आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 486 गुरूजी के उत्तर गुरूजी के उत्...
आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ
संकलन – सुनील हांडा
अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी
गुरूजी के उत्तर
गुरूजी के उत्तरों को प्रायः एक फार्मूले की तरह दुहराना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण होता है जितना कि अपनेआप में वह उत्तर।
यह कहानी एक ऐसे गुरूजी से संबंधित है जिन्होंने जीवनपर्यंत मौन व्रत धारण किया हुआ था। चूंकि गुरूजी हमेशा मौन रहा करते थे, इसीलिए शिष्यों को अपनी भाषायी और व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के लिए गुरूजी के संभावित उत्तर का स्वयं अनुमान लगाना पड़ता था। इसका परिणाम यह हुआ कि उनका प्रत्येक शिष्य उनकी ही तरह बुद्धिमान हो गया और अपने गुरूजी के स्थान पर उपदेश देने में सक्षम हो गया।
गुरू सिर्फ एक मार्गदर्शक की तरह होता है जो सही राह दिखाता है। यह शिष्य पर निर्भर करता है कि वह अपने गुरू के बताये रास्ते पर चले या नहीं।
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अंधी चाल चलना
भयंकर हवा और बारिश के दौरान कसी हुयी रस्सी पर नियाग्रा प्रपात को पार करने के खतरनाक स्टंट के बाद महान जुम्ब्राती को एक अत्यंत उत्साही समर्थक मिला। उस समर्थक ने जुम्ब्राती को अपनी वापिसी की यात्रा उसी रस्सी पर एक पहिए चलाते हुए पूरा करने के लिए कहा।
महान जुम्ब्राती भयंकर मौसम को देखते हुए तैयार नहीं थे परंतु उस समर्थक ने दबाव बनाते हुए कहा - "तुम यह कारनामा कर सकते हो। मुझे विश्वास है।"
जुम्ब्राती ने उससे पूछा - "क्या तुम्हें वास्तव में यकीन है कि नियाग्रा फॉल को पहिया चलाकर पार कर सकता हूं?"
समर्थक ने उत्साहपूर्वक उत्तर दिया - "जरूर! तुम यह कारनामा कर सकते हो।"
यह सुनकर जुम्ब्राती ने उससे कहा - "तो ठीक है, पहिया लाओ।"
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मैं भी तो उपयोग नहीं कर रहा था
बैंक के दीवालिया होने पर मुल्ला नसरुद्दीन ने अपने सारे जीवन की जमापूंजी गंवा दी। इस बात पर वह धीरे से बोला - "चलो मेरा धन किसी के तो काम आएगा। आखिर मैं भी तो इसका उपयोग नहीं कर रहा था।"
(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)
Read my story here:
जवाब देंहटाएंhttp://mynetarhat.blogspot.in/2012_01_01_archive.html
सबको अपनी राह स्वयं ही चुनना होता है, ज्ञान उपलब्ध है।
जवाब देंहटाएंThis Happens Only in India, Mumbai Police के रसोइये Kasab के लिए Biryani बना रहे थे।
जवाब देंहटाएंhttp://www.bharatyogi.net/2012/04/this-happens-only-in-india-mumbai.html