आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 185 शाही कबूतर नसरुद्दीन को प्रधानम...
आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ
संकलन – सुनील हांडा
अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी
185
शाही कबूतर
नसरुद्दीन को प्रधानमंत्री का पद दिया गया. नया नया मुल्ला था सो वह राजमहल का निरीक्षण करने चला. वहां एक स्थल पर उसने शाही पक्षी – बाज को देखा.
नसरुद्दीन ने इससे पहले कभी बाज को देखा नहीं था. उसे लगा कि यह तो कबूतर है. तो उसने कैंची मंगवाई और पक्षी के पंख कतर दिए, चोंच घिस दी और पैरों के नाखून काट दिए.
नसरुद्दीन ने अब पक्षी को गर्व से सबको दिखाया – इस पक्षी के रखवाले इसकी सही देखभाल नहीं करते थे. देखो अब यह सही में कबूतर लग रहा है.
आप अलग हैं, इसीलिए आपके साथ कुछ तो गलत है!
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186
गधे की खोज
मुल्ला नसरुद्दीन गधे पर बैठ परेशान सा इधर उधर घूम रहा था.
एक ने पूछा – मुल्ला इतने परेशान क्यों हो. क्या समस्या है?
“मैं अपने गधे को ढूंढ रहा हूँ.” मुल्ला ने जवाब दिया.
हममें से बहुत से लोग ईश्वर की तलाश में भटकते रहते हैं!
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प्रारब्ध आपके हाथों में
जापानी योद्धा नोबुनागा अपनी सेना लेकर शत्रु पर चढ़ाई करने जा रहे थे. उनकी सेना संख्या बल में कमजोर थी, मगर योद्धा नोबुनागा को अपने आप व अपने सैनिकों पर पूरा भरोसा था कि युद्ध में जीत उनकी ही होगी.
परंतु नोबुनागा के कुछ सैनिकों को संदेह था. वे शत्रुदेश के अधिक सैन्यबल के कारण चिंतित हो रहे थे.
रास्ते में नोबुनागा शिंतो मठ में रुके और सैनिकों को संबोधित किया – मैं मठ में प्रार्थना करने जा रहा हूँ. बाहर आने पर मैं सिक्का उछालूंगा. यदि हेड आया तो हम शत्रुदेश पर चढ़ाई करेंगे और जीतेंगे. यदि टेल आया तो हम हारेंगे इसलिए हम वापस लौट चलेंगे. ईश्वर की जो मर्जी होगी वह हमें ऐसे मिलेगी.
नोबुनागा ने मठ में देर तक प्रार्थना की और बाहर निकलने पर उन्होंने सिक्का उछाला. सभी ने प्रसन्नता से देखा कि हेड आया है.
सैनिकों ने पूरे आत्मविश्वास से हमला किया और युद्ध जीत लिया.
जीत के जश्न के समय नोबुनागा से उनके सहायक ने कहा – ईश्वर का धन्यवाद. ईश्वरीय प्रारब्ध को कोई नहीं बदल सकता.
ऐसा नहीं है, प्रारब्ध तो मेरे हाथ में होता है – नोबुनागा ने जेब से वह सिक्का निकाला और अपने सहायक को दिखाया और कहा – मैं तो हर बार इसी सिक्के को उछालता हूँ.
उस सिक्के में दोनों तरफ हेड बने हुए थे.
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(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)
सच है, बाजों को कबूतर बना दिया जाता है..
जवाब देंहटाएंआखिरी वाला किस्सा तो शोले वाला था। :)
जवाब देंहटाएंLearn Hindi Typing for all Government Typing exam like LDC and DOIT
जवाब देंहटाएंvisit:http://hindityping.in/