युगों के बाद, किसी हिंदी किताब का, किसी अति-लोकप्रिय पत्रिका में फुल पेज का विज्ञापन देखा, तो आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता हुई. किताब नए जमा...
युगों के बाद, किसी हिंदी किताब का, किसी अति-लोकप्रिय पत्रिका में फुल पेज का विज्ञापन देखा, तो आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता हुई.
किताब नए जमाने के लोकप्रिय बेस्टसेलर उपन्यासकार दिव्यप्रकाश दुबे का है. और हालिया समय में हिंदी किताबों को नए सिरे से लोकप्रिय बनाने में जुटे प्रकाशक - हिंद युग्म से प्रकाशित है जिसने हाल ही में वेस्टलैंड से करार भी किया है.
मुसाफिर कैफ़े किताब खूब लोकप्रिय हो रही है. इसके पीछे के कारणों की पड़ताल करें तो सीधे सीधे दिखता है - नई वाली हिंदी.
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ये नई वाली हिंदी क्या है?
नई वाली हिंदी है - कान्वेंटी हिंदी पट्टी के नवयुवाओं की हाइब्रिड हिंदी भाषा.
और, इसकी शुरुआत सोशल मीडिया के आने से ही हो चुकी थी. राहुल उपाध्याय ने अपनी कविताओं और ग़ज़लों में फ़्यूजन का प्रयोग किया - हाइब्रिड भाषा - याने हिंदी, रोमन हिंदी और रोमन अंग्रेज़ी तीनों भाषाओं का प्रयोग कर आश्चर्यचकित करने वाली शानदार काव्य रचनाएँ लिखी.
राहुल उपाध्याय
फ़्यूजन (हाइब्रिड भाषाई) कविता
कुलदीप
---ये कुलदीप ये cool dude
कमाल का इनका attitude
गुलाब जामुन और चाँकलेट
आलू पराठा और ऑमलेट
ये है इनके pet food
ये कुलदीप ये cool dude ...
पढ़ते लिखते दिन और रात
अव्वल आते हर जमात
काश ये होते इतने good
ये कुलदीप ये cool dude ...
संगीत इनका धूम-धड़ाक
बात करते तू-तड़ाक
behavior इनका very crude
ये कुलदीप ये cool dude ...
सुबह से हो जाता शुरू
TV जो इनका है गुरू
मार्गदर्शक इनका hollywood
ये कुलदीप ये cool dude ...
दिल को लगे ठेस सी
देख के इनकी प्रेयसी
लोग कहते हम हैं prude
ये कुलदीप ये cool dude ...
नाम के होते हैं parents
जो pay करते हैं इनके rent
और बदले में चाहे gratitude
ये कुलदीप ये cool dude ...
कपड़े इनके कटे-फ़टे
दुनिया से रहते कटे-कटे
डाल के सर पे अपने hood
ये कुलदीप ये cool dude ...
आने-जाने पे नहीं है रोक
खाने-पीने पे नहीं है रोक
फिर भी मांगे और latitude
ये कुलदीप ये cool dude ...
(कुछ और फ़्यूजन कविताएँ यहाँ पढ़ें)
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अब मुसाफिर कैफे के एक पृष्ठ का स्क्रीनशॉट -
नई हिंदी भाषा कैसी है? कहीं कोई बंधन नहीं. बरसाती नाले की तरह. न भाषा, न लिपि में और न ही वाक्य विन्यास में किसी किस्म की शुद्धता का आग्रह है. बल्कि जो भाषा है वह आज के आधुनिक युवाओं की भाषा है. असल. भाषा-बोली-लिपि के बंधनों से आजाद. भाषा में हिंदी देवनागरी है, अंग्रेज़ी देवनागरी में भी है, तो रोमन अंग्रेजी में भी है. असली अंतर्राष्ट्रीय भाषा. भविष्य में यही चलेगा. शुद्धतावादी भले ही भौंहें सिकोड़ें, मगर उनकी ओर कोई नहीं देखेगा.
बहरहाल, मुसाफिर कैफे को, दिव्य प्रकाश दुबे को और हिंद युग्म को बधाई.
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