क्या आप भी हिंदी से डरते हैं?

SHARE:

  हिंदी से अब सचमुच डर लगता है भाई! भले ही आप लाख कसम खा लें, मगर आप भी मेरी तरह हिंदी से डरते होंगे. हिंदी ने मुझे बहुत डराया है. शुरू स...

  clip_image001

हिंदी से अब सचमुच डर लगता है भाई!

भले ही आप लाख कसम खा लें, मगर आप भी मेरी तरह हिंदी से डरते होंगे. हिंदी ने मुझे बहुत डराया है. शुरू से. और अब भी डरता हूं. जब मैं हिंदी मीडियम में हिंदी स्कूल में पढ़ता था तो अपनी ‘उस हिंदी मीडियम’ के कारण मुहल्ले के कॉन्वेंटी छात्रों से बेहद डरता था. उच्च शिक्षा की बारी आई तो वहाँ भी हिंदी ने बहुत डराया. मेरी हिंदी भाषा वहाँ थी ही नहीं. मुझे एक विदेशी – अंग्रेजी भाषा के माध्यम से पढ़ाई करनी पड़ी. तो मैं पढ़ता अंग्रेज़ी में था, और उसका तर्जुमा मन ही मन हिंदी में कर फिर उसे हिंदी में समझता था. परीक्षा में अंग्रेजी माध्यम में उत्तर लिखने होते थे तो उत्तर पहले सोचता हिंदी में था, फिर उसका तर्जुमा मन ही मन अंग्रेजी में करता था और लिखता था. यही हाल अंग़्रेजी में मौखिक परीक्षा के समय होता था. इस तरह मेरी हिंदी ने मुझे बहुत बहुत डराया.

खैर, जैसे तैसे पढ़ाई पूरी की. नौकरी में आए. यहाँ भी तमाम सरकारी पत्राचार अंग्रेज़ी में. ऊपर से तुर्रा ये कि हर साल 14 सितम्बर को ये फरमान आए कि हिंदी में काम करो हिंदी में काम करो. उस दौरान ऐसे ही उत्साह में एक बार हमने अपने एक उच्चाधिकारी के अंग्रेजी में लिखे पत्र का जवाब हिंदी में लिख मारा. दुर्भाग्य से पता नहीं था कि वो साउथ से था और करुणानिधि के विचारों का समर्थक था. मेरी इस लिखी हुई हिंदी से वो उच्चाधिकारी इतना आहत हुआ और मुझे इतना डराया कि अक्खा नौकरी बजाते तक हिंदी में दोबारा लिखने का साहस डरते-डरते भी फिर कभी नहीं किया.

इस बीच कंप्यूटरों पर काम करने लगे. हिंदी यहाँ भी भयंकर रूप से हमें डराती रही. कहीं फ़ॉन्ट नहीं दिखता था तो कहीं कीबोर्ड नहीं चलता था. किसी को बढ़िया हिंदी में लिखकर ईमेल भेजा तो एनकोडिंग और फ़ॉन्ट की समस्या के कारण सामने वाले ने वापस डराया कि क्या कचरा भेज दिया है – ईमेल लिखना नहीं आता क्या - हिंदी में भी कोई ईमेल लिखा जाता है? आज भी सही हिंदी लिखने के लिए कंप्यूटर पर एक ढंग का न तो स्पैल चेकर है और न व्याकरण जांचक. अब भला कौन हिंदी लिखने वाला लिखते लिखते नहीं डरेगा ही कि वो कि लिखे कि की!

और, हमें ही क्या. हिंदी तो खुद कंप्यूटरों को भयंकर डराती है. कंप्यूटरों के लिए हिंदी बेहद कॉम्प्लैक्स यानी बेहद जटिल भाषा है. चीनी से भी ज्यादा जटिल. इसीलिए हिंदी के कंप्यूटर प्रोग्राम ज्यादा बन नहीं पाते हैं. कंप्यूटरों में प्रयोग होने वाला जटिल से जटिल लॉजिक भी ये नहीं समझ पाता कि क में छोटी ई की मात्रा बाद में लगती है और छपते समय पहले क्यों आ जाती है, और दो आधे अक्षर एक दूसरे पर ऊटपटांग तरीके से युग्म कैसे बना डालते हैं. आप अपने कंप्यूटर में हिंदी इंटरफेस एनेबल कर देखें - आपके कंप्यूटर के प्रोसेसर को एकदम से चालीस प्रतिशत ज्यादा काम करना पड़ेगा और हो सकता है कि वो हाँफने भी लगे. एक विद्वान ने एक फोरम में बताया था कि हिंदी के तमाम युग्म शब्दों को आज तक कोई भी माई का लाल सूची बद्ध नहीं कर पाया है. इतना डराती है हींदि - ओह, सॉरी,  हिंदी या हिन्दी?

चूंकि हम अपने पढ़ाई के जमाने से हिंदी से डरे हुए थे, और यह समस्या अपने बच्चों को न हो इसीलिए हमने बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूल में डाला. परंतु हमसे यहीं बड़ी भूल हो गई. हम हिंदी से और ज्यादा डरने लगे. बच्चे सनडे मनडे तो जानते हैं, मगर सोमवार रविवार नहीं. उनसे पत्राचार करने के लिए देवनागरी हिंदी के बजाए महा डरावनी रोमन हिंदी पर उतरना पड़ता है. ऊपर से न तो वो अंग्रेजी ढंग से जानते हैं न हिंदी. पता नहीं क्या होगा इस देश का!

 

हिंदी से डरते रहो!

 

व्यंज़ल

 

जाने कितनों को डराता है

वो फकत हिंदी बोलता है

 

उसे अब कौन पूछता है

जो फकत हिंदी लिखता है

 

वो बड़ा देसी बनता है

बीच में हिंदी फेंकता है

 

उसका तो खुदा भी नहीं

अब जो हिंदी पढ़ता है

 

आधुनिक बन गया रवि

वो हिंदी को कोसता है

--

COMMENTS

BLOGGER: 15
  1. खोफनाक मंजर!! भयाक्रांत स्थिति!!:)

    जवाब देंहटाएं
  2. हिन्‍दी का डर भगाने के लिए अब संस्‍कृत सीखनी पड़ेगी। कुछ विद्वान लोग बता रहे थे कि वह अधिक सरल है। पाणिनी की व्‍याकरण तो और भी छोटी सी पुस्तिका भर है।

    पार पड़ गई तो हिन्‍दी से छुटकारा मिल जाएगा, आराम से बैठकर संस्‍कृत में लिखा करेंगे... :)

    जवाब देंहटाएं
  3. देवनागरी हिंदी के बजाए महा डरावनी रोमन हिंदी ... सचमुच हिंदी बेहद खौफ़नाक है

    जवाब देंहटाएं
  4. आपका पहला पैराग्राफ मैंने अपनी APS रिपोर्ट में quote किया है

    जवाब देंहटाएं
  5. हिन्दी की बहुत ही रोचक सफर ....:)

    जवाब देंहटाएं
  6. डर डर कर हिन्दी को एक राक्षस सा बना दिया है कि वह सबको खाने को तैयार बैठी है, अभ्यास करें, सब आ जायेगी।

    जवाब देंहटाएं
  7. हलके-फुल्के तरीके से आपने बड़ी गंभीर बात कही है सर...
    हिन्दी वाले कितने भी विद्वान हो जाएँ... अच्छी अंग्रेजी न जाने का इनफीरियरिटी कॉम्प्लेक्स कहीं न कहीं रहता ही है... और बंदे में अकाल दो कौड़ी की न हो लेकिन अंग्रेजी अमेरिकन एक्सेंट में बोल रहा हो तो कहना ही क्या?
    कम्प्यूटर पर हिन्दी में मेरे ख़याल से उतना रिसर्च नहीं हुआ जितना होना चाहिए वरना इतनी मुश्किल भी नहीं है हिन्दी...

    जवाब देंहटाएं
  8. सच बात है हुजुर,मेरे बच्चे नहीं समझ पाते कि ३०+१= एकतीस तो ३०+२= दो तीस क्यों नही फिर भी आधी-अधूरी इंग्लिस से हिंदी बेहतर है ,नहीं तो लोग सन्डे ,मंडे के बाद टुडे बोल देते है.


    जवाब देंहटाएं
  9. आपने जो कुछ कहा है, वह मेरी भी वेदना है। काश! हिन्‍दी के पूतों तक यह बात पहुँचे।

    जवाब देंहटाएं
  10. @महा डरावनी रोमन हिंदी

    हाँ विभात्सव लगता है रोमन हिंदी में पढ़ना.

    जवाब देंहटाएं
  11. भैया जी आपने एकदम सही कहा

    जवाब देंहटाएं
  12. कितने शहरी हो गए लोगों के ज़ज्बात ,हिंदी भी करने लगी ,अंग्रेजी में बात .......एक गज़ल कुछ ऐसी हो ,बिलकुल तेरे जैसी हो ,मेरा चाहे कुछ भी हो ,तेरी ऐसी तैसी हो (मतलब तेरी हिंदी हो ).........देख तूने मुझे ज्यादा तंग किया तो मैं तेरी हिंदी कर दूंगा ,हिंदी और डेमोक्रेसी की एक ही गत है वोटिस्तान में ..........सभी इनाम प्राप्त ब्लोगर बंधुओं ,बांध्वियों को मुबारक बाद .पूरा ब्लॉग जगत हर्षित है आज .हम भी गौरवान्वित हुए ,मंशा यही है परस्पर हुश हुश कर एक दूजे पे स्वान उकसाना छोड़ें ,ब्लोगिंग को एक परिवर्तन कामी सशक्त माध्यम के रूप में लें,आपके सामाजिक सरोकार इस हुश हुश से बहुत ऊपर और जन उपयोगीं हैं हुश हुश कर स्वानों को उकसाने वाले संसद को ही शोभा देतें हैं ब्लॉग जगत को नहीं .
    पुनश्च :बधाई बधाई बधाई !
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    बुधवार, 29 अगस्त 2012
    सात आसान उपाय अपनाइए ओस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए
    अस्थि-सुषिर -ता (अस्थि -क्षय ,अस्थि भंगुरता )यानी अस्थियों की दुर्बलता और भंगुरता का एक रोग है ओस्टियोपोसोसिस

    सात आसान उपाय अपनाइए ओस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए

    तकरीबन चार करोड़ चालीस लाख अमरीकी लोग अस्थियों को कमज़ोर और भंगुर बनाने वाले इस रोग से ग्रस्त हैं इनमें ६८% महिलायें हैं .

    एक स्वास्थ्य वर्धक खुराक जिसमे शामिल रहें -फल ,तरकारियाँ ,मोटे अनाज और Lean protein साथ में जिसके हों विटामिन डी ,विटामिन K और विटामिन C ,और केल्शियम ,मैग्नीशियम ,पोटेशियम खनिज तब रहें आप की हड्डियां सही सलामत .

    Skeleton Key :Why Calcium Matters

    हमारे तमाम अस्थि पंजर (कंकाल) की मजबूती के लिए सबसे ज़रूरी और अनिवार्य तत्व है केल्शियम खनिज .लेकिन इसके संग साथ हो विटामिन D का .साथ में आपको मालूम हो उम्र के मुताबिक़ कब आपको कितना केल्शियम खनिज चाहिए .

    जवाब देंहटाएं
  13. बेनामी9:51 pm

    very good info.
    If one is afraid of Hindi, why not write Hindi in India's simplest shirorekhaa and nutkaa free Gujarati script?

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत अच्छा लिखा है रवि जी ... हम हिंदी से नहीं डरते...

    जवाब देंहटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: क्या आप भी हिंदी से डरते हैं?
क्या आप भी हिंदी से डरते हैं?
http://lh6.ggpht.com/-byY72VUMQ5o/UDc_u7DbuLI/AAAAAAAANto/8hWACoZ_XBI/clip_image001%25255B3%25255D.png?imgmax=800
http://lh6.ggpht.com/-byY72VUMQ5o/UDc_u7DbuLI/AAAAAAAANto/8hWACoZ_XBI/s72-c/clip_image001%25255B3%25255D.png?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2012/08/blog-post_24.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2012/08/blog-post_24.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content