आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ संकलन – सुनील हांडा अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी 253 राजा से तो बेहतर वृक्ष है एक लड़क...
आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ
संकलन – सुनील हांडा
अनुवाद – परितोष मालवीय व रवि-रतलामी
253
राजा से तो बेहतर वृक्ष है
एक लड़का आम के वृक्ष पर पत्थर मारकर आम तोड़ने का प्रयास कर रहा था। गलती से एक पत्थर अपने लक्ष्य से भटककर वहां से गुजर रहे राजा को लगा। राजा के सैनिकों ने दौड़कर उस लड़के को पकड़ लिया और उसे राजा के समक्ष प्रस्तुत किया ।
राजा ने कहा -"इसके लिए तुम सजा के भागीदार हो। ............ताकि फिर कभी कोई राजा के ऊपर पत्थर फेंकने की हिम्मत न करे, अन्यथा ऐसे तो शासन चलाना मुश्किल हो जाएगा।"
लड़के ने विनयपूर्वक उत्तर दिया - "हे वीर एवं न्यायप्रिय राजन, जब मैंने आम के वृक्ष पर पत्थर मारा तो मुझे उपहार स्वरूप मीठे रसीले फल खाने को मिले और जब आपको पत्थर लगा तो आप मुझे दंड दे रहे हैं....आप से भला तो वृक्ष है।"
राजा का सिर शर्म से झुक गया।
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कोट के भीतर डायनामाइट
मुल्ला नसरुद्दीन खुशी-खुशी कुछ बुदबुदा रहा था। उसके मित्र ने इस खुशी का राज पूछा।
मुल्ला नसरुद्दीन बोला - "वो बेवकूफ अहमद जब भी मुझसे मिलता है, मेरी पीठ पर हाथ मारता है। आज मैंने अपने कोट के भीतर डायनामाइट की छड़ छुपा ली है। इस बार जब वो मेरी पीठ पर हाथ मारेगा तो उसका हाथ ही उड़ जाएगा।"
"भले ही मुझे हानि पहुंचे, मैं उसे क्षति पहुंचाकर बदला लूंगा।"
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(सुनील हांडा की किताब स्टोरीज़ फ्रॉम हियर एंड देयर से साभार अनुवादित. नित्य प्रकाशित इन कहानियों को लिंक व क्रेडिट समेत आप ई-मेल से भेज सकते हैं, समूहों, मित्रों, फ़ेसबुक इत्यादि पर पोस्ट-रीपोस्ट कर सकते हैं, या अन्यत्र कहीं भी प्रकाशित कर सकते हैं.अगले अंकों में क्रमशः जारी...)
पहली कथा राजा रणजीत सिंह वाली कथा में फेर-बदल से बनाई गई है। और दूसरी 'न खुद खाएंगे, न दूसरों को खाने देंगे' किस्म की महानता बताती है
हटाएंबहुत खूब्।
हटाएंबरबस एक मुस्कराहट खिंच जाती है पढ़कर।
हटाएंडायनामाइट के आविष्कारक नसीरुद्दीन को नमन!
हटाएंबड़े व्यक्ति को हमेशा कृपालू होना चाहिये परंतु ऐसा हरेक के साथ नहीं होता। अब डायनामाइट के लिये क्या बोलें नसरूद्दीन को ।
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