इसे अब एक लीजेंडरी कोटेशन के तौर पर लेना ही मुनासिब होगा. फिल्म फोटोग्राफी के दौर में खींची गई फोटो के परिणाम को डेलवपिंग/प्रिंटिंग के बाद ही जाना जा सकता था, इसलिए फोटोग्राफर एक ही दृश्य की कई फोटो लेने के अभ्यस्त थे. आज आप फोटो खींचने के फौरन बाद उसे जांच सकते हैं... फिर भी डिजिटल में भी शॉट्स की कोई कम बरबादी नहीं होती, फर्क सिर्फ इतना ही है कि वह अखरता नहीं है.
हटाएंमैं लगभग 4000-5000 फोटो खींच चुका हूं. हाल ही में मेरे 3000 फोटो से भरी एक डिस्क क्रेश कर गई. उन्हें नेट पर भी स्टोर नहीं किया था. सब कुछ करके देख लिया लेकिन रिपेयर नहीं हुई. इन फोटो में सहेज कर रखने योग्य फोटो की संख्या बमुश्किल 400-500 रही होगी, लेकिन नुकसान तगड़ा हुआ.
आपको फोटो सुंदर हैं. जूम किए गए शॉट्स में शार्पनेस कम है लेकिन कंपोजीशन अच्छा है.
नमस्ते निशांत जी,
हटाएंटिप्स के लिए धन्यवाद.
शॉर्पनेस उत्तम रहे इसके लिए फ़ोटो लेना ब्लॉग पर एक पोस्ट अवश्य ही लिखेंगे, ऐसी उम्मीद है. क्योंकि अकसर बेहद सुंदर कंपोजीशन वाली फ़ोटो खराब शॉर्पनेस के कारण बेकार हो जाती हैं.
शार्पनेस के लिए फोकस ठीक होना चाहिए। जिस चीज़ की फोटो ले रहे हैं (सबजेक्ट) यदि फोकस उस पर नहीं है तो वह शार्प नहीं दिखाई पड़ेगा। बाकी खेल अपर्चर का भी होता है, अधिक अपर्चर (f4 या उससे कम) में कैमरे में प्रकाश अधिक जाता है और पास की वस्तुएँ साफ़ दिखती हैं और दूर की धुंधला जाती हैं (इसको शैलो डैप्थ ऑफ़ फ़ील्ड कहते हैं) - यदि अपर्चर कम रखें (f5 या अधिक) तो प्रकाश कम जाएगा लेकिन दूर की वस्तुएँ फोटो में धुंधलाएँगी नहीं।
हटाएंकुछेक जगह पर त्रुटि है, जैसे SDHC कार्ड की सीमा 32GB नहीं वरन् आरंभ वहाँ से है और UHS-1 कार्ड का प्रकार नहीं है जैसे SDHC, SDXC हैं वरन् UHS-1 कार्ड की स्पीड का प्रकार है जैसे Class 10 वैसे ही UHS-1 जो कि सिर्फ़ SDHC और SDXC पर फिलहाल लागू होती है।
हटाएंऔर भी निशांत बाबू की अपनी धारणाएँ हैं - जैसे फोटोग्राफ़ी अन्य कलाओं की भांति कठिन नहीं है। कैमरा पकड़ कर तो कोई भी लल्लू फोटो ले सकता है ठीक वैसे ही जैसे कोई बालक कैनवस पर रंग उड़ेल के मॉडर्न आर्ट बना सकता है - परन्तु जैसे उस बालक को पारंगत पेंटर नहीं कहा जा सकता उसी तरह कैमरा पकड़ के फोटो लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति पारंगत फोटोग्राफ़र नहीं कहा जा सकता। वैसे हर किसी का अपना-२ मत है हर किसी को अपनी धारणाएँ बनाने का अधिकार है।
बाकी यही कहूँगा कि प्रयास अच्छा है, हिन्दी में फोटोग्राफ़ी संबन्धी ब्लॉग आरंभ करने का, मेरी शुभकामनाएँ।
धन्यवाद अमित, कार्ड वाली त्रुटि एक वेबसाइट से रेफरेंस लेने के कारण हो गई है, इसलिए मैं अनावश्यक विवरणों में पड़ना पसंद नहीं करता
हटाएंयदि फोकस सही नहीं है तो फोटोशॉप भी शार्पनेस नहीं ला पाता. शुरुआत में तो लगभग 80% फोटो इसी कारण से रिजेक्ट करने पड़ते थे. कई साल पहले जब फिल्म SLR लिया था तो मेरे द्वारा खींचे सारे फोटो अच्छे आते थे लेकिन जब-जब किसी और ने उससे मेरी फोटो ली तो फोकस का कबाड़ा कर दिया. डिजिटल के ऑटो मोड में कैमरा काफी फोटोज़ को बिगाड़ देता था इसलिए हिम्मत करके मैनुअल मोड में RAW शूट करना शुरु किया. सब हिट-एंड-ट्रायल मेथड से. बाकी वेबसाइट्स पर तो टिप्स की सीमा ही नहीं है. स्नेपशॉट्स को छोड़ दें तो अपना विज़न डेवलप करके फोटो लेना या इतना आसान भी नहीं है. तुम्हारे जैसे फोटो हर कोई क्यों नहीं ले पाता?
अपना ब्लॉग अपडेट नहीं कर रहे आजकल? मैं पुराने लेख पढ़ने अक्सर जाता रहता हूं.
धन्यवाद अमित, कार्ड वाली त्रुटि एक वेबसाइट से रेफरेंस लेने के कारण हो गई है, इसलिए मैं अनावश्यक विवरणों में पड़ना पसंद नहीं करता
हटाएंयदि फोकस सही नहीं है तो फोटोशॉप भी शार्पनेस नहीं ला पाता. शुरुआत में तो लगभग 80% फोटो इसी कारण से रिजेक्ट करने पड़ते थे. कई साल पहले जब फिल्म SLR लिया था तो मेरे द्वारा खींचे सारे फोटो अच्छे आते थे लेकिन जब-जब किसी और ने उससे मेरी फोटो ली तो फोकस का कबाड़ा कर दिया. डिजिटल के ऑटो मोड में कैमरा काफी फोटोज़ को बिगाड़ देता था इसलिए हिम्मत करके मैनुअल मोड में RAW शूट करना शुरु किया. सब हिट-एंड-ट्रायल मेथड से. बाकी वेबसाइट्स पर तो टिप्स की सीमा ही नहीं है. स्नेपशॉट्स को छोड़ दें तो अपना विज़न डेवलप करके फोटो लेना या इतना आसान भी नहीं है. तुम्हारे जैसे फोटो हर कोई क्यों नहीं ले पाता?
अपना ब्लॉग अपडेट नहीं कर रहे आजकल? मैं पुराने लेख पढ़ने अक्सर जाता रहता हूं.
सुंदर फोटोग्राफ
हटाएंसच है, अनुभव ही आगे ले जाता है।
हटाएंबहुत अच्छी तस्वीरें ली है आपने !
हटाएं