इतवार की अलसाई सुबह जब मैंने अपनी रेकॉर्डिंग सुविधा युक्त टीवी को खोलना चाहा यह देखने के लिए कि कपिल शर्मा अपने फूहड़, रोस्टिया अंदाज में द...
इतवार की अलसाई सुबह जब मैंने अपनी रेकॉर्डिंग सुविधा युक्त टीवी को खोलना चाहा यह देखने के लिए कि कपिल शर्मा अपने फूहड़, रोस्टिया अंदाज में दर्शकों को हंसाने या खिजाने की कोशिश में कितना कामयाब या नाकामयाब रहा या अर्नब गोस्वामी ने अपने तथाकथित टॉक शो में इस बार किन लोगों को बुलाकर नहीं बोलने दिया, तो पता चला कि वह टीवी अपडेट हो रहा है, उसका सॉफ्टवेयर – फर्मवेयर अपडेट हो रहा है और अभी कोई घंटा भर आप उसका उपयोग नहीं कर सकते. इससे पहले भी मेरा टीवी कोई दर्जन भर अपडेट मार चुका है और मुझे तो इसके चाल-चलन में कोई परिवर्तन प्रकटतः नहीं दिखाई देता. यह स्टार प्लस को स्टार प्लस ही दिखाता है. अपडेट के बाद स्टार प्लस को स्टार डबल प्लस दिखाता तो कोई बात थी. हुँह..
फिर सोचा, चलो, अपना फ़ोन ही उठा लिया जाए और समाचारों से अपडेट हो लिया जाए. जैसे ही फ़ोन की स्क्रीन खुली, उसका ऑटो अपडेट का एनीमेशन जीवंत हो उठा जिसमें बताया जा रहा था कि उसके सॉफ़्टवेयर संस्करण का 9.000001009 वां संस्करण अपडेट हो रहा था, जो कि सुरक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी अपडेट था. और इसे अभी, इसके इंस्टाल होते तक उपयोग में नहीं लिया जा सकता था. अब मुझे ये समझ में नहीं आता कि मेरे स्मार्टफ़ोन में ले देकर एक अदद फ़ेसबुक ऐप्प - बाई डिफ़ॉल्ट इंस्टाल है तो उसमें मुझे कैसी और क्यों सुरक्षा चाहिए. और ये स्मार्ट मोबाइल फ़ोन वाले बड़े अजीब होते हैं. परफ़ैक्ट स्मार्टफ़ोन नहीं बना सकते, जिसे सदा सर्वदा अपडेट की कभी कतई जरूरत नहीं पड़े, तो, फिर बनाते क्यों हैं? पहले के जमाने के डायलर फ़ोन या फिर नए जमाने के नोकिया 1010 फ़ोन को देखो. अपडेट जैसा कॉलम ही नहीं था यहाँ. और अभी के फ़ोन – भगवान बचाए – कभी सिस्टम अपडेट होता रहता है तो कभी ऐप्प अपडेट. याने यदि आपके फ़ोन में कभी अपडेट होता दिखाई न दे तो समझो कि आपका स्मार्टफ़ोन मर गया. उसके दिन आ गए, और अब आपको अच्छा खासा रोकड़ा खर्च कर अपने नए स्मार्टफ़ोन में अपडेट होना पड़ेगा. और, यह तो तयशुदा बात है कि आपके नए, अपडेटेड फ़ोन के सॉफ़्टवेयर और ऐप्प जरा ज्यादा जल्दी जल्दी अपडेट होंगे.
मैंने अपने अपडेट होते स्मार्टफ़ोन को एक ओर फेंका और अपना लैपटॉप ऑन किया. ये कंप्यूटर भी बड़े अजीब होते हैं. जब आप चाहते हैं कि वो जरा जल्दी चालू हों और जरा जल्दी काम करे, तभी उसका व्यस्त और इंतजार करें वाला एनीमेशन चालू हो जाता है. खैर, जब लैपटॉप का स्क्रीन चमका तो उसमें लिखा दिखा – कृपया इंतजार करें, आपके विंडोज का नया अपडेट कॉन्फ़िगर हो रहा है, तब तक इसे बंद न करें. हद हो गई. कल ही तो इसमें कोई मेजर अपडेट हुआ था, और चौबीस घंटे बीते नहीं कि ये नया अपडेट आ गया. अब बैठे रहो घंटे भर! क्या तमाशा है. दुनिया जैसे कि अपडेट के पीछे ही पागल हो रही है. अपडेट नहीं हुआ या अपडेट नहीं आया तो अंधकार मच जाएगा, सब जगह भट्ठा बैठ जायेगा.
अब मैं अपने लैपटॉप के ब्लू स्क्रीन ऑफ अपडेट को तो निहारते बैठा नहीं रह सकता था, लिहाजा सोचा कि चलो, सुबह सुबह कुछ संगीत सुन लिया जाए. मैंने अभी ही अपना म्यूज़िक सिस्टम अपडेट किया था और पुराने 5.1 सोनी सिस्टम के बदले नया, अपडेटेड फ़िलिप्स का साउंड बार लिया था, जो डॉल्बी एटमॉस सपोर्ट करता है. बताता चलूं कि डॉल्बी एटमॉस पुराने डॉल्बी डिजिटल प्लस का अपडेटेड संस्करण है, जो आपके गीत-संगीत श्रवण के आनंद को तथाकथित रूप से अपडेट कर देता है – यानी बढ़ा देता है. हालांकि जब मैंने इस अपडेटेड प्लेयर पर कुमार शानू को सुना, तो वो कुमार शानू ही लग रहा था, किशोर कुमार नहीं. बहरहाल, मैंने उसके अपडेटेड ‘मैजिक’ रिमोट में विविध भारती चैनल का बटन ऑन किया.
परंतु यह क्या? कोई संगीत नहीं बजा. मुझे लगा कि कोई दूसरा बटन दब गया होगा. या ढंग से नहीं दबा होगा. मैंने वह बटन फिर से, जोर से दबाया - मानों मैं उस बटन में, उसबटन के फंक्शन में कुछ अपडेट कर रहा होऊं. मगर, प्रकटतः वातावरण में कुछ अपडेट नहीं हुआ - कुछ नहीं हुआ, कहीं से कोई आवाज नहीं आई. क्या विविध भारती स्टेशन बंद है? नहीं यह नहीं हो सकता. इस समय तो नए, अपडेटेड किस्म के हनी मीका सिंग टाइप गाने बज रहे होंगे. जरूर कहीं कुछ अपडेटेड किस्म का गड़बड़ है. मैंने डरते डरते साउंडबार के नन्हे स्क्रीन पर नजर डाली. उस पर दिख रहा था – फ़र्मवेयर अपडेट किया जा रहा है... कृपया इंतजार करें...
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