123...20331 / 2033 POSTS
Homeहिन्दीविविध

दशक के हिंदी चिट्ठाकार के लिए कृपया अवश्य वोट करें

SHARE:

परिकल्पना पर दशक के हिंदी चिट्ठाकार व हिंदी चिट्ठा को चुनने के लिए एक पोल लगाया गया है. जिसमें आप अपना बहुमूल्य वोट देकर इनका चुनाव कर सक...

clip_image001

परिकल्पना पर दशक के हिंदी चिट्ठाकार व हिंदी चिट्ठा को चुनने के लिए एक पोल लगाया गया है. जिसमें आप अपना बहुमूल्य वोट देकर इनका चुनाव कर सकते हैं.

आपकी सुविधा के लिए (कृपया ध्यान दें, महज आपकी सुविधा के लिए,) वहाँ 10-10 चिट्ठाकार व चिट्ठों की सूची लगाई गई है. तो आप उनमें से चुन सकते हैं, या आपकी नजर में वे अनुपयुक्त हैं तो आप कोई अन्य उपयुक्त नाम सुझा सकते हैं, और उसे वोट दे सकते हैं.

और, जैसा कि जाहिर है, इन पुरस्कारों की घोषणा के साथ ही विरोध (और कहीं कहीं थोड़े बहुत समर्थन) के सुर चहुँ ओर टर्राने लगे हैं. रुदन, क्रंदन और विलाप प्रारंभ हो गए हैं.

चिट्ठाकार पुरस्कारों (चिट्ठाकार क्या हर किस्म के पुरस्कारों पर यह लागू है) पर नाहक हो हल्ला और गर्दभ-रुदन की परंपरा पुरानी रही है. जो नाहक गर्दभ-रुदन करते हैं और मठाधीशी जैसी बातें करते हैं उनसे गुजारिश है कि वे भी अपने मठ तो बनाएं और ऐसा कुछ प्रकल्प प्रारंभ तो करें.

ब्लॉगिंग पुरस्कार तमाम भाषाओं के ब्लॉगों में चलते हैं. अंग्रेज़ी भाषाई ब्लॉगों में तो सैकड़ों पुरस्कार हैं और सैकड़ों स्तर पर प्रदान किए जाते हैं – और, विवाद वहाँ भी होते हैं! परंतु निम्नस्तरीय नहीं. जब हिंदी ब्लॉगिंग ने रफ़्तार पकड़ी तो इंडीब्लॉगीज, माइक्रोसॉफ़्ट भाषा इंडिया और सृजनगाथा जैसे हिंदी ब्लॉग पुरस्कार आगे आए. मगर तमाम तरफ से और खासकर जिन भाई लोगों के नाम महज दर्जन भर ब्लॉग पोस्टें व छः महीने का ब्लॉगानुभव था उन्होंने भी इन पुरस्कारों को लेकर ऐसा श्वान रुदन मचाया कि उनके आयोजकों ने आगे ऐसे आयोजनों से तौबा कर ली.

ध्यान दें कि जब आप इस किस्म का श्वान रुदन मचाते हैं, गर्दभ क्रंदन करते हैं तो वस्तुतः अपने बारे में, व अपनी निकृष्ट और घटिया सोच को ही दुनिया के सामने रखते हैं. मेरा यहाँ मंतव्य यह नहीं है कि आप इन आयोजनों की प्रशंसा ही करें. आलोचना करें, मगर स्वस्थ और साथ में यदि कुछ त्रुटि हो रही हो तो उसका सॉल्यूशन भी दें. नहीं तो त्रुटियाँ और खामियाँ तो लोग भगवान, सृष्टिकर्ता की भी निकालते हैं.

संदर्भवश, बताता चलूं कि सृजन सम्मान ब्लॉग पुरस्कार के समय तो महीने भर तक रूदन-क्रंदन मचाया जाता रहा, जिसमें मैं भी एक निर्णायक था. तो अंततः मुझे भी दर्दे-डिस्को करना पड़ा था. और आइंदा कभी भी ब्लॉग पुरस्कारों के लिए निर्णायक बनने से तौबा कर ली थी!

बहरहाल, परिकल्पना को साधुवाद कि वे पिछले वर्ष के इसी तरह के अनर्थक क्रंदनों (वस्तुतः डॉग बार्किंग) को अनदेखा कर इस वर्ष भी ब्लॉग पुरस्कारों का आयोजन कर रहे हैं. उम्मीद है कि यह आयोजन और अधिक भव्य और विशाल होगा और उत्तरोत्तर समृद्ध होगा. परिकल्पना व आयोजकों को मेरी दिली शुभकामनाएँ व मुझे व मेरे ब्लॉग को एक उम्मीदवार माना इस हेतु उनका धन्यवाद.

अंत में, इस ब्लॉग के सुधी पाठकों से एक विशेष अपील –

मेरा व मेरे ब्लॉग का नाम भी इस सूची में शामिल है. यदि आपको लगता है कि मैं एक उपयुक्त उम्मीदवार हूँ तो कृपया मुझे वोट करें. यदि आपकी नजर में इस लायक दूसरे हैं तो उन्हें वोट दें, और यदि आपके उपयुक्त उम्मीदवार का नाम वहाँ नहीं है तो कृपया वह नाम वहाँ अवश्य सुझाएं. जो भी स्थिति हो, अपना वोट अवश्य दें. यहाँ यह याद रहे कि जितना ज्यादा से ज्यादा लोग वोट देंगे, सांख्यिकीय नियमों के मुताबिक उपयुक्त चयन की संभावना उतनी ज्यादा बलवती होगी.

कृपया ध्यान दें:

वोट देने की अंतिम तिथि – 30 मई 2012 है.

धन्यवाद.

COMMENTS

BLOGGER: 25
  1. बेनामी12:50 pm

    अभी आपको वोट देकर आते है.....

    जवाब दें हटाएं
  2. ये पोस्ट अब पढी है, जबकि वोट तो आपको पहले ही कर आया हूं मैं

    "उनसे गुजारिश है कि वे भी अपने मठ तो बनाएं और ऐसा कुछ प्रकल्प प्रारंभ तो करें"

    सही कहा जी
    प्रणाम स्वीकार करें

    जवाब दें हटाएं
    उत्तर
    1. अन्तर जी, प्रणाम.
      हाँ, पता नहीं लोगों को किस चश्मे से मठ और मठाधीश नजर आते हैं! तो ऐसे लोगों को मेरा कहना है, अरे भई, आपको मठ और मठाधीश नजर आते हैं तो आप भी कैपेबल हो, एक नहीं दर्जन भर मठ बना लो और बन जाओ मठाधीश. यहाँ कोई रोक टोक थोड़े ही है. सभी अपनी ढपली ढांय ढांय बजा सकते हैं और अपना राग गा सकते हैं!

      जवाब दें हटाएं
    2. और, हाँ, वोट के लिए धन्यवाद.

      जवाब दें हटाएं
  3. मेरा बोट मेरे लि‍ए काउंट कर लें प्‍लीज़ ☺

    जवाब दें हटाएं
  4. अरे अब आप सदी के सर्वश्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर सम्मान के लिये अपने को नामित कीजिये। इनाम की पक्की गारण्टी! http://hindini.com/fursatiya/archives/2979

    जवाब दें हटाएं
  5. जान के बदले जान तो पोस्ट के बदले पोस्ट,
    पढ़िए और बताइये कि यह श्वान-गदर्भ रूदन-क्रंदन में आता है या नहीं ?
    -
    http://hindini.com/fursatiya/archives/2979/comment-page-1#comment-54743

    जवाब दें हटाएं
  6. वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु आपका आभार रवि जी ।

    जवाब दें हटाएं
  7. "When I grow up, I'm not going to read the newspaper and I'm not going to follow complex issues and I'm not going to vote. That way I can complain when the government doesn't represent me. Then, when everything goes down the tubes, I can say the system doesn't work and justify my further lack of participation."
    -Calvin
    An ingeniously self-fulfilling plan.
    Hobbes
    It's a lot more fun to blame things than to fix them.
    Calvin
    From Calvin and Hobbes
    मेरा यह आज फेसबुक पर स्टेटस था.
    घुघूतीबासूती

    जवाब दें हटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद घुघूतीबासूती जी.
      आपका स्टेटस इस पोस्ट के मिजाज को संबल प्रदान करता है.
      बाकी, आपने वोट दिया या नहीं? हम आपको सिस्टम को ब्लेम करने नहीं देंगे

      जवाब दें हटाएं
  8. बेनामी11:40 am

    purnima varman ji ko jit jane do vo hi iski aasli hakdar hi

    जवाब दें हटाएं
  9. ek baat baataae
    pehlae aap judge they
    ab aap nominated haen

    yae promotion haen ki demotion

    yae matter solve ho jaaye to vot karu

    जवाब दें हटाएं
    उत्तर
    1. ब्लॉगर हमेशा ब्लॉगर ही होता है. कोई पुरस्कार या निंदा-प्रस्ताव किसी ब्लॉगर के स्टेटस में बाल बराबर का फर्क नहीं कर सकता!
      करता है क्या?
      बहरहाल, आप वोट करें नहीं तो नामित करें

      जवाब दें हटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: दशक के हिंदी चिट्ठाकार के लिए कृपया अवश्य वोट करें
दशक के हिंदी चिट्ठाकार के लिए कृपया अवश्य वोट करें
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj63XjTnliyvU8gcX9vl_SKFB_dt4Fu8t77OQse_gAUlhubMf634gLYfejchg64YDoWdupVMTPArr_Ap14GuEjihVIgQcfeiG2fr2GXkKM2-HrN2bjNh7qVDzDEXdSu2YlLOU8O/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj63XjTnliyvU8gcX9vl_SKFB_dt4Fu8t77OQse_gAUlhubMf634gLYfejchg64YDoWdupVMTPArr_Ap14GuEjihVIgQcfeiG2fr2GXkKM2-HrN2bjNh7qVDzDEXdSu2YlLOU8O/s72-c/?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2012/05/blog-post_15.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2012/05/blog-post_15.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content