नन्हें मुन्ने बच्चों के लिए मरफ़ी के नियम • जब आप अपने बच्चे को गोद में उठाकर चलना चाहते हैं तो वे हर हाल में खुद अपने पैरों पर चलना चाहते ...
नन्हें मुन्ने बच्चों के लिए मरफ़ी के नियम
• जब आप अपने बच्चे को गोद में उठाकर चलना चाहते हैं तो वे हर हाल में खुद अपने पैरों पर चलना चाहते हैं.
• जब आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खुद अपने पैरों से चलकर जाए तो वे किसी सूरत आपकी गोद नहीं छोड़ते हैं.
• जब आप बच्चा-गाड़ी लाते हैं, तो वह उसपर बैठकर नहीं, उसे धकेल कर चलना चाहते हैं.
• जब आप बच्चा-गाड़ी लाना भूल जाते हैं तो वो बच्चा-गाड़ी में जाने की जिद करते हैं.
• किसी भोजन में जितना ज्यादा, गहरा और स्थाई धब्बा बनाने की क्षमता होती है, उस भोजन में किसी बच्चे के द्वारा कपड़ों में फैलाए जाने की उतनी ही ज्यादा संभावना होती है.
• उप-प्रमेय - किसी भोजन में स्थाई धब्बा लगाने की जितनी ज्यादा क्षमता होती है, उस भोजन के किसी बच्चे के द्वारा उतने ही मंहगे कपड़े व फर्नीचर पर फैलाए जाने की उतनी ही अधिक संभावना होती है.
• किसी बच्चे को आज जो पसंद है वह कभी भी कल पसंद नहीं होगा (विशेष रुप से भोजन).
• किसी बच्चे के द्वारा गलती (या शैतानी) करने पर उसके अभिभावकों की झल्लाहट आसपास मौजूद व्यक्तियों की संख्या के सीधे अनुपात में होती है.
• मेरा खिलौना नियम : यदि यह मेरा है, तो यह सिर्फ मेरा है,
यदि यह तुम्हारा है, तो भी यह मेरा है,
यदि यह मुझे पसंद है, तो यह मेरा है,
यदि इसे मैं आपसे ले सकता हूँ, तो यह मेरा है,
यदि मैं किन्ही चीजों से खेल रहा हूँ, तो वे सबकुछ मेरे हैं,
यदि मैं सोचता हूं कि यह मेरा है, तो फिर यह मेरा है,
यदि मैंने इसे पहले देखा है तो फिर यह मेरा है,
यदि मैंने इसे लेकर कहीं छोड़ कर रख दिया है, तब भी यह मेरा है,
यदि आपने इसे लिया हुआ है, तब भी यह मेरा है,
यदि मैंने या किसी ने इसे छुपाया हुआ है, तब भी यह मेरा है,
यदि यह उसके जैसा दिखता है जैसा कि मेरे घर में है, तो यह मेरा है,
• यदि यह टूट गया है, तो यह तुम्हारा है.
• यदि मैं पसारा फैलाता हूँ तो साफ तुम्हें करना होगा.
• यदि मैं इसे तोड़ता हूँ, तो यह मेरी नहीं तुम्हारी गलती है.
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• एक अभिभावक जितना जोर से चिल्लाकर, जितना ज्यादा देर तक और बारंबार समझाने की कोशिश करेगा किसी बच्चे के द्वारा उसे समझे व अपनाए जाने की संभावना उतनी ही कम होगी.
• किसी भोजन को बनने में जितना ज्यादा ऊर्जा, सामग्री व समय लगता है, किसी बच्चे के द्वारा उसे खाए जाने की संभावना उतनी ही कम होती है.
• कार (या बस) जैसे ही चलने को होती है, उसमें सवार बच्चों को सूसू करने की तीव्र आवश्यकता महसूस होती है.
• जो कपड़े/जूते आप इस हफ़्ते खरीद लाए हैं, वे अगले हफ़्ते या तो बच्चे को फिट नहीं होंगे या फिर वे बच्चे को पसंद नहीँ आएंगे.
• किसी दूसरे कमरे से आती हुई आवाज के उलटे अनुपात में वहाँ मौजूद बच्चे द्वारा की जा रही शैतानियाँ होती हैं.
• अपने कार की सीट कवर के लिए आप जितना ज्यादा रकम खर्च करते हैं, आपका बच्चा उसे उतना ही कम पसंद करता है.
• जब भी आप जल्दी में होते हैं, आपका बच्चा बिला वजह देरी करता है.
• आपका फ़ोन कॉल जितना ज्यादा महत्वपूर्ण होगा, आपका नन्हा उतना ज्यादा ही जोर से रोएगा या कमरे के दूसरे कोने में उतना ही ज्यादा उत्पात मचाएगा.
• झूलाघर की सुलभता व उपलब्धता आपकी आवश्यकता के उलटे अनुपात में होती है.
• आपका नन्हा हमेशा इस बात का इंतजार करता है कि कब आप काम पर जाने के लिए तैयार हों, तब फिर वह आपके कपड़ों को अपना भोजन फैलाकर या किसी अन्य तरीके से खराब करे.
• जब आप चाहते हैं कि आपका नन्हा सोए, वह आँखें फाड़कर जागता है, धमाल मचाता है. और जब आप चाहते हैं कि वह जागे, बेहोशी में सोता रहता है.
मरफ़ी के कुछ अन्य नियम यहाँ पढ़ें:
मरफ़ी का भारतीय घरेलू महिलाओं हेतु नियम
मरफ़ी के घरेलू व कंप्यूटरी नियम
मरफ़ी के नियम तो सार्वभौमिक और सर्वकालिक लगते हैं. हा हा.. क्या मरफ़ी ने कुछ नियम ब्लॉगियों के लिए भी बनाए हैं? विशेषकर कवि ब्लॉगियों के लिए?
हटाएंमरफि के नियम सत्य के निकट व पढ़ने में मनोरंजक होते हैं. आप हर नियम पर मुस्कुरा रहे होते हैं.
हटाएंनिरज भाई की मांग एकदम सही हैं. कुछ नियम ब्लॉगियों के लिए बनाए है तो खोज कर बताएं.
बेहतरीन है...
हटाएंलाजवाब!
हटाएंइस बार तो वाकई मजा आ गया, खासकर खिलौने वाले नियम तो बहुत ही मजेदार थे।
बहुत बढीया लिखा है रवी भाई - मैं ने आज ही देखा एक न्नहा सा बच्चा अपनी गाडी को खुद धकेलते हुए जा रहा था सब लोग उसे ननहे बच्चे को देख कर मुसकुरा रहे थे और जब उसकी मां ने उसे बच्चा गाडी मे बिठाया तो वोह ननहा रोने लगा।
हटाएंहम पीडितों की दुखती रग पर हाथ रख दिया । यही गनीमत है कि सबके साथ ऐसा होता है :-)
हटाएं...यही गनीमत है कि सबके साथ ऐसा होता है...

हटाएंवैसे, मरफ़ी के तमाम नियमों में अकसर सबके साथ वैसा ही होता है जैसा नियम कहते हैं
इसीलिए तो वे मरफ़ी के नियम हुए!
ये बिलकुल सही है
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