डॉ. मनीष कुमार मिश्रा के संपादन में 250 से अधिक पृष्ठों में हिंदी ब्लॉगिंग संबंधी पचासेक उम्दा आलेखों को समेटे यह किताब हिंदी ब्लॉगिंग के भ...
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा के संपादन में 250 से अधिक पृष्ठों में हिंदी ब्लॉगिंग संबंधी पचासेक उम्दा आलेखों को समेटे यह किताब हिंदी ब्लॉगिंग के भूत, वर्तमान और कुछ-कुछ भविष्य के परिदृश्य पर अच्छा खासा प्रकाश डालता है.
आलेखों में कहीं कहीं विषय और कथ्य का दोहराव हुआ है, मगर इससे इस उम्दा किताब के कलेवर पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. किताब की बहुत सी सामग्री इंटरनेट पर यत्र-तत्र प्रकाशित हो चुकी है, मगर उन्हें तरतीब से और विषयानुरूप उम्दा तरीके से सजाकर परोसा गया है जिससे पाठकों को हिंदी ब्लॉगिंग के स्वरूप को समझने में मदद मिलती है.
किताब में ब्लॉग के तकनीकी पक्ष को अनछुआ रखा गया है, जो शायद इस किताब के विषय-वस्तु के अनुरूप ही रहा होगा, मगर यदि एक दो अध्याय तकनीकी पक्ष को लेकर दिए जाते तो यह किताब अपने आप में हिंदी ब्लॉगिंग की एक परिपूर्ण किताब का दर्जा प्राप्त कर सकती थी.
तकनीकी पक्ष के अलावा इसमें सबकुछ है - इतिहास से लेकर इसके आज के स्वरूप में विस्तार लेने तक और यहां तक कि इसके सामाजिक और राजनैतिक प्रभाव और सरकारी लगाम लगाने के प्रयासों - सभी की गहराई से चर्चा की गई है.
यदि आप हिंदी ब्लॉगिंग विषय पर गहराई से जानना समझना चाहते हैं और यह आपके रुचि का विषय है तो यह किताब आपके काम आएगी.
किताब का लेआउट, प्रिंट और कागज बेहद उम्दा क्वालिटी का, आकर्षक है.
किताब का लोकार्पण 27 अगस्त को लखनऊ में प्रस्तावित है.
अन्य विवरण निम्न हैं
हिंदी ब्लॉगिंग - स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएं
संपादक - डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
पृष्ठ - 260
मूल्य - 400 रुपए
प्रकाशक - युवा साहित्य चेतना मंडल
एन - 23, श्रीनिवास पुरी, नयी दिल्ली - 110065
किताब प्राप्त करने के लिए संपादक - डॉ. मनीष मिश्रा से ईमेल - manishmuntazir@gmail.com पर संपर्क करें.
शुभकामनायें, निश्चय ही रोचक होगी।
हटाएंलोकार्पित कराइये फ़िर देखते हैं किताब। फ़िलहाल तो बधाई मिसिरजी को किताब के लिये।
हटाएंब्लॉगिंग पर कुछ अच्छी किताबें आई हैं, यह भी उनमें अगली कडी है। ब्लॉगिंग पर अच्छा मुद्रित साहित्य तैयार हो रहा है, यह खुशी की बात है।
हटाएंपोस्ट लगाने के लिए धन्यवाद ।
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