अब अगर मैं अधिकार से हिंदी कवियों को ललकार रहा हूँ तो इसकी कोई वजह है. वजह यह है कि अब हिंदी के कवि अपनी कविताओं में मात्रा गिनने का श्रमसा...
अब अगर मैं अधिकार से हिंदी कवियों को ललकार रहा हूँ तो इसकी कोई वजह है.
वजह यह है कि अब हिंदी के कवि अपनी कविताओं में मात्रा गिनने का श्रमसाध्य काम कंप्यूटर के भरोसे छोड़ सकते हैं.
जी हाँ, हिंदी के कवियों! आपकी सुविधा के लिए गीत-गतिरूप नामक एक ऑनलाइन औजार अब आ गया है जो आपकी कविताओं में मात्रा को एक क्लिक पर गिन कर दे देगा. तो यदि आपकी कविता की दो पंक्तियों के बीच कुल मात्राओं में कुछ फर्क नजर आए, तो आप उनमें सुधार कर लें.
हाँ, यदि आप मात्रा-हीन, छंद-हीन, नियम-हीन कविता करने वाले कवि हैं, तो फिर यह आपके किसी काम का नहीं.
आप इस औजार को सीधे इस लिंक http://manaskriti.com/vis/hindi-poem-vis/ पर क्लिक कर उपयोग कर सकते हैं.
उदाहरण के लिए मेरी दो पंक्तियों की इस अर्थहीन तुकबंदी को देखें -
मेरा कोई खयाल नहीं है
तुझसे तो ये सवाल नहीं है
इसे उक्त ऑनलाइन औजार पर मात्रा गणना के लिए विंडो में कॉपी-पेस्ट किया गया और वहाँ दिए विजुअलाइज बटन को क्लिक किया गया तो आउटपुट यह प्राप्त हुआ -
वाह! मेरी तुकबंदी में दोनों पंक्तियों में 17-17 मात्राएं. यानी यह बढ़िया कविता है. यदि मात्राएं 16-16 हो जाती तो क्या ये बढ़िया चौपाई न हो जाती? और, यदि इन मात्राओं को बढ़ाकर मैं 24-24 कर लूं, तो बढ़िया दोहा नहीं बन जाएगा?
गीत-गतिरूप के बारे में और जानने-समझने के लिए इस लिंक http://www.kaavyaalaya.org/hindipoetrystructure2a.shtml को देखें.
वाह, बहुत अच्छा..
हटाएंमन ने हमको बहुत सताया,
हटाएंहम भी साथ रहे पर मन से।
१६, १६ निकली यह तो।
आदरणीय रवि जी ! इस उपयोगी औजार की दक्षता से अलावा मेरी प्रतीति में तो भावों की अभिव्यक्ति ही सही है, गीत और कविता छंद बद्ध हो सकते हैं. परन्तु यदि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित हो तो क्यूँ न रीति से अनुमति प्राप्त कर लिखा जाये ? ऐसी किसी रचना को लिख चुकने पर यद्यपि कोई भी एवं किसी भी भांति की युक्त प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होती पर मन से संतोषोदगार जतला देते हैं कि रीति की भित्ति से परे इस कल्पना को शब्दों में जता पाए.
हटाएंवाह बहुत उपयोगी ज्ञान ।
हटाएंये तो बढिया काम का हथियार है.
हटाएंस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ.
रामराम.
इस पर तो एक व्यंजल बनता है.
हटाएंउपयोगी औजार। आभार।। 66वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय हिंद।।
हटाएंनये लेख : 66वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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अच्छी बात है---
हटाएंकविता न हुई गणित हो गया.
हटाएंवाह! क्या सुविधा है।
हटाएंसुन्दर...स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...
हटाएंबहुत रोचक। अपनी एक कविता इस सॉफ्टवेयर पर जाँची। बहुत मज़ा आया। दिन सफल हुआ। धन्यवाद और आभार।
हटाएंक्या बात है कम्प्यूटर बेहतर कविता करेगें!
हटाएंहाथ कंगन को आरसी क्या -आज ही लिखी कविता को जाकर जांचता हूँ !
हटाएंवाह! मशीन ने भी कविता पढी!!
हटाएंअरे बहुत बढ़िया...अभी देखती हूँ...
हटाएंअब तो भीड़ लग जायेगी कवियों शायरों की :-)
आभार
अनु
kuchh ham jaise tukbandi karne walo ko bhi seekhne ko meelega... wah
हटाएंham jaise tukbandi master ke liye kuchh seekhne layak
हटाएंdhanyawad..
बहुत बढ़िया
हटाएंउपयोगी ज्ञान आभार
हटाएंबहुत अच्छा । कविता के क्षेत्र में प्रवेश करने वाले कवियों के लिये साथ ही नौसिखियों का हौंसला भी बढायेगा ।
हटाएंबहुत उपयोगी एवं ज्ञान वर्धक लेख है रवि जी,
हटाएंक्या ऐसी ही कोई विधि ग़ज़ल या नज़्म की मात्राएँ गिनने के लिए भी है???
बहुत अच्छी कविता है। ये बता दे कि मात्राऒ में कितने तक कि हेर फ़ेर क्षम्य है। क्या 32 और 34 तक का हेर फ़ेर सही माना जाता है।
हटाएंउतम है ।
हटाएंअनुपम
हटाएंउत्तम सुझाव धन्यवाद ! रचना को कसौटी पर उतारने का अभिनव प्यास होने चाहिए |
हटाएंपरन्तु भाव उसमे दबाने समुचित नहीं