122 आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there

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  आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी   475 सर्वोत्तम गाउन राजकुमारी अल...

 

sunil handa story book stories from here and there in Hindi

आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ

संकलन – सुनील हांडा

अनुवाद – परितोष मालवीयरवि-रतलामी

 

475

सर्वोत्तम गाउन

राजकुमारी अलीना को सुंदर वस्त्र पहनने का बहुत शौक था। उसके पास बहुत सारी सुंदर गाउन थीं। कुछ गाउन सिल्क की बना हुयीं थी और कुछ सैटिन की। ज्यादातर गाउनों में फीते, मनके और झालरें लगी हुयी थीं। उसके पास लगभग सभी रंगों की गाउन थीं। प्रत्येक गाउन विशेष रूप से उसके नाप की बनायी गयी थी। परिधान सिलने के लिए उसके पास दरजिनों की अपनी अलग टीम थी।

एक दिन राजकुमारी ने अपनी मुख्य सेविका से यूं ही कहा - "मेरी ज्यादातर गाउन दाहिने हाथ की कलाई पर गंदी हो गयी हैं। केवल कुछ गाउन ही गंदी नहीं हुयीं हैं। ऐसा कैसे संभव है?" मुख्य सेविका ने बिना दाग वाली सभी गाउन को अलग किया। उसने सभी दरजिनों को बुलाकर इसके बारे में पूछा। उसे ज्ञात हुआ कि ये सभी गाउन एक ही दरजिन द्वारा सिली गयीं हैं। उसने तत्काल उस दरजिन को बुलाया। अपने बुलावे से अचंभित वह दरजिन भागी-भागी आयी। मुख्य सेविका ने उससे कहा - "राजकुमारी जी का कहना है कि तुम्हारे द्वारा सिली गयी गाउनों की दाहिनी कलाई भोजन करते समय गंदी नहीं होती जबकि अन्य सभी गाउन दाहिनी कलाई पर गंदी हो जाती हैं। इसका क्या कारण है?"

दरजिन ने उत्तर दिया - "राजकुमारी की दाहिनी भुजा बांयी भुजा से एक इंच छोटी है। इसलिए मैंने गाउनों की दाहिनी भुजा एक इंच छोटी बनायी है ताकि यह सही जगह रहे, न कि नीचे लटकती रहे।"

सेविका की आँखें आश्चर्य से फटी रह गयीं। वह उस दरजिन को राजकुमारी के पास ले गयी। उस लड़की ने राजकुमारी के हाथों की फिर से नाप ली। वास्तव में दाहिनी भुजा छोटी पायी गयी। केवल इसी लड़की ने यह अंतर देख पाया था।

विस्तार से दे ध्यान देना! विस्तार से दे ध्यान देना! विस्तार से दे ध्यान देना! विस्तार में ही ईश्वर का वास है।

 

476

सुअर और गाय

एक बार की बात है किसी गांव में एक बहुत धनी और कंजूस व्यक्ति रहता था। सभी गांव वाले उससे बहुत नफरत करते थे। एक दिन उस व्यक्ति ने गांव वालों से कहा - "या तो तुम लोग मुझसे ईर्ष्या करते हो या तुम लोग धन के प्रति मेरे दीवानेपन को ठीक से नहीं समझते, केवल मेरा ईश्वर ही जानता है। मुझे पता है कि आप लोग मुझसे नफरत करते हैं। लेकिन जब मैं मरूंगा तो अपने साथ यह धन नहीं ले जाऊंगा। मैं यह धन अन्य लोगों के कल्याण के लिए छोड़ जाऊंगा। तब आप सभी लोग मुझसे खुश हो जायेंगे।"

उसकी ये बात सुनने के बाद भी लोग उसके ऊपर हँसते रहे।

गांव वाले उसके ऊपर जरा भी विश्वास नहीं रखते थे। वह फिर बोला - "मैं क्या अमर हूं? मैं भी दूसरे लोगों की ही तरह मरूंगा। तब यह धन सभी के काम आएगा।" उस व्यक्ति को यह समझ में नहीं आ रहा था कि लोग उसकी बातों पर भरोसा क्यों नहीं कर रहे हैं।

एक दिन वह व्यक्ति टहलने गया हुआ था कि अचानक जोरदार बारिश शरू हो गयी। उसने एक पेड़ के नीचे शरण ली। पेड़ के नीचे उसने एक सुअर और गाय को खड़ा पाया। सुअर और गाय के मध्य बातचीत चल रही थी। वह व्यक्ति चुपचाप उनकी बातें सुनने लगा।

सुअर, गाय से बोला - "ऐसा क्यों है कि सभी लोग तुमसे प्रेम करते हैं और मुझसे नफरत? जब मैं मरूंगा तो मेरे बाल, चमड़ी और मांस लोगों के काम में आयेंगे। मेरी तीन-चार चीजें काम की हैं जबकि तुम सिर्फ एक चीज ही देती हो - दूध। तब भी सब लोग हर वक्त तुम्हारी ही सराहना करते रहते हैं, मेरी नहीं।"

गाय ने उत्तर दिया - "तो सुनो, मैं लोगों को जिंदा रहते दूध देती हूं। इस कारण सभी लोग मुझे उदार समझते हैं। और तुम सिर्फ मरने के बाद ही काम आते हो। लोग भविष्य में नहीं वर्तमान में यकीन रखते हैं। सीधी सी बात है, यदि तुम जिंदा रहने के दौरान ही लोग के काम आओ तो लोग तुम्हारी भी तारीफ करेंगे।"

(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. कभी कभी न सुलझने वाली समस्या विस्तार पर ध्यान देने से सुलझ जाती है।

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