और, हमारे अपने भले के लिए. धीरे से ही सही, प्रिंट मीडिया ने अब फ़ेसबुकिया फ्रीबेसिक्स की पोल खोलनी शुरू कर दी है. टीवी पर तथा दो दो पेज ...
और, हमारे अपने भले के लिए.
धीरे से ही सही, प्रिंट मीडिया ने अब फ़ेसबुकिया फ्रीबेसिक्स की पोल खोलनी शुरू कर दी है.
टीवी पर तथा दो दो पेज के सेंटर स्प्रेड के भारी भरकम विज्ञापन के दम पर फ़ेसबुक ने ये दांव खेला था कि मीडिया फ्रीबेसिक्स के विरुद्ध कुछ कहेगा लिखेगा नहीं, और शुरू में लग भी रहा था, मगर अंततः मीडिया मालिकों और संपादकों की अंतः प्रेरणा रंग लाई और अब वे फ़ेसबुक फ्रीबेसिक्स की पोल खोल रहे हैं और वो भी जम कर.
उम्मीद करें कि अब ट्राई को भी अकल आए, बेवजह ऑनलाइन राय न मांगे, और भारत में फ्रीबेसिक्स कभी भी लागू नहीं करे.
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