वर्डप्रेस में अपने स्वयं के चिट्ठे पर एडसेंस जैसी सुविधा लगाने के लिए आपको स्वयं का डोमेन लेना होता है और स्वयं ही वर्डप्रेस का प्रबंधन क...
वर्डप्रेस में अपने स्वयं के चिट्ठे पर एडसेंस जैसी सुविधा लगाने के लिए आपको स्वयं का डोमेन लेना होता है और स्वयं ही वर्डप्रेस का प्रबंधन करना होता है. हमारे जैसे मुफ़्त खोरों के लिए वर्डप्रेस डॉट कॉम की सुविधा ही ठीक लगती है, परंतु उसमें हम बहुत सी सुविधाएँ मनमर्जी से लगा नहीं सकते – जैसे कि एडसेंस.
ब्लॉग.को.इन यह सुविधा प्रदान कर रहा है.
मैंने एक जांच खाता खोला और एक जांच पोस्ट बनाया. कुछ प्रयोगों के पश्चात् मेरे निष्कर्ष ये रहे –
यह एडसेंस लगाने की सुविधा ब्लॉगरों को दे तो रहा है, परंतु इसमें एडसेंस प्लगइन जैसा कुछ लगा है जो एडसेंस को रेंडमली प्रदर्शित करता है. इसमें लोचा यह है कि कोई तीन दफ़ा पेज लोड करने पर उपयोक्ता का एडसेंस एक बार दिखता है, तो ब्लॉग को इन का दो बार (औसत रूप से, इसका उलटा भी हो सकता है – संभाव्यता कुछ भी हो सकती है). यानी आपके कंटेंट और आपकी सामग्री पर ब्लॉग को इन का फ़ायदा. भई, ये बात स्पष्ट कहीं पर लिख देते तो अच्छा होता. प्रयोक्ता इतने नासमझ भी नहीं हैं!
दूसरी बात, जब भी आप इसके किसी भी ब्लॉग का पेज लोड करते हैं तो इसका अंतर्निर्मित स्वचालित आरएसएस सब्सक्रिप्शन पॉप अप विंडो प्रकट करता है जो आपसे पूछता है कि क्या आप इसकी ग्राहकी लेना चाहेंगे? पाठकों को इतना बेवकूफ़ समझ रखा है क्या जो बार बार पूछने से तंग आकर सब्सक्रिप्शन ले लेंगे? या फिर, विंडोज विस्ता से टिप ले ली है जो हर काम के लिए आपसे पॉप अप विंडो के जरिए पूछता रहता है...
कुल मिलाकर एक बेहद बकवास किस्म की सेवा. एकदम डेस्पेरेट लोग ही शायद इसमें खाता खोलें. प्रोफ़ेशनलिज़्म का नामोनिशान नहीं. पर हाँ, इन समस्याओं को वे दूर कर दें, तो इस सेवा के लोकप्रिय होने में देर नहीं लगेगी. क्योंकि ऐसी कोई सेवा जो वर्डप्रेस आधारित ब्लॉग बनाने की मुफ़्त सुविधा प्रदान करे जिसमें चिट्ठाकार अपने स्वयं के कुछ विशिष्ट गॅजेट जैसे कि एडसेंस लगा सकें, मेरी जानकारी में तो नहीं है. (आपको पता हो तो साझा करें)
प्रसंगवश, तरकश पर मुफ़्त ब्लॉग सेवा भी हाल ही में प्रारंभ की गई है, जो बहुत ही प्राथमिक स्तर का प्रतीत होती है. मेरा लिखा जांच पोस्ट देखें. तरकश ब्लॉग सेवा से निवेदन है कि ऊपर दिए गए ब्लॉग.को.इन की समीक्षा से प्रेरणा लें और उसकी कमियों को दूर करते हुए नए किस्म की सेवा प्रदान करें, तो उनकी सेवा भी बखूबी चल निकलेगी.
अब समझ आया कि गूगल का ब्लागर क्यों इतना प्रसिद्ध है. ब्लागर में हम टेम्प्लेट मन मुताबिक लगा सकते हैं. उसमें एडीटिंग कर सकते हैं. और हर प्रकार के एड भी लगा सकते हैं.
हटाएंBIGADDA और ibibo के बारे में भी लिखें.
हटाएंयानी आपके कंटेंट और आपकी सामग्री पर ब्लॉग को इन का फ़ायदा.
हटाएंवे लोग आपको फ्री में ब्लॉग बनाने और कमाई करने का साधन भी तो दे रहे हैं! अब यदि वे लोग खुद नहीं कमाएँगे तो सर्वर आदि का खर्चा कहाँ से निकालेंगे? ज़ाहिर सी बात है कि बिना कमाई अपनी जेब से तो देने से रहे!
अमित जी आपका कहना सही है, परंतु इस बात को स्पष्ट करना चाहिए था. उपयोक्ताओं को क्यों नहीं बताया गया है कि एडसेंस रेंडम प्रदर्शित होगा - कभी उपयोक्ता का तो कभी ब्लॉग को इन का. इससे तो बेहतर ये होता कि किसी फिक्स स्थान पर तयशुदा विज्ञापन ब्लॉग को इन के होते बाकी मनमाफिक जगह उपयोक्ताओं के.
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