101 ई-शिष्टाचार एक समय था, जब आदमी जेंटलमेन (सभ्य पुरुष) होता था और स्त्री - लेडी. परंतु आज? आज हम रोज कुछ इस तरह के प्रश्नों का सामना...
101 ई-शिष्टाचार
एक समय था, जब आदमी जेंटलमेन (सभ्य पुरुष) होता था और स्त्री - लेडी. परंतु आज? आज हम रोज कुछ इस तरह के प्रश्नों का सामना करते हैं – “क्या यह ठीक होगा कि मैं किसी अजनबी के फ़ेसबुक मित्र निवेदन को अनदेखा कर दूं?” “रेस्त्रॉ में टेबल पर मोबाइल फ़ोन रखना क्या शिष्टाचार के विरुद्ध है?” या “कैफ़े कॉफ़ी डे के फ्री वाई-फ़ाई को मैं बिना कुछ ऑर्डर किए कितनी देर तक मुफ़्त में प्रयोग करता रह सकता हूँ?”
डिजिटल लाइफ़ स्टाइल हमारे दैनिंदनी जीवन और आचार व्यवहार तथा शिष्टाचार में बड़ी मात्रा में परिवर्तन ला रहे हैं. अब लाख टके का सवाल ये है कि ऐसे में, नए, डिजिटल जमाने में ई-शिष्टाचार सीखने के लिए हम किसकी शरण में जाएँ?
यहाँ पर ई-एटीकेट में संकलित 101 ई-शिष्टाचारों को विशेष अनुमति से खास आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं. इन ई-शिष्टाचारों को लंबे समय के अंतराल में तमाम प्रयोक्ताओं के सुझावों के आधार पर संकलित किया गया है, और हर किसी के लिए उपयोगी हैं. तो, आपके लिए पहला शिष्टाचार यह है कि इसे अधिकाधिक लोगों तक प्रेषित करें ताकि हम सबका डिजिटल जीवन शिष्टाचार मय हो.
ई-शिष्टाचार – 51-60
51. आपका मोबाइल फ़ोन दूसरों से संपर्क में बने रहने के लिए है. यदि यह अकसर बंद या बिजी मिलता है या नौ-रिप्लाई होता है तो फिर किस काम का? इसीलिए इन बातों का ध्यान रखें.
52. आप अपने ऑनलाइन फ़ोटो और अवतारों पर ध्यान दें. स्वयं फूल कर कुप्पा दर्शाने वाली फ़ोटो न लगाएँ.
53. चित्रों, पोस्टों में टैग विषयानुरूप लगाएँ, अन्यथा नहीं ही लगाएँ.
54. घरेलू, पार्टी, दोस्तों के बीच मस्ती के और बदन दर्शाती फोटुएँ निजी संग्रह के लिए ही होती हैं, इंटरनेट पर खुलेआम प्रदर्शन के लिए नहीं. ऐसे चित्र नेट पर अपलोड कर ही रहे हैं तो प्राइवेट एलबम में करें और उसे सिर्फ निमंत्रितों के लिए सुरक्षित रखें.
55. अपने स्वयं के फ़ोटो बार बार प्रदर्शित करने से बचें.
56. सार्वजनिक या ऑनलाइन प्रयोग हेतु सार्वजनिक स्थल पर कोई फ़ोटो ले रहे हों तो इस बात का खयाल रखें कि कोई अजनबी फ्रेम में न आ जाए. किसी अजनबी को दर्शाती फोटो नेट पर न लगाएँ.
57. सिर्फ वही फोटो नेट पर अपलोड करें जिन्हें आपकी माता जी भी बिनी किसी समस्या के, प्रेमपूर्वक देख सकती हों.
58. पुराने मित्रों से जिनसे आउट आफ टच हो चुके हैं, यदाकदा वार्तालाप कर लें. ऐसे समय साधारण हैलो लिखना भी लंबे ई-मेल जितना प्रभावकारी होता है.
59. मित्रता बनाते समय अपने व अपने कनेक्टेड मित्रों के बारे में भी लिखें.
60. सोशल नेटवर्किंग में अपने करीबी संबंधियों, सहयोगी कर्मियों या अपने बॉस को मित्र रूप में शामिल करने से पहले दोबारा सोच लें.
60वाँ तो अजीब है!
जवाब देंहटाएं57th के लिये हैट्स-ऑफ़।
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