उत्तर प्रदेश आईएएस अफसरों के यूनियन के नए, चुने गए अध्यक्ष वही हैं, जिन्हें पूर्व में साथी आईएएस अफसरों ने सर्वाधिक भ्रष्ट अफसर के रूप मे...
उत्तर प्रदेश आईएएस अफसरों के यूनियन के नए, चुने गए अध्यक्ष वही हैं, जिन्हें पूर्व में साथी आईएएस अफसरों ने सर्वाधिक भ्रष्ट अफसर के रूप में चुना था.
चुनावों के हालिया रूपरंग से – चाहे वे लोकसभा-विधानसभा के हों या किसी कॉलेज छात्रसंघ के या फिर आईएएस अफसरों के यूनियन के – कोई भी आसानी से अंदाजा लगा सकता है कि कौन जीतेगा.
जीतेगा वही, जो सबसे बड़ा .... होगा.
व्यंज़ल
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मैंने तो सारे काम किए थे भ्रष्ट
जाने कैसे समझा नहीं गया भ्रष्टकौन सा ये गुनाह किया है मैंने
मेरी नजर में पूरी दुनिया है भ्रष्टइस दौर का ये नियम है नया
मरता है ईमानदार जिंदा है भ्रष्टकिसकी इबादत करूं कैसी पूजा
मेरा ईश मेरा खुदा हो गया भ्रष्टथोड़ा तो ईमान बाकी है रवि में
खुलेआम बताता है खुद को भ्रष्ट
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बहुत खूब. शानदार. एकदम जबरदस्त भ्रष्ट व्यंज़ल है. आपको बधाई. आपने मेरे ब्लॉग पर एक टिपण्णी सरकाई.
जवाब देंहटाएंबड़ी कंफेशनात्मक कविता है! :-)
जवाब देंहटाएंजीतेगा वही, जो सबसे बड़ा .... होगा. खाली जगह में सभी जानते हैं कि क्या शब्द आयेगा.
जवाब देंहटाएंव्यंजल जोरदार है.
मज़ा आ गया । शानदार रचना, जानदार प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंकैसी विडम्बना है कि जो जिस को भ्रष्ट कह रहा है उसे ही उस्ताद चुन रहा है.
जवाब देंहटाएंरवि जी, क्या आपको नहीं लगता कि कलियुग आने वाल नही है, बल्कि आ चुका है -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.
हर महीने कम से कम एक हिन्दी पुस्तक खरीदें !
मैं और आप नहीं तो क्या विदेशी लोग हिन्दी
लेखकों को प्रोत्साहन देंगे ??
किसकी इबादत करूं कैसी पूजा
जवाब देंहटाएंमेरा ईश मेरा खुदा हो गया भ्रष्ट
आज की विडम्बना का बहुत ही साफगोई से चित्रण किया है आपने ..पर यही तो कड़वी हकीकत है मित्र.