रेल्वे तो नहीं, परंतु आईआरसीटीसी सुझाव मांग रही है, जो अंततः रेलयात्रियों के लिए ही फायदेमंद होगी. यदि आप भी रेल आरक्षण आदि के लिए आईआरसीटीस...
रेल्वे तो नहीं, परंतु आईआरसीटीसी सुझाव मांग रही है, जो अंततः रेलयात्रियों के लिए ही फायदेमंद होगी. यदि आप भी रेल आरक्षण आदि के लिए आईआरसीटीसी उपयोग करते होंगे तो आपके पास भी यह ईमेल आया होगा -
Dear IRCTC Users,
IRCTC is going to start Catering in trains at a very large Scale. It has already started
E-Catering Website for booking meals online which can be supplied in trains at your
seat.
IRCTC is also going to renovate and manage Railway Retiring Rooms at stations in
future.It is also in the process to launch Executive Lounges at all major Railway
Stations for Railway passenger's convenience.
You are requested to send your suggestions on any or all of the above services to
IRCTC. Suggestions may please be sent at following Mail IDs:
a) tc@irctc.co.in for Catering in Trains
b) ec@irctc.co.in for E-Catering Website
c) el@irctc.co.in for Executive Lounges
d) rr@irctc.co.in for Railway Retiring Rooms
Always at your service,
Indian Railway Catering and Tourism Corporation Limited.
उनका यह ईमेल मेरे पास सही समय पर आया. हाल ही में मैंने एक रेल यात्रा की थी तो मेरे पास एक जरूरी सुझाव था. मैने उन्हें यह सुझाव दिया है -
आदरणीय महोदय / महोदया,
हाल ही में मैं निजामुद्दीन रेल्वे स्टेशन पर उतरा. शाम को लौटना था सो सोचा कि रिटायरिंग रूम में डेरा जमाया जाए, ताकि सहूलियत हो. परंतु वहाँ देखा कि रेल्वे की रिटायरिंग रूम में जगह है कि नहीं. काउंटर पर परमानेंट लिखा हुआ था - कोई भी कमरे खाली नहीं हैं.
बाजू के बोर्ड में कमरों की संख्या दिख रही थी - कुल 2 कमरे!
दिल्ली, निजामुद्दीन रेल्वे स्टेशन में, केवल और केवल 2 कमरे.
यह क्या मजाक है.
या तो रेल्वे में रिटायरिंग रूम का फंडा खत्म कर दो या फिर इस मजाक को खत्म करो.
कम से कम सौ, दो सौ कमरे तो बनाओ. रेल्वे स्टेशन की बिल्डिंग के आसपास तमाम जगह हैं, जहाँ मल्टीस्टोरी होटल्स और कमर्शियल कॉम्प्लैक्स का निर्माण किया जा सकता है. परंतु नहीं. कोई सोच नहीं कोई प्लान नहीं.
शुक्र है कि अब इस दिशा में सोचा जा रहा है.
मेरा सुझाव है कि जगह की उपल्ब्धता और यात्रियों के आवागमन के आंकड़ों और डिमांड के मुताबिक, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत ही सही (यही उत्तम होगा, रखरखाव और परिचालन के लिए भी,) पर्याप्त रिटायरिंग रूम पर्याप्त सुविधा वाले बनाए जाएँ.
और, भगवान के लिए, निजामुद्दीन जैसे रेल्वे स्टेशन में, जहाँ हर घंटे हजारों यात्री आते जाते हैं, दिखाने के लिए 2 कमरे तो मत रखो!
सादर,
रवि
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आप भी अपने सुझाव उन्हें भेज सकते हैं. कौन जाने सही में आपके सुझावों को अमल में ले आएं!
जितनी क्षमता उतनी ट्रेन चलाओ
हटाएंक्षमता बढ़ाओ
सिंगल ट्रैक को डबल करो
जनरल डिब्बे बढ़ाओ
निर्धारित दूरी पर पैसिंजर ट्रेन अधिक चलाओ
समय पर ट्रेन चले इसकी व्यवस्था करो
पैसिंजर ट्रेन में एक टी.टी. जरूर हो जो टिकट रोज चेक करे