जब शहर की सड़कों पर खुदाई की मार पड़ी तो एंटरटेनमेंट का बाप माईवे आईपीटीवी (माईवे आईपीटीवी की एक विस्तृत समीक्षा यहाँ भी देखें) हर पंद्रह...
जब शहर की सड़कों पर खुदाई की मार पड़ी तो एंटरटेनमेंट का बाप माईवे आईपीटीवी (माईवे आईपीटीवी की एक विस्तृत समीक्षा यहाँ भी देखें) हर पंद्रह दिनों में लंबे समय के लिए बिला-नागा बंद होने लगा, और साथ ही साथ इसमें एचडी (हाई-डेफ़िनिशन) की संभावना दूर-2 तक दिखाई नहीं दी तो फिर तो विकल्पों की तलाश लाजिमी ही थी.
अब सवाल ये था कि उपलब्ध डीटीएच सेवाओं में से किसे लिया जाए, जिसमें एचडी की भी सुविधा हो और रेकार्डिंग की भी. एयरटेल से अपनी जीभ जला चुका था, लिहाजा वो तो विकल्पों में से पहले ही आउट था.
रिलायंस डीटीएच में 250 से भी ज्यादा चैनल एचडी जैसी (कृपया जोर से ध्यान दें, जैसी शब्द पर) क्वालिटी में उपलब्ध है. मगर यह एचडी जैसी क्वालिटी फुल एचडी नहीं है, महज अपस्केल्ड क्वालिटी है. और, साथ ही इसकी साइट पर कहीं भी होमथियेटर/डीटीएस की 5.1 या 7.1 सराउंड साउंड सुविधा के बारे में दावा नहीं किया गया है अतः यह भी विकल्पों से बाहर हो गया.
जीटीवी के प्लेटफ़ॉर्म में भी 30 से अधिक चैनल एचडी क्वालिटी में देने का वादा किया जाता है, मगर आज की स्थिति में उसमें भी कुछेक चैनलों को छोड़कर बाकी सभी अपस्केल्ड ही हैं - ट्रू एचडी / फुल एचडी नहीं.
टाटा स्काई में वैसे तो सिर्फ 8 एचडी चैनल हैं, मगर फ़ालतू का कन्फ़्यूजिंग दावा नहीं किया गया है. इसमें 7.1 सराउंड साउंड तक की क्षमता का समर्थन है तथा रेकार्डिंग के लिए 500 जीबी जगह के साथ साथ सीरियल रेकार्डिंग व मोबाइल के जरिए रिमोट रेकार्डिंग की भी सुविधा है. साथ ही बैकग्राउण्ड रेकार्डिंग और लाइव चैनल को पॉज करने की भी सुविधा साथ साथ है. इस लिहाज से यह एक बेहतर चुनाव है.
तो, यदि आप अपने नए फुल एचडी युक्त एलसीडी/प्लाज्मा टीवी या कंप्यूटर मॉनीटर (मैंने अपने सेमसुंग सिंक मास्टर पी 2370एमएस में इसे लगाया है) में एचडी डीटीएच लगवाना चाहते हैं तो टाटा स्काई प्लस एचडी एक उत्तम विकल्प होगा.
इस कनेक्शन के साथ बस एक समस्या है कि आपको सिर्फ एचडीएमआई केबल ही मिलता है और आपको सेट टॉप बॉक्स से अपने सराउंड साउंड सिस्टम को जोड़ने के लिए कोएक्सियल अथवा ऑप्टिकल केबल बाजार से खरीदना होगा. बाजार में ये 50-100 रुपए में ही मिल जाते हैं, मगर चूंकि ये ज्यादा प्रचलित नहीं हैं अतः थोड़ी खोजबीन करनी होगी. 5.1 अथवा 7.1 सराउंड प्रभाव के लिए ऑप्टिकल केबल ज्यादा उपयुक्त होता है. टाटा स्काई मार्केटिंग विभाग ने भले ही यह केबल नहीं देकर थोड़ी सी बचत कर ली हो, मगर यह एक निहायत ही घटिया किस्म की बचत है. बल्कि टाटा स्काई एचडी प्लस की मार्केटिंग करने वालों को तो इसे प्लस पाइंट बता कर व इसकी मार्केटिंग करनी चाहिए ताकि यदि घर में पहले से नहीं हो तो आदमी केबल देखकर ही 5.1/7.1 साउंड सिस्टम ले आए!
नेशनल जियोग्राफ़िक पर हाईडेफ़िनिशन में कीट-पतंगों को देखना एक रोचक अनुभव रहा. साथ ही, स्टार गोल्ड पर कुछ हिंदी फ़िल्मों (जैसे कि बॉलीवुड की अलादीन) को डॉल्बी डिजिटल 5.1 सराउंड साउंड (फ़िलिप्स एचटीएस 3578) के साथ, बिना किसी विज्ञापन (हाल-फिल-हाल?) के देखना भी अलग किस्म का अनुभव रहा (क्योंकि कोई भी टॉकीज चाहे वो कितना ही डीटीएस सर्टिफ़ाइल मल्टीप्लैक्स क्यों न हो, आवाज तो सिरदर्द पैदा करने लायक कानफ़ोड़ू ही होता है).
मामाश्री ,
हटाएंभारत में कोई DTH पर इन्टरनेट दे रहा है क्या ?
मैं इन सबके लिए अभी कुछ समय और इंतज़ार करूंगा. मुसीबत यह है के यदि मैं दो साल बाद इन्हें लेने की योजना बनाऊँ तो तब तक और भी नई तकनीक और चीज़ें आ जायेंगीं. फिलहाल तो एकरूपता का होना असंभव ही लग रहा है.
हटाएंएच डी का मार्केट बहुत तेजी से बदलेगा ऐसा लगता है... वर्तमान सिमित एच डी सेवाओं के चलते मैंने तय किया है की एक साल बाद इसके बारें में सोचा जाएगा... तब तक रेगुलर डी टी एच से गुजारा करेगें....
हटाएंthanks for review..
मुझे टाटा स्काई के एक व्यक्ति ने ही सलाह दी कि अभी एचडी चैनल लेना उचित नहीं है।
हटाएं@आशीष जी,
हटाएंटाटा स्काई के सेटटॉप बॉक्स में यह फ्यूचर रेडी सुविधा है. मतलब अभी तो नहीं, मगर भविष्य में शायद ये संभव हो.
@निशांत जी, रंजन जी, प्रवीण जी,
मार्केट तो बदलेगा, और डीटीएच में एचडी सुविधाएँ बढ़ेंगी, मगर यदि आपके पास पहले से एचडी टीवी है तो अपना सेटटॉप बक्से को एचडी में अपग्रेड करने का यही उचित समय भी है. और यकीन मानिए, आपको पछतावा नहीं होगा. खासकर 500 जीबी के स्टोरेज कैपेसिटी में 600 घंटे से ऊपर की रेकॉर्डिंग आप शेड्यूल कर सकते हैं और अपने मनचाहे समय में अपने मनचाहे चैनलों व प्रोग्राम का कभी भी आनंद ले सकते हैं. यह एक और प्लस पाइंट है - टाटा स्काई प्लस एचडी का.
अगर तामसिक चैनलों की चाह न हो तो फ़्री टू एअर वावा डब्बा सबसे बढ़िया विकल्प है. किसी से दुआ सलाम की ज़रूरत नहीं. गॉंव में कई साल पहले लगवाया था आजतक बल्ले बल्ले है :-))
हटाएंरवि जी, नई तकनीक के प्रति आपकी दीवानगी देख आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता होती है। अपन को तो टीवी का शौक नहीं, वर्ना इस बारे में सोचता जरूरत। वैसे इस तकनीकी जानकारी के लिए शुक्रिया।
हटाएंऔर हां, इस तरह की पोस्ट लिखने के पहले एक बार कम्पनी वालों से बात कर लिया करिए, शायद ब्लॉग की एलेक्सा रैंक देखकर.....
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आई साइबोर्ग, नैतिकता की धज्जियाँ...
अब रवि जी मेरे पास एयरटेल का Dth है, लकिन अभी इसे HD में बदलने का इरादा नहीं है, और मेरे लैपटॉप में HD रेडी 13366*768 का resulation मिल जाता है, और अभी टी वी लेने का badgat नहीं है अगर मैंने पापा से इसकी चर्चा भी की तो फालतू में गाली ही मिलने वाली है, अभी लैपटॉप से काम चलाते है, जानकारी के लिए आपका बहुत बहुत धन्यबाद |
हटाएंरवि जी, साइड पटटी में सिंगल्स् इंडियन के झकास फोटो देखकर मन भ्रमित होने को होता है, बडी मुश्किल से कंट्रोल करता हूं। वैसे इससे कुछ कमाई-वमाई हो रही हो तो बताइए, मैं भी लगाता हूं अपने ब्लॉग पर। हो सकता है, इसी से कुछ विजिटर बढ़ जाएं।
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