तमाम छोटे-बड़े शहरों में मॉल खुल रहे हैं. कुछ दिनों के बाद गांवों की भी बारी आई ही समझिए. हाल ही में मेरे शहर में एक और मॉल खुला. मॉल के अंद...
तमाम छोटे-बड़े शहरों में मॉल खुल रहे हैं. कुछ दिनों के बाद गांवों की भी बारी आई ही समझिए. हाल ही में मेरे शहर में एक और मॉल खुला. मॉल के अंदर एक मॉल खुला – हाइपर सिटी. कल कुछ चहलकदमी हाइपर सिटी के भीतर की गई तो कुछ नायाब अनुभव हुए. लाइफ का हाइपर-सिटिआइज़ेशन हो ही गया समझिए.
वेजिटेबल सेक्शन में कुछ आयातित फलों को पहली बार देखने-छूने और (बाद में खाने) का आनंद मिला. एक बड़ा ही सुंदर फल दिखा चायनीज़ ड्रैगन :
सवाल उठा कि इसे कैसे खाते होंगे? नेट पर एक मनोरंजक, पूरे 8 पृष्ठों का गाइड मिला, जिसका आधी पंक्ति में सार ये था कि काटिए, गूदा खाइए और छिलका फेंक दीजिये!
धन्यवाद हाइपर सिटी. बाजारों में अटे पड़े चीन के बने खिलौनों से लेकर कंप्यूटर हार्डवेयर और न जाने क्या क्या इलेक्ट्रॉनिक गॅजेटों पर हाथ आजमाया था. ये चीनी ड्रैगन छूट रहा था. उसका भी स्वाद चख लिया हमने.
हाइपर सिटी में ही एक और चीज दिखी.
आपने सूखे हुए डोंड़का / गिलकी के सूखे रेशे का प्रयोग स्नान करते समय प्राकृतिक बॉडी स्क्रबर के रूप में शायद किया हो. ये तो लगभग मुफ़्त मिलता है, और साप्ताहिक हाट बाजारों में 2-3 के लिए 5-10 रुपए से अधिक नहीं.
इसे बड़े सुंदर आकार में काट कर दबा कर बढ़िया पैकिंग में बेचा जा रहा था. कीमत – 99 रुपए!
99 रुपए का लूफ़ा?
लाइफ का परफ़ेक्ट हाइपर-सिटिआइज़ेशन?
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चलते चलते -
प्यूरेस्ट गंगाजल कहाँ मिलता है? गंगोत्री में?
गलत. वो तो आजकल पाउचों में, पांच रूपए की आरंभिक कीमत में मिलता है-
मॉल घुमाई,
हटाएंपूर्ण लुटाई।
काटिए, गूदा खाइए और छिलका फेंक दीजिये! ...
हटाएंचायनीज़ फंडा एक ही है चाहे कुत्ता हो, चाहे सांप हो या फिर फल...
मॉल में वही जाए जिसकी जेब में माल हो और जो माल-मत्ता लुटाने का हौसला तथा हैसियत रखता हो। आप वहॉं गए और खरीदी की। हमें गर्व हुआ। राजा न बन पाने का दुख, राजाओं की संगत में रह कर कम कर लेते हैं।
हटाएंग्राहक इतना तैयार बैठा है कि इतने पर भी लगता है मानों बाजार पिछड़ रहा हो.
हटाएंravi ji,ganga snan pouch se hi karwane ke liye bahut bahut dhanyavaad..
हटाएंइस चायनीज़ ड्रैगन का स्वाद तो बताया ही नहीं आपने.
हटाएंहाइपर सिटी हम भी जाते हैं किसी दिन.