व्यंग्य जुगलबंदी 16 – चुनाव और दंगल

SHARE:

अथ दुकालू-नेताजी कथा ज्यादा पुरानी बात नहीं है. अच्छे भले दुकालू को एक बार जाने क्या सूझी कि उसने अपने बड़े-बूढ़ों, बीवी-बच्चों, इस्ट-मित्र...

image

अथ दुकालू-नेताजी कथा

ज्यादा पुरानी बात नहीं है. अच्छे भले दुकालू को एक बार जाने क्या सूझी कि उसने अपने बड़े-बूढ़ों, बीवी-बच्चों, इस्ट-मित्रों के विचारों की परवाह न करते हुए फैसला लिया कि वो अपने मोहल्ले की पार्षदी के चुनावी दंगल में दांव आजमाएगा.

उसने कई विकल्प सोचे. निर्दलीय लड़ने का सोचा. परंतु फिर विचार किया कि किसी मजबूत पार्टी से टिकट के लिए एक चांस मारने में क्या जाता है.

वो अपना आवेदन और बायोडेटा लेकर एक पार्टी के मुख्यालय पर चुनाव प्रभारी के पास पहुँचा जो पार्टी के लिए उम्मीदवारों का चयन कर रहा था.

दुकालू ने अपना आवेदन और बायोडेटा का मोटा सा पुलंदा प्रभारी के समक्ष रखा. उसे उम्मीद थी कि उसके अब तक के किए गए सामाजिक सद्भाव, सहयोग और तमाम सद्कार्यों की बिना पर उसे तो यूँ चुटकियों में टिकट दे दिया जाएगा. वैसे भी दुकालू अपने मोहल्ले में अच्छा खासा लोकप्रिय था. क्या युवा, क्या बुजुर्ग सभी उसके सामाजिक कार्यों की प्रशंसा किया करते थे. युवाओं का वह रोल मॉडल था. तो बच्चों में भी वह पॉपुलर था. बुजुर्गों की सेवा में तो जैसे उसका दिन ही गुजरता था.

प्रभारी ने उचटती सी निगाह उस पुलंदे पर डाली और पूछा – कौन जात हो?

दुकालू को धक्का लगा.

[ads-post]

उसने पूछा कि चुनाव लड़ने का, किसी की जाति से क्या संबंध है या हो सकता है?

प्रभारी ठो ठो कर हँसा. बड़ी देर तक हँसता रहा. एलओएल किस्म का. जब उसकी हँसी अनंतकाल के पश्चात् रुकी तो वो बोला – लो देखो इन भाई साहबन को. इधर अक्खा अमरीका तक में जाति, धर्म, लिंग के आधार पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा और जीता जाता है और ये भाई साहब इंडिया में चुनाव सुधार करना चाहते हैं. भाई, राजनीति में भूल कर तो नहीं आ रहे. ये पार्टी दफ़्तर है, किसी निजी कंपनी का एच.आर. ऑफिस नहीं.

इतने में किसी जागरूक कार्यकर्ता ने प्रभारी के कान में फुसफुसाते हुए कुछ मंत्र डाले. दुकालू का जुगराफ़िया, हिस्ट्री और विज्ञानादि सब उसके कानों में भरे.

प्रभारी का टैम्पर एकदम बदला. ओह हाँ, दुकालू भाई साहब. आप तो अपने मोहल्ले में अच्छे खासे लोकप्रिय हैं. अच्छा खासा इनकम है, बढ़िया धंधा-पानी चल रहा है आपका. अच्छी खासी जाति के भी हैं – आई मीन, जिस जाति के आप हैं, उस जाति के लिए वह वार्ड इस साल के लिए वैसे भी आरक्षित है, तो इसमें भी कोई समस्या नहीं.

दुकालू के चेहरे पर चमक उभरी. वो आशान्वित सा हुआ.

प्रभारी ने कक्ष में से दुकालू के अलावा सबको बाहर किया और फुसफुसाहट से बोलना जारी रखा ताकि दीवारें अपनी कानें कितनी भी इधर लगा लें, पर वार्तालाप का अंदाज़ा न लगा पाएँ – पर देखिए भाई साहब, इस वार्ड पर तो सीधा सीधा पैसे का गणित है. तीन खोखा लगेगा. दो खोखा तो चुनाव में लगेगा, और एक खोखा मैं रखूंगा, ऊपर सबको बांटने के लिए. यदि तुम हाँ बोलो तो - उसने दुकालू के बायोडेटा की ओर उँगली उठाई और कहना जारी रखा – तुम्हारे टिकट के साथ इस पुलंदे को सबके सामने हाईलाइट कर देंगे, नहीं तो फिर आप आगे कोई और दुकान देख लो. रहा सवाल तुम्हारे तीन खोखा का, तो पाँच साल मिलेंगे, तीन का पाँच-सात चाहे जितना वसूल सको, वसूल लेना.

दुकालू ने एकबारगी सोचा कि वो वहाँ से भाग जाए. परंतु फिर उसने सोचा कि यह तो भगौड़े वाली बात होगी. जग हँसाई होगी. सो उसने ओखली में सिर दे ही दिया.

इधर उसे पार्षदी का टिकट मिला, उधर मोहल्ले में उसके किए, नहीं किए, भविष्य में किए जाने वाले आदि आदि दुष्कर्मों की सूची सामने आने लगी. शायद दीवारों में कान ही नहीं, बल्कि एम्प्लीफ़ायर लगे थे जिससे पूरे मोहल्ले में हल्ला हो गया कि दुकालू ने पांच खोखे में टिकट खरीदा है. विरोधियों ने गढ़े मुर्दे उखाड़ने शुरू कर दिए. और इस सिलसिले में बहुत सी काल्पनिक कब्रें भी खोदी गईं. जो दुकालू अब तक मुहल्ले के कुत्तों को रोटियाँ खिलाता था और मुहल्ले वालों के आशीर्वाद प्राप्त करता रहता था – कि दुकालू जैसा दयावान कोई नहीं, उनमें से तीन मुहल्ले वालों ने दुकालू के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा दिया कि दुकालू के द्वारा पाले गए आवारा कुत्तों ने उन्हें काट खाया था और उन्हें मुआवजा तो चाहिए ही, दुकालू को इस अपराध के चलते जेल भी होना चाहिए. जो दुकालू अब तक चिड़ियों को बिला नागा दाना पानी देता था, उसके विरुद्ध उसके ही एक पड़ोसी ने केस दर्ज कर दिया कि दुकालू के पाले-पोसे चिड़ियों ने उसके किचन गार्डन में उगाई धनिए की फसल को बरबाद कर दी है. इस तरह दुकालू के विरुद्ध आनन-फानन में तीन दर्जन मुकदमे दर्ज हो गए. दुकालू, जो अब तक सामाजिक प्राणी था, दयावान था, चरित्रवान था, राजनीति के मैदान में उतर गया था और अब उसके विरुद्ध दर्ज मुकदमों से किसी को भी पता चल सकता था कि वो तो पूरा हिस्ट्री शीटर है.

इधर दुकालू के भीतर का नेताई पहलवान, राजनीतिक जमीर के साथ जाग गया. उसने तीन खोखे दांव पर जो लगा दिए थे. उसने पार्षदी के चुनाव में जमकर राजनीतिक दांव-पेंच चलाए. जातीय समीकरण साधे, आधा दर्जन अपहरण करवाए, दो दर्जन झूठे मुकदमे दर्ज करवाए, पाव दर्जन मर्डर करवाए और इस प्रकार बढ़िया राजनीतिक प्रबंधन का कौशल देते हुए चुनावी दंगल में अपने तमाम विरोधियों को पटखनी देते हुए, एकतरफा जीत हासिल की.

दुकालू की निगाहें अब अगले चुनावी दंगल पर है – विधायकी का चुनाव. इसके लिए वो नित्य सुबह-शाम-देर-रात्रि तक हर किस्म की जमकर राजनीतिक कसरतें करता रहता है. वह अब कद्दावर नेता बन चुका है, जिसे पटखनी देना आसान नहीं. और, वैसे भी, हम सबको यह पता है – परिश्रम का फल कभी व्यर्थ नहीं जाता. दुकालू जीतेगा. जीतेगा भई जीतेगा, हमारा दुकालू दंगल जीतेगा.

---

Arvind Tiwari, Suresh KantAlok Puranik, DrAtul Chaturvedi, Anshu Mali RastogiNirmal Gupta , Kamlesh Pandey Indrajeet Kaur, Sanjay Jha Mastan प्रदीप शुक्ल, Yamini Chaturvedi, विनय कुमार तिवारी, Devendra Kumar Pandey ALok Khare Shefali Pande, Udan Tashtari मुन्नू लाल, Ravishankar Shrivastava, Ranjana Rawat
#व्यंग्यकीजुगलबंदी, #व्यंग्य, #vyangya

--

(व्यंग्य की जुगलबंदी से आप भी जुड़ सकते हैं. यह लिंक देखें - https://www.facebook.com/anup.shukla.14/posts/10210188900652442 )

--

COMMENTS

BLOGGER
नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: व्यंग्य जुगलबंदी 16 – चुनाव और दंगल
व्यंग्य जुगलबंदी 16 – चुनाव और दंगल
https://lh3.googleusercontent.com/-MNDQOAbW1w8/WHHrgJeMBPI/AAAAAAAAyFI/8W7tqPFSoJM/image_thumb.png?imgmax=800
https://lh3.googleusercontent.com/-MNDQOAbW1w8/WHHrgJeMBPI/AAAAAAAAyFI/8W7tqPFSoJM/s72-c/image_thumb.png?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2017/01/16.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2017/01/16.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content