पिछले दिनों मेरा एक बेहद पुराना सा, विंडोज १० लैपटैब जगह की कमी (अंतर्निर्मित सॉलिड स्टेट ड्राइव के कारण) आदि के कारण झकझकाने लगा और बारंबा...
पिछले दिनों मेरा एक बेहद पुराना सा, विंडोज १० लैपटैब जगह की कमी (अंतर्निर्मित सॉलिड स्टेट ड्राइव के कारण) आदि के कारण झकझकाने लगा और बारंबार के विंडोज १० अपडेट मोड में उलझ सा पड़ा तो मुझे कुछ कड़क कदम तो उठाना ही था.
तो सबसे पहले मैंने इस पर कुछ भी हाथ आजमाने से पूर्व, डेटा सहेज लिया. और कुछ जगह खाली कर लिया.
पीसी या लैपटॉप पर एंड्रायड ओएस चढ़ाना बेहद आसान है और इंटरनेट पर सैकड़ों ट्यूटोरियल हैं - लेख के रूप में भी और वीडियो के रूप में भी, जिसे आप आसानी से सर्च कर देख समझ सकते हैं.
पर असली समस्या अपने पीसी पर ड्यूअल बूट मोड में एंड्रायड का सही संस्करण चढ़ाने का है.
दरअसल एंड्रायड भले ही स्मार्टफ़ोनों पर सर्वाधिक प्रसिद्ध ओएस है, परंतु इसका पीसी पर पोर्ट अभी भी प्रायोगिक है और बेहद बिखरा बिखरा सा है.
तो मैंने कोई दर्जन भर एंड्रायड-८६ संस्करण आजमाए और आखिर में एक संस्करण पर जम पाया.
वह है एंड्रायड प्राइम ओएस (Prime OS). यह भी निःशुल्क है.
एंड्रायड प्राइम ओएस की खासियत यह है कि यह प्रायः सभी तरह के ऐप को चला सकता है, जबकि बाकी के दूसरे कहीं न कहीं समस्या पैदा करते हैं. इसका इंटरफेस विंडोज जैसा ही है, ऐप के विंडो में टॉप बार में मिनिमाइज, मैक्सीमाइज और क्लोज तीन बटन भी होते हैं. इसका विंडो आसानी से रोटेट हो जाता है. प्लेस्टोर का पूरा समर्थन है, स्वचालित अपडेट होता है. वायरलेस, ब्लूटूथ, ऑडियो आदि हार्डवेयर स्वचालित इंस्टाल हो जाते हैं और काम करते हैं. आमतौर पर कोई समस्या नहीं आती.
एंड्रायड प्राइम ओएस ३ तरह के संस्करण में आता है. यदि आपका कंप्यूटर नए तरह का ६४ बिट वाला है तो आप इसका नवीनतम प्रीमियम वर्जन ही उपयोग में लें. नहीं तो आपका सिस्टम धीमा चलेगा.
इसको पीसी पर ड्यूअल बूट मोड में चलाना भी आसान है और नेट पर दर्जनों ट्यूटोरियल हैं. इसे बूट मीडिया - जैसे कि पेन ड्राइव से लाइव भी चला सकते हैं.
पीसी पर एंड्रायड का एक बड़ा लाभ यह है कि आजकल अधिकांशतः समय मोबाइल स्क्रीन पर गुजरता है, क्योंकि ऐप का इकोसिस्टम बहुत ही उम्दा हो चुका है और तमाम सुविधाएं अब ऐप में उपलब्ध हैं. तो यदि हम अपने मोबाइल अनुभव को बड़े स्क्रीन पर पाएं तो इससे बेहतर सुविधा नहीं हो सकती.
मैंने पाया है कि एंड्रायड ओएस के ग्रब बूट लोडर इंस्टालर में विंडोज १० के बूट लोडर के साथ में कुछ समस्याएं हैं जो कि लिनक्स ओएस में नहीं हैं. तो यदि आपको भी समस्या आए तो ग्रब फ़ॉर विन का प्रयोग कर सकते हैं.
COMMENTS