ऐसा हो नहीं सकता कि आज का, वर्तमान का कोई बंदा एमएलएम - यानी मल्टीलेवल मार्केटिंग के चक्कर में न फंसे. और, फंसे क्यों न? ये मार्केटियर एक से...
ऐसा हो नहीं सकता कि आज का, वर्तमान का कोई बंदा एमएलएम - यानी मल्टीलेवल मार्केटिंग के चक्कर में न फंसे. और, फंसे क्यों न? ये मार्केटियर एक से एक नायाब फंडे जुगाड़ते हैं चारा फेंकने को. इंटरनेट पर कई स्कीमें बाबा आदम के जमाने से चलती चली आ रही हैं, नई आती हैं पुरानी बंद होती हैं, लोग अपना पॉकेट जला लेते हैं एक दूसरे को आगाह करते हैं मगर फिर ट्रैप में फंस जाते हैं.
अब एमएलएम के तो ऐप्प भी बन गए हैं. पता नहीं कैसे और क्यों ये ऐप्प प्ले स्टोर में स्वीकार कर लिए गये हैं! ऐसे ऐप्प कहीं आपको भी दिखें तो दुर्व्यवहार की रिपोर्ट करें.
एक ऐसे ही ऐप्प का विज्ञापन इस ब्लॉग के एक पोस्ट में टिप्पणी के रूप में आया. आप भी देखें और सम्भल जाएं!
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति ब्लॉग बुलेटिन - चार विभूतियों की पुण्यतिथि में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
जवाब देंहटाएंजागरूक करती आपकी पोस्ट से महत्वपूर्ण जानकारी मिली।
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