इधर बहुत समय से एमपी में रहने का मजा ही खतम हो गया है. यूं तो मैं भारत की बात भी कर सकता था कि यहाँ रहने का मजा नहीं रहा, पर जब से अमरीकी ...
इधर बहुत समय से एमपी में रहने का मजा ही खतम हो गया है. यूं तो मैं भारत की बात भी कर सकता था कि यहाँ रहने का मजा नहीं रहा, पर जब से अमरीकी वीजा पर मार पड़ी है, और ऑस्ट्रेलिया में हम भारतीयों पर हमले होने लगे हैं, ये विदेशी ऑप्शन भी तो साला खत्म हो गया है.
हाँ, तो मैं बात एमपी की कर रहा था. देखिए कि कैसे एकदम अ-आदर्श राज्य है यह. यहाँ की प्रजा को तो मुफ़्त में हवा भी नहीं मिलती. तमिलनाडु की प्रजा पिछले पाँच साल से मुफ़्त रंगीन टीवी के मजे लेकर थक चुकी है और चुनावी घोषणा पत्रों के मुताबिक इस बार के चुनाव के बाद जनता को क्या मिलने वाला है देखें -
मुफ़्त में रंगीन टीवी
मुफ़्त में लैपटॉप
मुफ़्त में महीने का 20 किलो राशन
मुफ़्त् में शुद्ध सोने का मंगल सूत्र
मुफ़्त में पंखा
मुफ़्त में मिक्सी
मुफ़्त में चिकित्सा बीमा
और इधर हमारे एमपी में क्या मिलता है? मुफ़्त में साइकल, पर वो भी यदि आप आठवीं कक्षा में पढ़ते हों और यदि आपने कन्या के रूप में जन्म लिया हो तो आपके बालिग होने पर 1 रु. लाख परिपक्वता का बाण्ड मुफ्त. बस. ये भी कोई बात हुई! महंगाई के जमाने में 20 साल बाद परिपक्व होने वाले 1 लाख रुपए के बाण्ड की खातिर कन्या रूप में जन्म लेने से तो रहे!
कुछ नहीं तो एमपी में पड़ोसी छत्तीसगढ़ और केरल की तरह चावल 2 रु. किलो मिलती. छत्तीसगढ़ की तरह 24x7 बिजली, वह भी 70 पैसे यूनिट मिलती. एक तो यहाँ आधे दिन बिजली रो-धो के मिलती है वो भी 5 रुपये यूनिट. कम से कम खेती किसानी के लिए पंजाब की तरह खेतों को तो मुफ़्त बिजली दे देते. पर नहीं.
आप अपने राज्य का हाल चाल बताएँ? क्या उधर माइग्रेट करने लायक कुछ मसाला है? या अपन सबके सब चल चलें तमिलनाडु?
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आप हमारे बिहार के तरफ भी रूख कर सकते हैं, आजकल यहाँ भी बहुत कुछ मुफ्त में मिल रहा है....
जवाब देंहटाएंसच में काश मैं भी तमिलनाडु या आन्ध्र में पैदा हुआ होता...पता नही चुनावों में क्या क्या मिलता ....यहाँ राजस्थान में तो लोग भी रेगिस्तान की तरह रूखे होते जा रहे है....
जवाब देंहटाएं@lucky,
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ कहने से काम नहीं बनेगा. आप तो लिस्ट बताएँ, स्पष्ट तभी कुछ सोचा जा सकेगा. नहीं तो फोकट बिहारी टैग लग जाएगा सो अलग! :)
अगली बार मैनीफेस्टो आप बनाकर दे दीजियेगा, यदि वोट चाहिये तो।
जवाब देंहटाएंआप जहां हैं वहीं बने रहिए रवि जी, एक न एक दिन मप्र में भी यही हालात हो जाएंगे, कोई राज्य तेजी से सीख रहा है तो कोई राज्य थोड़ा बाद में उसी रास्ते पर आ रहा है..:)
जवाब देंहटाएंहमारे यूपी के हालात तो और बुरे हैं। मनरेगा से लेकर स्वास्थ्य विभाग के ठेकों को लेकर घोटाले और मर्डर होते रहते हैं। सरकार और विपक्ष खुद ही बंदरबांट में लगे रहते हैं, बेचारी निरीह जनता को कौन पूछेगा। साउथ इण्डिया की ओर निकलना ही बेटर ऑप्शन रहेगा।
जवाब देंहटाएंरवी भाई एक टिकट अपना भी बुक करवा लीजियेगा |
जवाब देंहटाएंअपना प्यारा छत्तीसगढ़.
जवाब देंहटाएंसही है जी।
जवाब देंहटाएंऐसे में तो कहना चाहिये -चलो भाग चले दक्षिण की ओर!
मैं उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ, टी.वी., लैपटॉप, मिक्सी, पंखा मिल भी गया तो करेंगे क्या, लाइट ही नहीं आती :)
जवाब देंहटाएंहाँ चिकित्सा बीमा हो जाए तो कुछ फायदा हो, पक्का वसूल हो जायेगा क्यूंकि अस्पताल नहीं हैं :)
गरीबो को जो राशन कार्ड बनवाने के नियम है उन पर भी इसी तरह का प्रकाश डालने की कृपया करें
जवाब देंहटाएंमै भी मध्यप्रदेश एक किशान हू, और किशानो की कोई नहीं सुनता |
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