आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 281 बुद्धिमत्तापूर्ण उत्तर एक बार ...
आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ
संकलन – सुनील हांडा
अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी
281
बुद्धिमत्तापूर्ण उत्तर
एक बार नसरुद्दीन अपनी बहन से मिलने उसके गाँव जा रहे थे। रास्ते में उसे डकैतों ने घेर लिया। डकैतों को नसरुद्दीन के बुद्धिमान और सुल्तान के प्रिय होने के बारे में पता था।
डकैतों के सरदार ने उसे एक कद्दू देते हुए कहा - "तुम्हें इस कद्दू का सही वजन बताना है। यदि तुमने इसका गलत वज़न बताया तो तुम्हारे पास मौजूद सारा धन लूट लिया जाएगा और यदि तुमने इसका सही वजन बता दिया तो तुम्हें जाने दिया जाएगा। "
चूंकि नसरुद्दीन अत्यंत बुद्धिमान व्यक्ति थे, इसलिए एक पल भी गंवाए बिना उन्होंने कहा कि कद्दू का वज़न सरदार के सिर के वज़न के बराबर है।
नसरुद्दीन के उत्तर की सत्यता को जांचने के लिए सरदार को अपना सिर कलम करना पड़ता। नसरुद्दीन के बुद्धिमत्तापूर्ण उत्तर पर वह जोर से हंसा और नसरुद्दीन को जाने की अनुमति प्रदान की।
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अनूठा तर्क
किसी ने मुल्ला नसरुद्दीन से पूछा - "तुम्हारी उम्र क्या है?"
मुल्ला ने उत्तर दिया - "अपने भाई से तीन वर्ष बड़ा हूं।"
"तुम यह कैसे जानते हो?" - उसने फिर पूछा।
"पिछले वर्ष मैंने अपने भाई को यह कहते हुए सुना था कि मैं उससे दो वर्ष बड़ा हूं। इस बात को सुने एक वर्ष हो गया है। इसलिए अब मैं उससे तीन वर्ष बड़ा हो गया हूं। और जल्दी ही मैं उसका दादा कहलाने लायक बड़ा हो जाऊंगा।"
(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)
हाजिर जबाबी..
जवाब देंहटाएंवाह मुल्ला जी। एक बार फिर से वही अन्दाज देखने को मिला…
जवाब देंहटाएंवाकई नसरुद्दीन बहुत बुद्धिमान था :)
जवाब देंहटाएंanutha tark ..hhahahaha
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