बीजेपी का पीएम बनने के ख्वाब देखने का अधिकार तो सिर्फ मेरा और सिर्फ मेरा है! व्यंज़ल दूसरे की थाली में ज्यादा माल किसी सूरत मैं ये...
बीजेपी का पीएम बनने के ख्वाब देखने का अधिकार तो सिर्फ मेरा और सिर्फ मेरा है!
व्यंज़ल
दूसरे की थाली में ज्यादा माल
किसी सूरत मैं ये होने नहीं दूंगा
मेरे सामने किसी और का फंडा
शर्तिया ये मैं चलने नहीं दूंगा
इस हमाम में सिर्फ मेरी धुलेगी
किसी और को धोने नहीं दूंगा
मुल्क मेरी विरासत है इसलिए
बाकियों को मैं हगने नहीं दूंगा
जब व्यंज़लों की बात हो रवि
किसी और को जमने नहीं दूंगा
--
हाहाहा.. बढ़िया..
हटाएंये आपस में ही मर मिटेंगे...
ठीक है जी, गजब दबंगाई से लिखा गया है काहे टिप्पणी कर पंगा लें.
हटाएंवैसे नितिश और केजरीवाल के मन में लड्डू फूटे है. एक रूपये में दो मिलते है
बहुत खूब
हटाएंबड़ी गम्भीर समस्या है यह तो।
हटाएंO HO RE TAL MILE NADI KE JAL ME
हटाएंNADI MILE SAGAR MILE KOUNSE JAL ME
KOI JAANE NA .
UDAY TAMHANE
BHOPAL
सत्तालोभ सा कुछ भी नहीं
हटाएंमज़ेदार लिखा है रविजी.
हटाएं'ठाकरे' साहब के अरमान भी सुन लीजीये:
http://mansooralihashmi.blogspot.in/2010/02/mhhashmis-scrapbook-tubely-100-free.html#comment-form
ठेकेदार !
बिन बुलाया कोई मेहमान न चलने दूँगा,
पाक-ओ-कंगारू है बयमान न चलने दूँगा.
मैं किसी और की दूकान न चलने दूँगा,
नाम में जिसके जुड़े खान न चलने दूँगा.
याँ जो रहना है वडा-पाँव ही खाना होगा!
इडली-डोसा, पूरबी-पकवान; न चलने दूँगा.
घाटी लोगों की जमाअत का भी सरदार हूँ मैं,
पाटी वालो का हो अपमान! न चलने दूँगा.
सिंह सी हुंकार भरू; शेर ही आसन है मैरा,
कोई 'ललूआ' बने यजमान, न चलने दूँगा.
इकड़े-तिकड़े जो न सीखोगे; तो ऐसी-तैसी!
बोले 'मानुस' को जो इंसान* न चलने दूँगा.
मैरे अपने को मिले 'राज'; चला लूंगा मगर,
'रोमी' पाए कोई सम्मान! न चलने दूँगा.
valentine पे करो प्यार तो पूछो मुझसे,
love में किस करने का अरमान न चलने दूँगा.
'प्यार के दिन'* पे पिटाई की परिपाटी है!,
'तितलियाँ फूल पे क़ुर्बान' न चलने दूँगा.
यह जो 'ठेका' है मैरे नाम का हिस्सा ही तो है,
मै किसी और का फरमान! न चलने दूँगा.
'सामना' कर नहीं पाओ तो दिखाना 'झंडे',
घर मैरा! ग़ैर हो सुलतान, न चलने दूँगा.
बिन-ब्याहों* को सियासत में न लाना लोगों,
'मन विकारों से परेशान'*, न चलने दूँगा.
रोक दो! शायरी; बकवास नहीं सुनता मैं,
'कोंडके'* सा न हो गुण-गान, न चलने दूँगा.
इंसान=अमराठी भाषी शब्द,
प्यार का दिन=valentine day,
बिन-ब्याहे=अटल,मोदी,माया,उमा,
राहुल....
मन विकारों से परेशान= frustrated.
-मंसूर अली हाशमी
ठेकेदार !
हटाएंबिन बुलाया कोई मेहमान न चलने दूँगा,
पाक-ओ-कंगारू है बयमान न चलने दूँगा.
मैं किसी और की दूकान न चलने दूँगा,
नाम में जिसके जुड़े खान न चलने दूँगा.
याँ जो रहना है वडा-पाँव ही खाना होगा!
इडली-डोसा, पूरबी-पकवान; न चलने दूँगा.
घाटी लोगों की जमाअत का भी सरदार हूँ मैं,
पाटी वालो का हो अपमान! न चलने दूँगा.
सिंह सी हुंकार भरू; शेर ही आसन है मैरा,
कोई 'ललूआ' बने यजमान, न चलने दूँगा.
इकड़े-तिकड़े जो न सीखोगे; तो ऐसी-तैसी!
बोले 'मानुस' को जो इंसान* न चलने दूँगा.
मैरे अपने को मिले 'राज'; चला लूंगा मगर,
'रोमी' पाए कोई सम्मान! न चलने दूँगा.
valentine पे करो प्यार तो पूछो मुझसे,
love में किस करने का अरमान न चलने दूँगा.
'प्यार के दिन'* पे पिटाई की परिपाटी है!,
'तितलियाँ फूल पे क़ुर्बान' न चलने दूँगा.
यह जो 'ठेका' है मैरे नाम का हिस्सा ही तो है,
मै किसी और का फरमान! न चलने दूँगा.
'सामना' कर नहीं पाओ तो दिखाना 'झंडे',
घर मैरा! ग़ैर हो सुलतान, न चलने दूँगा.
बिन-ब्याहों* को सियासत में न लाना लोगों,
'मन विकारों से परेशान'*, न चलने दूँगा.
रोक दो! शायरी; बकवास नहीं सुनता मैं,
'कोंडके'* सा न हो गुण-गान, न चलने दूँगा.
इंसान=अमराठी भाषी शब्द,
प्यार का दिन=valentine day,
बिन-ब्याहे=अटल,मोदी,माया,उमा,
राहुल....
मन विकारों से परेशान= frustrated.
-मंसूर अली हाशमी
आदरणीय़ आडवाणी जी को अब ससम्मान सेवा निवृत्त हो जाने के बारे में विचार मम्थन करना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी जी के पीछे-पीछे चलने का अभ्यास तो है ही।
हटाएंबहुत बढ़िया !
हटाएंजोरदार!
हटाएंसूझती हैं जो बातें मुझे
हटाएंकिसी और को सूझने नहीं दूँगा।
वाह! वाह! गुरुजी। क्या कहने?
मुझे इस कथन से तिटाही कि कथा याद आ गई .ऐसी महानता भरी बातों के लिए कुछ लाइन
हटाएंपैर के निचे
धरती
सर के ऊपर
आसमान
फिर तू कैसे?
हो गया महान
koi bhi bane desh ka kalyaan karna hi inka maksad hoga . jo bi tarakki our karya hai vah sabhi hamekhud hi karne honge ,sarkar to phir hum banate eahenge
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