रिलायंस सीडीएमए - अलविदा हर खूबसूरत चीज को एक दिन अपने अवसान का सामना करना ही पड़ता है. रिलायंस सीडीएमए. जब यह सुविधा प्रारंभ हुई थी, तो ...
रिलायंस सीडीएमए - अलविदा
हर खूबसूरत चीज को एक दिन अपने अवसान का सामना करना ही पड़ता है.
रिलायंस सीडीएमए. जब यह सुविधा प्रारंभ हुई थी, तो पूरे भारत में इसके जैसी कनेक्टिविटी, डेटा बैंडविड्थ की सुविधा किसी भी अन्य मोबाइल सेवा प्रदाता में नहीं थी. मात्र 25 रुपए महीने में असीमित मात्रा में रिलायंस वेब मीडिया (?) से समाचार, वीडियो, ऑडियो आदि बहुत कुछ मिला करता था. हम अकसर आजतक के लाइव वीडियो से अपने मोबाइल फ़ोन में समाचार देखा करते थे और आसपास की जनता दांतों तले उंगली दबाए आश्चर्य करती थी कि वाह - टेक्नोलॉजी इतनी आगे बढ़ चुकी है! और कनेक्टिविटी की तो क्या कहें. कॉल ड्रॉप का तो नामोनिशान नहीं था और मैंने तो चलती ट्रेन में एल जी रिलायंस सीडीएमए फ़ोन के डेटा कनेक्शन का उपयोग करते हुए विश्व का पहला, चलती ट्रेन से हिंदी में ब्लॉग पोस्ट लिखा और प्रकाशित किया था
बहरहाल.
रिलायंस सीडीएमए अब बंद हो रही है. पिछले कुछ समय से इस सेवा में व्यवधान आने लग गए थे और इसकी पैन इंडिया कनेक्टिविटी में सेंध लग गई थी. मैंने इसका हाई स्पीड डांगल भी लिया हुआ था और उसमें 1 जीबी प्रतिमाह का लाइफ टाइम वैलिडिटी का पैक लिया हुआ था, जिसमें मुझे 1 जीबी डेटा हर महीने मुफ़्त मिला करता है. आमतौर पर इसे मैं बैकअप के तौर तथा यात्रा आदि में इस्तेमाल करता रहा हूँ. पिछले कोई सालेक भर से इसमें तमाम तरह की कनेक्टिविटी की समस्या भी आने लगी थी और एक तरह से यह अप्रायोगिक ही हो गया था.
इस बीच अभी मैंने अपने इस डांगल से इंटरनेट कनेक्ट करने की कोशिश की तो यह मुझे 4जी अपग्रेड पन्ने पर ले गया.
तो पता चला कि रिलायंस की सीडीएमए सुविधा अब पूरी तरह बंद हो रही है. और तमाम सीडीएमए ग्राहकों को रिलायंस 4 जी में अपग्रेड करना होगा.
मैंने जब अपना पहला पहला स्मार्ट टाइप का फ़ोन लिया था, तो नोकिया सीडीएमए 7265 लिया था. सीडीएमए के लिए अच्छे फ़ोन भारत में रिलीज ही नहीं होते थे. एलजी का एक दो मॉडल आता था, एकाध सेमसुंग का आता था और नोकिया का तो केवल यही था. और जब पूरी तरह स्मार्टफ़ोन खरीदने का समय आया तो मजबूरन जीएसएम फ़ोन लेना पड़ा था और सीडीएमए को अलविदा कर नंबर पोर्ट करना पड़ गया था. दरअसल सीडीएमए टेक्नोलॉज़ी है तो जीएसएम से सुपीरियर, परंतु बैटरी बहुत खाने के कारण और अच्छे ब्रांड के फ़ोनों की अनुपलब्धता के कारण यह टेक्नोलॉजी लोगों के बीच लोकप्रिय नहीं हो पाई. और अब यह बंद हो रही है और सभी उपभोक्ताओं को रिलायंस 4 जी में अपग्रेड करना होगा. कायदे से यह अपग्रेड की प्रक्रिया एकदम आसान और स्मूथ होना चाहिए.
मगर, अभी भी रिलायंस सीडीएमए से - 4जी में माइग्रेशन में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है. और आसान तो बिलकुल नहीं है.
आजकल के 24X7 कनेक्टिविटी के जमाने में मेरे वर्तमान रिलायंस सीडीएमए डांगल से नेटकनेक्ट+ बंद हो गया है. केवल लो स्पीड डेटा से कनेक्ट हो रहा है. अपग्रेड ऑप्शन भरने के 24 घंटे बाद भी इसका नया सिम एक्टिव नहीं हुआ है. अर्थ यह कि यदि मैं डेटा के लिए केवल रिलायंस सीडीएमए पर निर्भर होता तो अब तक मेरे ऊपर फ्रस्ट्रेशन का बड़ा अटैक आ चुका होता. शुक्र है कि मेरे पास ब्रॉडबैण्ड का एक अन्य प्लान भी है.
इस माइग्रेशन में एक और झटका हमें लगा है. ऊपर जो डांगल देख रहे हैं वो कोई दो हजार रुपयों में खरीदा गया था. माइग्रेशन के पूरा होते ही यह कूड़ा बन जाएगा. और हमें कोई इतनी ही कीमत का 4 जी डांगल / वाईफ़ाई राउटर जैसा कुछ उपकरण लेना होगा. चूंकि मेरे पास लाइफटाइम वैलिडिटी वाला प्लान है, और इसे मैं खोना नहीं चाहता इसलिए यह बेमतलब का खर्च झेलना होगा. खैर.
अलविदा रिलायंस सीडीएमए. हमारी ऑनलाइन उपस्थिति और ऑनलाइन इमेज, व्यक्तित्व बनाने में आपका भी बड़ा योगदान रहा है. उम्मीद करें कि 4जी एलटीई अपग्रेड में भी अनुभव उतना ही उन्नत और बेहतर होगा.
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 02-06-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2361 में दिया जाएगा
हटाएंधन्यवाद
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति ब्लॉग बुलेटिन - अलविदा ~ रज्जाक खान में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
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