पर, ये वो कहानी नहीं है जिसमें शेर है. अलबत्ता कंप्यूटरी दुनिया का एक ऐसा शेर है जो चहुंओर तहलका मचा रहा है, दहाड़ें मार रहा है. मैंने पहले...
पर, ये वो कहानी नहीं है जिसमें शेर है. अलबत्ता कंप्यूटरी दुनिया का एक ऐसा शेर है जो चहुंओर तहलका मचा रहा है, दहाड़ें मार रहा है.
मैंने पहले भी थोड़ी सी झलकी इस बारे में दिखाई थी.
पर, पहले पहली बात.
मैंने अपना सबसे पहला कंप्यूटर, कोई 18 वर्ष पहले, 1994 में खरीदा था, 40 हजार रुपयों में, अपने जीपीएफ़ के पैसे से लोन लेकर. उसका स्पेसिफ़िकेशन था –
486 प्रोसेसर 433 मे. हर्त्ज, 8 मे.बा. रैम, 1 जीबी हार्ड-डिस्क. चूंकि यह रतलाम में उस वक्त उपलब्ध नहीं था, तो इसे मुंबई से मंगवाया गया था – पूरे पैसे एक हफ़्ते पहले एडवांस में देकर. यह मिनि-टॉवर केबिनेट विशाल आकार में आता था, जो नया नया चला था. चलते समय यह गर्म हो जाता था और इसके पावर सप्लाई का पंखा बड़ी आवाजें करता था. कुल पॉवर खपत था - 80 वॉट से अधिक (मॉनीटर का अलग)
और, अभी हाल ही में मैंने अपना नया कंप्यूटर खरीदा. क्रेडिट कार्ड के आकार का. महज 2400 रुपयों में. (वैसे तो इसकी असली कीमत 1200 रुपए (25 डॉलर) है, परंतु तमाम टैक्स और शिपिंग खर्चे मिलाकर यह मुझे दो-गुनी कीमत में मिला). अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि टेक्नोलॉजी कहाँ से कहाँ पहुँच गई है!
(सेमसुंग 22 इंच मॉनीटर के नीचे वास्तविक आकार के गौरैया के पैरों के पास वास्तविक आकार का रास्पबेरी पाई कंप्यूटर है - जो कि वस्तुतः एक सर्किट बोर्ड ही है)
इस क्रेडिट-कार्ड आकार कंप्यूटर का स्पेसिफ़िकेशन है –
ARM प्रोसेसर - 700 मे.हर्त्ज, 512 मेबा रैम, 2 जीबी एसडी कार्ड. इसे मैंने इंटरनेट पर घर बैठे खरीदा, कैश ऑन डिलीवरी पर. – और इस सेंसेशनल कंप्यूटर का नाम है – रास्पबेरी पाई. चूंकि इसका आकार ही क्रेडिट कार्ड जितना है, अतः इसकी बिजली की खपत बेहद कम है. चार पेंसिल सेल से अथवा अपने मोबाइल चार्जर से इसे चला सकते हैं. और, सांसें थाम लीजिए - कुल पॉवर खपत है 1 वॉट से भी कम. पंखा-आवाज-रहित.
रास्पबेरी पाई – पिछले छः महीने से अधिक समय से इसकी इतनी मांग है कि पूर्ति नहीं हो पा रही है और लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मैंने भी बैक-ऑर्डर बुकिंग कर इसे मंगवाया तो कोई पंद्रह दिन बाद मेरा नंबर लगा. पहले यह प्रतीक्षा समय और भी अधिक था.
(रास्पबेरी पाई कंप्यूटर - गौरैया भी हो गई दीवानी? एक यूएसबी पोर्ट में नेटगीयर वाई-फाई डांगल लगा है)
आखिर क्या है इस रास्पबेरी पाई के प्रति लोगों की दीवानगी में?
आप कुछ अंदाजा यहाँ से लगा सकते हैं.
पाई के साथ मेरा पहला दिन
चूंकि पाई को आप अपने मोबाइल चार्जर से चला सकते हैं, तो मैंने पाई को अपने मोबाइल चार्जर से जोड़ा, इसके एचडीएमआई पोर्ट (वीडियो आउट भी है) को मॉनीटर/टीवी स्क्रीन से जोड़ा, यूएसबी पोर्ट में कीबोर्ड और माउस को जोड़ा और पहले से तैयार रास्पबेरी ओएस (वस्तुतः लिनक्स का एक रूप) युक्त 2 जीबी एसडी कार्ड को एसडी कार्ड स्लॉट में लगाया और चार्जर का स्विच ऑन कर दिया.
पंद्रह सेकण्ड के भीतर मेरा रास्पबेरी पाई कंप्यूटर – वह भी मल्टीमीडिया युक्त - चालू हो गया.
अब बारी थी
(रास्पबेरी पाई डेस्कटॉप)
हिंदी समर्थन के जांच-परख की. इंटरनेट (लैन पोर्ट व यूएसबी डांगल दोनों का ही बढ़िया समर्थन है) पर रचनाकार.ऑर्ग शानदार दिख रहा था. याने हिंदी (व अन्य भारतीय भाषाओं के) के फ़ॉन्ट डिफ़ॉल्ट रूप में शामिल किए गए हैं.
हिंदी की-बोर्ड जोड़ने (एनेबल करने) के लिए थोड़ा उपक्रम करना पड़ा, हालांकि यह भी सिस्टम में अंतर्निर्मित ही है.
बस यह एक कमांड दिया और काम बन गया –
setxkbmap in,us -option grp:ctrl_shift_toggle
(पाई में इंटरनेट पर हिंदी साइट रचनाकार, टैक्स्ट एडीटर पर हिंदी टाइपिंग, एसेसरीज फ़ोल्डर)
पाई के साथ एडवेंचर चालू है...
(बहुत से पाठकों ने रास्पबेरी पाई के प्रति अपनी जिज्ञासा जाहिर की है. इस कंप्यूटर के बारे में बिगिनर गाइड यहाँ है - http://elinux.org/RaspberryPiBoardBeginners तथा रास्पबेरी पाई सचित्र गाइड बुक पीडीएफ में यहाँ है. )
taknik me nihayat tang is balak ko aapka aur praveen pandyji ka aalekh mujhe lubhata rahta hai
जवाब देंहटाएं.........
ye jo 2400.00 me poora computors set ga uuko run karne ke liye aur kya chahiye.....
thora aur samjh aaye to lene ko sochoon.....
pranam.
सञजय जी, इस कंप्यूटर को चलाने के लिए वस्तुतः कुछ भी अतिरिक्त नहीं चाहिए, और जो भी चाहिए वह सब हमारे पास होता है. फिर भी -
हटाएं1 - मिनि यूएसबी पोर्ट वाला मोबाइल फ़ोन चार्जर (5 वोल्ट डीसी, 700 मिलिएम्पीयर)
2 - यूएसबी कीबोर्ड/माउस
3 - एसडी कार्ड - 2जीबी जिसमें रास्पबेरी (या इसके वेरिएंट) ऑपरेटिंग सिस्टम (जो कि मूल रूप से लिनक्स ही होता है, आर्म के लिए रीकम्पाइल्ड) इंस्टाल करना होता है - वह भी बेहद आसान, 2 मिनट में फ़ाइल कापी करने जितना.
4 - टीवी (या मॉनीटर) जिसमें वीडियो इन/एचडीएमआई पोर्ट हो
बस.
हैरतअंगेज
जवाब देंहटाएंइसके बारे में आपने पहले भी बताया था और आज दिखा भी दिया, वाह!
और बताईयेगा इसके बारे में जैसे OS और कौन से प्रोग्राम चल सकते हैं इसमें
प्रणाम
अन्तर जी, चूंकि यह मूलतः लिनक्स ही है, अतः आप लिनक्स तंत्र के लगभग सारे प्रोग्राम चला सकते हैं. अलबत्ता चूंकि इसका प्रोसेसर कम शक्ति वाला है, इसलिए बड़े प्रोग्राम जैसे कि ओपन-ऑफ़िस चलने में धीमे हो सकते हैं. हालांकि मल्टीमीडिया और वीडियो बड़े धांसू चलते हैं - खासकर एचडीएमआई स्क्रीन में क्योंकि इसमें जीपीयू हार्डवेयर एस्सेलरेशन दिया गया है.
हटाएंजैसे हमें हाइवे पर टाटा की चेसी (chasis) चलती मिलती हैं जिन्हें ड्राइवर एक कुर्सी बांध कर मुह पे कपड़ा लपेटे चला रहे होते हैं, कि उस पर चाहे बस की बॉडी फिट कर लो या ट्रक की... यह भी ठीक वैसे ही है या कहूं कि स्मार्टफ़ोन का स्ट्रिप्ड-डाउन मदर-बोर्ड. आइडिया अच्छा है पर इसे कहीं मोबाइल/लैपटॉप की तरह ले जाने की ज़रूरत हो तो एक मॉनीटर, एक कीबोर्ड, एक माउस, एक चार्जर एक ओ. एस. वाला एस.डी. कार्ड, एक डिब्बा सॉफ़टवेयर और एक डौंगल भी इसके साथ ले जाने होंगे. :)
जवाब देंहटाएं>>>स्मार्टफ़ोन का स्ट्रिप्ड-डाउन मदर-बोर्ड....
जवाब देंहटाएंहाँ, यह बिलकुल यही है, परंतु मजेदार और अनंत संभावनाओं युक्त. इसीलिए यह इतना लोकप्रिय हो रहा है और लोग हाथों हाथ ले रहे हैं इसे.
बहुत ही रोचक है यह, हम भी मँगाते है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी अति शीघ्र इसका लाभ लिया जायेगा ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही रोचक
जवाब देंहटाएंबेहतर लेखन !!!
जवाब देंहटाएंकम्प्यूटर सस्ता हो गया! पावरोटी दो रुपये से बीस रुपये की हो गयी!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब! बधाई!
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन गैजेट। जेब में आने वाला कम्प्यूटर आ ही गया।
जवाब देंहटाएंकुछ प्रश्न हैं:-
१. ड्यूल और क्वाड कोर प्रोसैसरों के समय में ७०० मेगाहर्ट्ज का प्रोसैसर धीमा नहीं है? क्या स्पीड ठीक है?
२. यह ऐसी ही नंगा आता है या कोई कवर भी साथ है?
३. वाइ-फाइ सुविधा इनबिल्ट है या कोई अडॅप्टर माँगती है (जैसे कुछ सस्ते इंटरनेट टीवी में अडॅप्टर के साथ ही चलता है)? यदि इनबिल्ट है तो आपने जो नेटगियर का वाइ-फाइ डोंगल लगाया है वो क्या काम करता है?
३. क्या ओऍस पहले से इसमें डला आता है या नेट से डाउनलोड करना पड़ता है?
४. केवल रास्पबेरी का ही ओऍस डाल सकते हैं या लिनक्स का कोई और वितरण भी? मेरे विचार से कोई और ओऍस डालने के लिये वह ARM के लिये संशोधित होना चाहिये। शायद ऍण्ड्रॉइड इसके लिये पोर्ट हो सके।
यदि वे लोग कीमत थोड़ी ज्यादा जैसे पाँच हजार के आसपास रख लेते और प्रोसैसर तथा रैम बेहतर देते तो ज्यादा अच्छा होता।
वैसे यदि किसी के पास HDMI पोर्ट (या MHL फंक्शन) युक्त स्मार्टफोन या टैबलेट हो तो इस चीज की जरूरत नहीं। डिवाइस को टीवी से जोड़कर तथा उसमें कीबोर्ड, माउस लगाकर ऍण्ड्रॉइड का पूरा मजा टीवी पर ले सकते हैं।
पंडिज्जी,
जवाब देंहटाएं1 - हाँ, यह बेहद धीमा है. परंतु आश्चर्यजनक रूप से वीडियो-मल्टीमीडिया तेज और बढ़िया चलते हैं. अलग जीपीयू ओपन-जीपीएल युक्त के कारण. वैसे, यह आम प्रयोग के लिए नहीं है, बस सीखने और एक्सपेरीमेंट के लिए ही है.
2 - इसका कवर अलग से खरीदना पड़ता है.
3 - इनबिल्ट नहीं है. यूएसबी डांगल सपोर्ट है. मैंने नेटगीयर का डांगल प्रयोग किया तो यह आराम से चल गया
3 - 1 - इसमें एसडी कार्ड स्लाट में एसडी या एडाप्टर सहित माइक्रो एसडी कार्ड डाल कर ओएस चलाना पड़ता है. इनके कई ओएस मिलते हैं इंटरनेट से डाउनलोड कर एसडीकार्ड में एक विशेष एप्लीकेशन के जरिए इंस्टाल (कॉपी) करना होता है. साथ में नहीं आता.
4 - लिनक्स के कई वेरिएंट उपलब्ध हैं. चूंकि ARM प्रोसेसर है अतः इसके लिए लिनक्स सोर्स को खास इस प्रोसेसर के लिए रीकम्पाइल कर संस्करण जारी किए जाते हैं. इसके भीतर से ही apt-get -install कमांड से लिनक्स के तमाम 35 हजार से अधिक अनुप्रयोग आप इंस्टाल कर सकते हैं. मैंने वीएलसी इंस्टाल कर चलाया तो यह थोड़ा धीमा चला - क्योंकि इसमें शायद हार्डवेयर एस्सेलरेशन का सपोर्ट नहीं था. एण्ड्राइड इसमें मजे में चलता है - कई लोगों ने चलाया है. मैं आगे कभी कोशिश करूंगा.
5 - इसका संस्करण सी आने वाला है जिसमें अंतर्निर्मित वाई-फाई, क्वाड कोर, 1 जीबी रैम इत्यादि रहेंगे.
वैसे, इस यूनिट को खासतौर पर बेहद सस्ता बनाने के चक्कर में इसे पावर के मामले में हल्का बनाया गया है.
और, आपका अंत में कहना सही है, परंतु उचित नहीं है. इस उपकरण में और भी कनेक्टर इत्यादि दिए गए हैं जिसे आप आर्डिनो जैसे बोर्ड जोड़ कर रोबोटिक्स से लेकर और तमाम तरह के प्रयोग कर सकते हैं. जैसे कि इसकी सहायता से एक बंदे ने स्वचालित क्वाडकॉफ़्टर बना लिया.
और, आज ही की खबर है - कि लिनक्स में ARM चिप का कर्नेल लेवल का सपोर्ट आ गया. -
हटाएंLinus Torvalds has officially announced that version 3.7 of the Linux kernel has gone stable, and that means good news for developers who work with ARM-based CPUs: among its other changes, Linux 3.7 is the first Linux kernel to include generic support for multiple ARM CPU architectures, reducing the amount of effort required to get Linux-based operating systems running on phones, tablets, and ARM-licensed developer boards like the Raspberry Pi.
At present, every time a developer wants to port a Linux system to an ARM system-on-a-chip, they have to build a new kernel to support that processor's particular architecture. Additionally, differences between ARM chips from different companies means that porting that same Linux-based OS to another ARM processor—for example, taking code running on a Samsung SoC and making it run on a Qualcomm SoC—requires another kernel. The work required to maintain these separate kernels for each ARM SoC is a major roadblock for the architecture compared to x86 chips traditionally used in desktops and laptops, and overcoming this issue will be a major step forward for Linux and its forks, including Android.
यानी बल्ले बल्ले!
इसकी मूल कीमत २५ डॉलर में यह बेहतरीन गैजेट है लेकिन भारत में जो २,४०० रुपये का पढ़ेगा, उसमें यह अपने लिये सही नहीं। ब्रॉडबैंड चलाने के लिये वाइ-फाइ अडॅप्टर अलग चाहिये होगा, नेट पर ढूँढा तो कोई ९०० रुपये से शुरु है, यानि कुल ३,३०० रुपये का खर्चा। दूसरी ओर चार साढ़े हजार से ऍण्ड्रॉइड टैबलेट शुरु हैं जिनमें १ गीगाहर्ट्ज प्रोसैसर, ५१२ ऍमबी रैम, ४ जीबी इनबिल्ट स्टोरेज, इनबिल्ट वाइ-फाइ, HDMI आउट आदि उपलब्ध हैं। HDMI पोर्ट के जरिये टीवी से जोड़ा जा सकता है तथा मिनी/माइक्रो यूऍसबी पोर्ट में USB OTG केबल तथा यूऍसबी हब लगाकर कीबोर्ड, माउस तथा पैन ड्राइव/पोर्टेबल हार्डडिस्क आदि लगाये जा सकते हैं। यानि लगभग हजार रूपये और खर्च करके टैबलेट और ऍण्ड्रॉइड पीसी दोनों का जुगाड़ हो जायेगा। ऍण्ड्रॉइड ४.०+ में हिन्दी समर्थन भी अन्तर्निर्मित है और यह बड़ी स्क्रीन के लिहाज से पुराने संस्करणों २.३ आदि से भी बेहतर है। यदि आप ६,५०० रुपये खर्च कर लें तो ड्यूल कोर प्रोसैसर, १ जीबी रैम, ८ जीबी स्टोरेज तथा ऍण्ड्रॉइड ४.१ वाला वैमी डिजायर खरीद सकते हैं। यह प्रोसैसिंग पावर और वेब सर्फिंग आदि के लिहाज से रास्पबेरी पाइ से कहीं बेहतर अनुभव देगा, साथ ही इसे टैबलेट के तौर पर भी प्रयोग कर सकते हैं, काजल जी के शब्दों में कहें तो मॉनीटर, कीबोर्ड, माउस, चार्जर आदि साथ लिये बिना भी कहीं भी चला सकते हैं।
हटाएंलिनक्स कर्नेल में ARM आर्कीटैक्चर का नेटिव समर्थन आने तथा इसके नये मॉडल सी से उम्मीद बंधती है। ड्यूल कोर/क्वाड कोर प्रोसैसर, इनबिल्ट वाइ-फाइ तथा उबुंटू या ऍण्ड्रॉइड जैसे बेहतर लिनक्स संस्करणों के साथ यह ज्यादा काम का होगा।
हम भी मंगाते हैं..
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जवाब देंहटाएंलगता है अगले ऐक साल में इसी मॉडल में क्वैड कोर प्रोसैसर और 1 GB RAM आ जाएगी क्योंकि टेबलेट में तो ये सब आ ही चूका है .