31-5-17(विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर विशेष ) तम्बाकू का जहर यशवंत कोठारी तम्बाकू `निकोटियाना” नामक पौधे की सुखी पत्तियों के रूप में पाया जात...
31-5-17(विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर विशेष )
तम्बाकू का जहर
यशवंत कोठारी
तम्बाकू `निकोटियाना” नामक पौधे की सुखी पत्तियों के रूप में पाया जाता है.
इस पौधे की लगभग 60 किस्में होती है जिनमें से केवल 2 निकोटीयाना टबेकुम और निकोटी याना रसटीका बहुतायत से उगाई जाती है. भारत में निकोटी याना टबेकम का उपयोग सिगरेट ,सिगार,चुरुट ,बीड़ी ,हुक्का और सुन्गनी के लिए किया जाता है. यह पूरे देश में उगाई जाती हैं. लेकिन निकोटीयाना रसटिका के लिए ठंडी जलवायु चाहिए , अतः:यह पंजाब,हिमाचल बिहार आसाम में होती है. भारत में हजारों करोड़ की तम्बाकू हर साल पैदा होती हैं. काफी भाग निर्यात किया जाता है. तम्बाकू की पैदावार का मूल्य व् लाभ काफी अधिक है. इस आय को मूर्खों का सोना कहा जाता है. क्योंकि इस आय के कारण कई प्रकार के नुकसान होते हैं. दवा, बीमारी , कैंसर , असामयिक मृत्यु आदि के कारण केवल अमेरिका में ही सौ करोड़ डालर का नुकसान हर साल होता है. भारत में यह नुकसान और भी ज्यादा है.
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इस फसल के कारण अधिक आय के लोभ के कारण किसान अनाज , फल सब्जी की खेती कम कर देता है. नाइजीरिया में यही हालत हो गयी है.
तंबाकू से कर व् राजस्व प्राप्त होता है,लेकिन होने वाले नुकसान ज्यादा बड़े व् भयंकर होते हैं. यदि बीमारी व् दवा को जोड़ा जाय तो तम्बाकू से नुकसान ही नुकसान है. सिगरेट,बीड़ी गुटखा, खैनी, व् अन्य प्रकार के तम्बाकू से कैंसर,पेट के रोग व् अन्य कई परेशानियाँ होती है.
बीड़ी के लिए तम्बाकू को तेंदू के पत्ते पर लपेटा जाता है . तेंदू पत्तों के कारण कई जंगल नष्ट हो गए हैं. बीड़ी बनाने वाले मजदूरों की हालत खराब हैं , इस काम में बच्चों व औरतों को लगाया जाता है बिचौलिये इनका शोषण करते हैं.
घर से का म करने के कारण मालिकों की कोई जिम्मेदारी नहीं होती. बीड़ी मजदूर कल्याण एक्ट बना है मगर इन मजदूरों को कोई फायदा नहीं मिला. तम्बाकू ,गुटका सिगरेट लॉबी बड़ी प्रभाव शाली हैं.
गुटके , पान मसाले, खैनी बनाने वाले बड़े बड़े मिल मालिक तम्बाकू में कई प्रकार की चीजें मिला देते हैं, जिनमें कुछ जीवित कीट पतंग भी हो सकते हैं. जिस से नशा आ जाता है. सिगरेट के कागज के कारण हजारों पेड़ कट जाते है, जंगल तबाह हो गए हैं. यह उद्योग जंगलों को नष्ट करने में पहले स्थान पर है. हर तीन सौ सिगरेटों के लिए एक पेड़ की बलि ली जाती है. एक रपट के अनुसार आंध्र व् तेलन्गाना रेगिस्तान में बदल रहे हैं क्योंकि वहां पर तम्बाकू की फसलों के कारण जमीन बंजर हो गयी है. काम करने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य के प्रति कोई जिम्मेदारी मिल मालिक नहीं निभाता. सरकार कभी कभी कानून के नाम पर खाना पूर्ति करती हैं. बीड़ी सिगरेट व् गुटके पर होने वाले व्यय के कारण परिवार भूखे सोते हैं , कम खाते हैं, पारिवारिक जीवन नष्ट हो रहे है. बड़ी कम्पनियां इस व्यापी से कम कर दूसरे उद्योग लगा रहे हैं. देखे देखते गु टका उद्योग कहाँ से कहाँ पहुँच गया है.
हरे तम्बाकू से सेवन से चक्कर आते हैं,सर दर्द होता है साँस लेने में परेशानी आती है. सूखी खांसी हो जाती है. मजदूरों में कैंसर टी बी ,दमा ,एलर्जी गठिया आदि हो जाते हैं. लेकिन सरकार इसके उत्पादन , वितरण पर रोक नहीं लगाना चाहती. गुटका, पान मसाला , खैनी, व् सुखी तम्बाकू बेचने वाले शक्तिशाली हैं इस लॉबी से निपटना मुश्किल है. तम्बाकू से जुड़ी कम्पनियां विज्ञापन ,व् अन्य उपायों से बिक्री बढ़ाती है. भारतीय तम्बाकू उद्योग करोड़ों रुपये बिक्री बढ़ाने में खर्च करता है. सरकार केवल डिब्बी पर चेतावनी छपवा देती है,कठोर कार्यवाही नहीं करती है.
नए किशोर लड़के इस और जल्दी आकर्षित होते हैं. वे शुरू में शौक शौक में पीते हैं फिर आदत पड़ जाती है. नयी पीढ़ी की लड़कियां भी हॉस्टल में सिगरेट का धुंआ उड़ाती है.
कई अध्ययनों से पता चला है की तम्बाकू से फेफड़ों व् मुंह का कैंसर होता है. हृदय रोग,साँस रोग भी हो जाते हैं. भारत में करोड़ों लोग इन रोगों से ग्रस्त है . प्रति वर्ष लाखों लोग तम्बाकू जनित रोगों से मर जाते हैं. धूम्रपान न करने वाला ज्यादा जीता है. अप्रत्यक्ष धूम्रपान भी बहुत हानिकारक है. बंद कमरे में पी गयी दो सिगरेटें वातावरण को बीस गुना ज्यादा दूषित करती हैं.
गर्भावस्था में धूम्र पान शिशु को नुकसान पहुंचाता है. ,बच्चा कमज़ोर हो सकता है, मरा पैदा हो सकता है. माता को भी नुकसान पहुंचता है.
आयुर्वेद में धूम्रपान को एक इलाज के रूप में प्रयुक्त करने का विधान है. हानिकारक स्मोकिंग को दवाओं के स्मोकिंग से छुड़ाया जा सकता है.
तम्बाकू किसी भी रूप में हो नुकसान ही करता है, कैंसर , से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण तम्बाकू ही है . सरकार को तम्बाकू के खिलाफ और भी कठोर कानून बनाने चाहिए ताकि जन स्वास्थ्य अच्छा रहे व् देश की प्रगति में योग दान दे सके .
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यशवंत कोठारी ८६, लक्ष्मी नगर ब्रह्मपुरी बहार जयपुर -३०२००२
मो-९४१४४६१२०७
तम्बाकू छोड़ना ही उचित है! न लोग खायेंगे ना बिमारियों के शिकार होंगे. अगर लोग सेवन बंद करें तो उत्पादन अपने आप रुक जायेगा.
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