परिकल्पना पर दशक के हिंदी चिट्ठाकार व हिंदी चिट्ठा को चुनने के लिए एक पोल लगाया गया है. जिसमें आप अपना बहुमूल्य वोट देकर इनका चुनाव कर सक...
परिकल्पना पर दशक के हिंदी चिट्ठाकार व हिंदी चिट्ठा को चुनने के लिए एक पोल लगाया गया है. जिसमें आप अपना बहुमूल्य वोट देकर इनका चुनाव कर सकते हैं.
आपकी सुविधा के लिए (कृपया ध्यान दें, महज आपकी सुविधा के लिए,) वहाँ 10-10 चिट्ठाकार व चिट्ठों की सूची लगाई गई है. तो आप उनमें से चुन सकते हैं, या आपकी नजर में वे अनुपयुक्त हैं तो आप कोई अन्य उपयुक्त नाम सुझा सकते हैं, और उसे वोट दे सकते हैं.
और, जैसा कि जाहिर है, इन पुरस्कारों की घोषणा के साथ ही विरोध (और कहीं कहीं थोड़े बहुत समर्थन) के सुर चहुँ ओर टर्राने लगे हैं. रुदन, क्रंदन और विलाप प्रारंभ हो गए हैं.
चिट्ठाकार पुरस्कारों (चिट्ठाकार क्या हर किस्म के पुरस्कारों पर यह लागू है) पर नाहक हो हल्ला और गर्दभ-रुदन की परंपरा पुरानी रही है. जो नाहक गर्दभ-रुदन करते हैं और मठाधीशी जैसी बातें करते हैं उनसे गुजारिश है कि वे भी अपने मठ तो बनाएं और ऐसा कुछ प्रकल्प प्रारंभ तो करें.
ब्लॉगिंग पुरस्कार तमाम भाषाओं के ब्लॉगों में चलते हैं. अंग्रेज़ी भाषाई ब्लॉगों में तो सैकड़ों पुरस्कार हैं और सैकड़ों स्तर पर प्रदान किए जाते हैं – और, विवाद वहाँ भी होते हैं! परंतु निम्नस्तरीय नहीं. जब हिंदी ब्लॉगिंग ने रफ़्तार पकड़ी तो इंडीब्लॉगीज, माइक्रोसॉफ़्ट भाषा इंडिया और सृजनगाथा जैसे हिंदी ब्लॉग पुरस्कार आगे आए. मगर तमाम तरफ से और खासकर जिन भाई लोगों के नाम महज दर्जन भर ब्लॉग पोस्टें व छः महीने का ब्लॉगानुभव था उन्होंने भी इन पुरस्कारों को लेकर ऐसा श्वान रुदन मचाया कि उनके आयोजकों ने आगे ऐसे आयोजनों से तौबा कर ली.
ध्यान दें कि जब आप इस किस्म का श्वान रुदन मचाते हैं, गर्दभ क्रंदन करते हैं तो वस्तुतः अपने बारे में, व अपनी निकृष्ट और घटिया सोच को ही दुनिया के सामने रखते हैं. मेरा यहाँ मंतव्य यह नहीं है कि आप इन आयोजनों की प्रशंसा ही करें. आलोचना करें, मगर स्वस्थ और साथ में यदि कुछ त्रुटि हो रही हो तो उसका सॉल्यूशन भी दें. नहीं तो त्रुटियाँ और खामियाँ तो लोग भगवान, सृष्टिकर्ता की भी निकालते हैं.
संदर्भवश, बताता चलूं कि सृजन सम्मान ब्लॉग पुरस्कार के समय तो महीने भर तक रूदन-क्रंदन मचाया जाता रहा, जिसमें मैं भी एक निर्णायक था. तो अंततः मुझे भी दर्दे-डिस्को करना पड़ा था. और आइंदा कभी भी ब्लॉग पुरस्कारों के लिए निर्णायक बनने से तौबा कर ली थी!
बहरहाल, परिकल्पना को साधुवाद कि वे पिछले वर्ष के इसी तरह के अनर्थक क्रंदनों (वस्तुतः डॉग बार्किंग) को अनदेखा कर इस वर्ष भी ब्लॉग पुरस्कारों का आयोजन कर रहे हैं. उम्मीद है कि यह आयोजन और अधिक भव्य और विशाल होगा और उत्तरोत्तर समृद्ध होगा. परिकल्पना व आयोजकों को मेरी दिली शुभकामनाएँ व मुझे व मेरे ब्लॉग को एक उम्मीदवार माना इस हेतु उनका धन्यवाद.
अंत में, इस ब्लॉग के सुधी पाठकों से एक विशेष अपील –
मेरा व मेरे ब्लॉग का नाम भी इस सूची में शामिल है. यदि आपको लगता है कि मैं एक उपयुक्त उम्मीदवार हूँ तो कृपया मुझे वोट करें. यदि आपकी नजर में इस लायक दूसरे हैं तो उन्हें वोट दें, और यदि आपके उपयुक्त उम्मीदवार का नाम वहाँ नहीं है तो कृपया वह नाम वहाँ अवश्य सुझाएं. जो भी स्थिति हो, अपना वोट अवश्य दें. यहाँ यह याद रहे कि जितना ज्यादा से ज्यादा लोग वोट देंगे, सांख्यिकीय नियमों के मुताबिक उपयुक्त चयन की संभावना उतनी ज्यादा बलवती होगी.
कृपया ध्यान दें:
वोट देने की अंतिम तिथि – 30 मई 2012 है.
धन्यवाद.
THANX ADIGURU
हटाएंPRANAM.
धन्यवाद सञ्जय जी.
हटाएंअभी आपको वोट देकर आते है.....
हटाएंआपको बहुत-2 धन्यवाद.
हटाएंये पोस्ट अब पढी है, जबकि वोट तो आपको पहले ही कर आया हूं मैं
हटाएं"उनसे गुजारिश है कि वे भी अपने मठ तो बनाएं और ऐसा कुछ प्रकल्प प्रारंभ तो करें"
सही कहा जी
प्रणाम स्वीकार करें
अन्तर जी, प्रणाम.
हटाएंहाँ, पता नहीं लोगों को किस चश्मे से मठ और मठाधीश नजर आते हैं! तो ऐसे लोगों को मेरा कहना है, अरे भई, आपको मठ और मठाधीश नजर आते हैं तो आप भी कैपेबल हो, एक नहीं दर्जन भर मठ बना लो और बन जाओ मठाधीश. यहाँ कोई रोक टोक थोड़े ही है. सभी अपनी ढपली ढांय ढांय बजा सकते हैं और अपना राग गा सकते हैं!
और, हाँ, वोट के लिए धन्यवाद.
हटाएंhad already voted..
हटाएंअनिता जी, धन्यवाद!
हटाएंalready voted
हटाएंदोबारा धन्यवाद!!
हटाएंमेरा बोट मेरे लिए काउंट कर लें प्लीज़ ☺
हटाएंकर लिया प्लीज!
हटाएंअरे अब आप सदी के सर्वश्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर सम्मान के लिये अपने को नामित कीजिये। इनाम की पक्की गारण्टी! http://hindini.com/fursatiya/archives/2979
हटाएंअभी जाते हैं वहाँ..
हटाएंजान के बदले जान तो पोस्ट के बदले पोस्ट,
हटाएंपढ़िए और बताइये कि यह श्वान-गदर्भ रूदन-क्रंदन में आता है या नहीं ?
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http://hindini.com/fursatiya/archives/2979/comment-page-1#comment-54743
वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु आपका आभार रवि जी ।
हटाएं"When I grow up, I'm not going to read the newspaper and I'm not going to follow complex issues and I'm not going to vote. That way I can complain when the government doesn't represent me. Then, when everything goes down the tubes, I can say the system doesn't work and justify my further lack of participation."
हटाएं-Calvin
An ingeniously self-fulfilling plan.
Hobbes
It's a lot more fun to blame things than to fix them.
Calvin
From Calvin and Hobbes
मेरा यह आज फेसबुक पर स्टेटस था.
घुघूतीबासूती
धन्यवाद घुघूतीबासूती जी.
हटाएंआपका स्टेटस इस पोस्ट के मिजाज को संबल प्रदान करता है.
बाकी, आपने वोट दिया या नहीं? हम आपको सिस्टम को ब्लेम करने नहीं देंगे
purnima varman ji ko jit jane do vo hi iski aasli hakdar hi
हटाएंजी हाँ, मेरा भी यही मानना है!
हटाएंek baat baataae
हटाएंpehlae aap judge they
ab aap nominated haen
yae promotion haen ki demotion
yae matter solve ho jaaye to vot karu
ब्लॉगर हमेशा ब्लॉगर ही होता है. कोई पुरस्कार या निंदा-प्रस्ताव किसी ब्लॉगर के स्टेटस में बाल बराबर का फर्क नहीं कर सकता!
हटाएंकरता है क्या?
बहरहाल, आप वोट करें नहीं तो नामित करें
takkar kaante kee hai.....
हटाएंअरे! कांटें भी है वहाँ?
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