121 आसपास बिखरी हुई शानदार कहानियाँ - Stories from here and there

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  आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 472 मन में इच्छा रखना वैसा ही है जैसे...

 

sunil handa story book stories from here and there in Hindi

आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ

संकलन – सुनील हांडा

अनुवाद – परितोष मालवीयरवि-रतलामी

472

मन में इच्छा रखना वैसा ही है जैसे मरे हुए चूहे को पकड़ना

एक चील अपनी चोंच में मरे हुए चूहे को पकड़कर उड़ गयी। जैसे ही अन्य चीलों ने उस चील को चूहा ले जाते हुए देखा, वे उसके आसपास मडराने लगीं और उस पर हमला शुरू कर दिया। चीलों ने उसे चोंच मारना शुरू कर दिया जिससे वह लहुलुहान हो गयी। हालाकि वह इस हमले से अचंभित थी परंतु उसने चूहे को नहीं छोड़ा। लेकिन अन्य चीलों के लगातार हमले के कारण चूहा उसकी पकड़ से छूट गया। जैसे ही वह चूहा उसकी पकड़ से छूटा, उन सभी चीलों ने, जो उसके आसपास मडरा रही थीं, सारा ध्यान उस चूहे पर लगा दिया। वह चील एक पेड़ पर बैठ गयी और सोचने लगी।

उसने सोचा - पहले मैंने सोचा कि बाकी सभी चीलें मेरी दुश्मन थीं लेकिन जैसे ही मैंने चूहे को छोड़ा वे सभी मुझसे दूर चली गयीं। इसका मतलब यह है कि उनकी मुझसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। वह चूहा ही उनके हमले का कारण था। गलती मेरी थी कि मैं चूहे को अपनी चोंच में दबाये रही। मुझे उस चूहे को पहले ही छोड़ देना चाहिए था लेकिन मैं बेवकूफ यह सोच रही थी कि वे सभी मुझसे जाराज़ हैं। 

स्वामी रामकृष्ण यह कहानी प्रायः सुनाते थे और कहा करते थे कि मन में इच्छा रखना वैसा ही है जैसे मरे हुए चूहे को पकड़ना।


473

सबसे अच्छी दवा

एक नौजवान लड़का प्रायः निराश और दुःखी रहा करता था। वह हमेशा चुप और अकेला रहता। वह अपने दोस्तों के साथ खेलना और रहना भी नहीं चाहता था। वह तो सिर्फ अकेले बैठकर सुबकना चाहता था।
उसकी माँ उसे यह डॉक्टर के पास ले गयीं। उन्होंने डॉक्टर को सारी समस्यायें विस्तार से बतायीं। उन्हें यह चिंता थी कि उनका पुत्र अवसाद का शिकार हो रहा है। डॉक्टर ने भलीभांति उस नौजवान का परीक्षण किया और सब कुछ सामान्य पाया। माँ को संतुष्ट करने के लिए डॉक्टर ने कुछ दवायें लेने का परामर्श दिया। लेकिन वास्तव में डॉक्टर ने उसे बीमारी की नहीं बल्कि ताकत की दवायें ही लिखी थीं। इसके बाद वह डॉक्टर उस महिला को एक किनारे ले गया और बोला - हालाकि मैंने बच्चे के लिए दवायें लिखीं हैं परंतु उसे दवाओं से ज्यादा प्यार की जरूरत है। आप उसे अधिक से अधिक प्यार दें। यही उसके लिए सबसे अच्छी दवा होगी। मुझे विश्वास है कि इससे वह जल्द ठीक हो जाएगा।

चिंतित महिला ने प्रश्न किया - और यदि इसका भी असर नहीं हुआ तो?

डॉक्टर ने उत्तर दिया - तब खुराक बढ़ाकर दोगुनी कर देना।


474

प्रेम का व्यवहार

एक रात मेरे घर एक व्यक्ति आया और बोला - ॑एक परिवार है जिसमें आठ बच्चे हैं और वे कई दिन से भूखे हैं।  मैंने अपने साथ खाने का कुछ सामान लिया और वहाँ पहुंचा। जब मैं उस घर पर पहुंचा तो मैंने बच्चों के भूख से मुरझाये हुए चेहरों को देखा। उनके चेहरे पर दुःख या उदासी नहीं बल्कि भूख से पैदा हुआ गहरा दर्द दिखायी दे रहा था। मैंने उन बच्चों की माँ को थोड़ा सा चावल दिया। उसने आधा चावल बच्चों को खाने के लिए दिया और आधा चावल अपने साथ लेकर चली गयी। जब वह वापस आयी तो मैंने उससे पूछा कि वह कहाँ गयी थी?

उसने सीधा सा उत्तर दिया - अपने पड़ोस में गयी थी, वे भी भूखे हैं?

मुझे यह सुनकर जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि गरीब लोग उदार होते ही हैं। लेकिन मुझे आश्चर्य इस बात का था कि उसे यह कैसे पता चला कि उसके पड़ोसी भी भूखे हैं। सामान्यतः जब हम कष्ट में होते हैं तो हमें सिर्फ अपने ही कष्ट दिखायी देते हैं, दूसरों के नहीं।

मेरे मित्र तारिक भाई ने एकबार मुझसे कहा था - वह कभी सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता जो अपने पड़ोसियों के भूखा रहते हुए भी भरपेट भोजन करे। जरूरतमंद की तलाश करना तुम्हारा काम है। कोई स्वयं तुम्हारे आगे हाथ फैलाने नहीं आएगा। 

(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. कहानियाँ किसे पसंद नहीं हैं? कहानियाँ आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. जब सब मरे हुये चूहे के पीछे भागें तो उसे छोड़ देना श्रेयस्कर

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