ये आईक्यू का फंडा बड़ा अजीब है. हो सकता है कि आपका आईक्यू ओसामा या अल-जवाहिरी के बरोबर हो! बहरहाल, ये आईक्यू का मामला गर्म इसलिए हुआ है कि ...
ये आईक्यू का फंडा बड़ा अजीब है. हो सकता है कि आपका आईक्यू ओसामा या अल-जवाहिरी के बरोबर हो! बहरहाल, ये आईक्यू का मामला गर्म इसलिए हुआ है कि भाजपाध्यक्ष नितिन गडकरी के मुताबिक स्वामी विवेकानंद और भाई दाऊद आईक्यू के मामले में एक समान हैं!
"...यह कहा था गडकरी ने -
गडकरी ने रविवार को भोपाल में ओजस्विनी समारोह में स्वामी विवेकानंद के आईक्यू की तुलना आतंकी दाऊद इब्राहिम से कर डाली। उन्होंने कहा कि दाऊद ने अपने आईक्यू का उपयोग अपराध के क्षेत्र में किया तो वह अपराधी बन गया, जबकि विवेकानंद ने समाज,देश के हित में अपने आईक्यू का इस्तेमाल किया तो वे महान बन गए। आईक्यू दोनों जगह समान है, पर महत्वपूर्ण ये है कि बुद्धिमत्ता, कौशल का उपयोग किस तरह होता है।...."
समाचार स्रोत - पत्रिका
जो भी हो, इस वक्तव्य से तो नितिन गडकरी के आईक्यू का पता पूरी तरह से लग जाता है!
कुछ इस तरह जैसे कि बहुत से फेसबुकिए, ट्विटरिए, ब्लॉगरिये के पोस्टों-टिप्पणियों और स्टेटस अपडेट से उनके आई-क्यू का पता पूरी तरह से लग जाता है.
पर, अब जरा आप भी अपनी पड़ताल कर लें कि आपका अपना आईक्यू कितना है, और किसके बराबर है!
हम तो जब अपना आइ क्यू चेक करने गये तो हमको आइ क्यू नापने वाला मीटर ही नहीं मिला। अब समय आ गया है कि नेता बनने के लिए शैक्षिणक योग्यता के साथ-साथ आइ क्यू परीक्षा भी ली जाये।
हटाएंsahi kaha apanaysahi
हटाएंफेस बुक पर भा ज पा के दीवानों की कमी नहीं है जो मात्र
हटाएंइनके नेताओ के वाक्य चातुर्य व भाषण से प्रभावित
रहते है चाल चेहरा चरित्र चिंतन में दूसरो से भिन्न रहने का
दावा करने वाली पार्टी के अध्यक्ष महोदय ने विवेकानंद की
आई क्यू का टेस्ट परीक्षण व दाउद का आई क्यू टेस्ट का परिणाम
कहा मिला लिया जिसे सेम टू सेम कह कर यह बात कह डाली
गडकरी अपने मूर्खता पूर्ण बयानों के लिए कई बार फस चुके है
भा ज पा के नेताओं द्वारा उनका बचाव भी बचकाना है
यदि यही बात किसी अन्य पार्टी के नेता द्वारा कही गई होती तो अब तक फेस बुक
पर ज्वाला मुखी भभक उठता लेकिन यहाँ अभी सन्नाटा क्यों पसरा है विचारणीय है
जय हो..
हटाएंबडबोलापन खराब होता है इसका पता अब नितिन गडकरी को पता चला होगा
हटाएंदाऊद ने अपने आईक्यू का उपयोग अपराध के क्षेत्र में किया तो वह अपराधी बन गया, जबकि विवेकानंद ने समाज,देश के हित में अपने आईक्यू का इस्तेमाल किया तो वे महान बन गए। आईक्यू दोनों जगह समान है, पर महत्वपूर्ण ये है कि बुद्धिमत्ता, कौशल का उपयोग किस तरह होता है।.
हटाएंyah kahne me galat kya hai?
श्रीमान,
हटाएंआपका ब्लॉग वर्ष 2012 के लोकप्रिय ब्लॉगों में से एक है
विनय जी बहुत बहुत धन्यवाद.
हटाएंवहुत शानदार
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