हिंदी के एकमात्र पूर्णकालिक ब्लॉगर शैलेश भारतवासी का जीवंत साक्षात्कार - देखिए तकनीकी दुनिया से साहित्यिक संसार के चुनौतीभरे उनके सफर की रोमांचक दास्तां

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इलेक्ट्रानिकी एवम् संचारिकी में बी.टेक. शैलेश भारतवासी अपने आप को हिंदी के एकमात्र पूर्णकालिक ब्लॉगर कहलाना पसंद करते हैं. शैलेश को हिंदी ब्...

इलेक्ट्रानिकी एवम् संचारिकी में बी.टेक. शैलेश भारतवासी अपने आप को हिंदी के एकमात्र पूर्णकालिक ब्लॉगर कहलाना पसंद करते हैं. शैलेश को हिंदी ब्लॉगिंग का पर्याय कहना अनुचित नहीं होगा. उन्होंने 2007 में जब हिंदी में ब्लॉगिंग की शुरूआत की थी, तो उस वक्त उन्होंने सोचा नहीं होगा कि हिंदी ब्लॉगिंग को वे पूर्णकालिक प्रोफ़ेशन का रूप दे देंगे. शैलेश भारतवासी ने अपने ब्लॉगिंग प्रकल्प हिंद-युग्म के जरिए हिंदी ब्लॉगिंग को एक तरह से री-डिफ़ाइन किया है, और तमाम संभावनाएँ न सिर्फ तलाशी हैं, उनके कमर्शियल वायेबिलिटी की ओर पुख्ता कदम भी रखे हैं. हिन्द युग्म के बैनर तले तमाम नायाब और बड़े काम हुए हैं, और आगे बहुत सी नई योजनाएँ पाइपलाइन में हैं. हिंदी ब्लॉगिंग के उज्जवल भविष्य के प्रति शैलेश भारतवासी पूरी तरह आश्वस्त हैं और बताते हैं कि आने वाले समय में और भी बहुत से पूर्णकालिक हिंदी ब्लॉगर आएंगे जिनकी आजीविका का बढ़िया साधन हिंदी ब्लॉगिंग होगी.

नीचे दिए यूट्यूब वीडियो में देखिए उनका दिलचस्प साक्षात्कार

COMMENTS

BLOGGER: 18
  1. रवि जी,
    वीडियो तो चल नहीं रहा है… कहता है it has been removed because its too long...

    ये क्या चक्कर है? इतना लम्बा साक्षात्कार तो नहीं ही होगा कि You-Tube इसे हटा दे?

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  2. इस वीडियो को निकाल दिया गया है क्योंकि यह बहुत बड़ा है.

    यूट्यूब पर यह संदेश आ रहा है।

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  3. उफ! ओह!
    यही तो मशीनी महिमा है. मशीन मशीन ही होता है. यू-ट्यूब में 15 मिनट की वीडियो चल सकती है. ये वीडियो महज 15 मिनट 57 सेकंड की है. अब 57 सेकंड की वीडियो हटा कर जल्द ही फिर से अपलोड करता हूं.
    पाठकों से असुविधा के लिए क्षमा.

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  4. वीडियो तो नहीं चल रहा मगर आदरणीय शैलेश भारतवासी जी को हार्दिक शुभकामनाये , उनका हिंदी साहित्य में योगदान बेहद प्रसंशनीय है.
    regards

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  5. मूल वीडियो शुरूआत में थोड़ा सा - 1 मिनट का हिस्सा काट कर फिर से अपलोड कर दिया है. प्रारंभ में शैलेस जी से प्रश्न पूछा गया था कि वे तकनीकी फ़ील्ड में से होने के बावजूद हिंदी साहित्य की ओर कैसे झुके और हिंद युग्म जैसा प्रकल्प खड़ा करने का खयाल उन्हें कैसे आया?

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  6. बढियां -शैलेश बड़े प्रतिभाशाली होनहार व्यक्ति हैं -इस साक्षात्कार के लिए आभार -यह लिया कहाँ गया था ?
    वीडियो चौचक दिख रहा है !

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  7. अच्छा लगा सुन कर. शैलेष जी का प्रयास सराहनीय है. उन्हें साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  8. हिन्द युग्म के प्रयोग से हमेशा से प्रभावित था.. आज शैलेश भारतवासी को सुनकर ये पता चला कि हिन्द युग्म की सफलता अनायास नहीं है और इसके पीछे भारतवासी का बहुत स्पष्ट चिंतन और कर्मठ, पारदर्शी और निष्ठावान व्यक्तित्व काम कर रहा है.. बड़ा प्रभावित किया है इन्होने.. यदि इनके जैसे और कई सोचने वाले हो जाय तो हिन्दी समाज का वास्तविक नवजागरण हो सकता है।

    इन से साक्षात्कार करने के लिए और हम तक पहुँचाने के लिए बहुत शुक्रिया रवि भाई!

    जवाब देंहटाएं
  9. बेनामी10:01 am

    Shailesh ji jaise logo se hi hamari sanskritik virasat bachi hui hai, ummed hai aur bhi honhar profession log hindi blogger se juregen.
    thanks a lot

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  10. अभय जी के बज़ से यहाँ आया.. शैलेष जी को सुनकर अच्छा लगा..

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  11. प्रिय रवि जी ,
    आपका आभार इस पोस्ट के लिए .करीब दो साल पहले मैं हिन्दी का ब्लोगर बना गो कि नेट पर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओँ को पढना बहुत पहले से शुरू कर दिया था . प्रेरणा बालेन्दु दधीचि जी से मिली तथा फिर तकनीकी ज्ञान , लिप्यान्तरण सहित ,हिंदी के तकनीकी ब्लोगों से ( आपके ब्लॉग का हिस्सा तो सवा सेर था ) .' हिन्दयुग्म ' साईट पर जाने पर न्यू योर्क से ही प्रिय शैलेश जी से फोन पर ही काफी और हिंदी लिखना सीखने को मिली और यूनीकोड ने सब और आसान कर दिया .

    फिर डेढ़ साल पहले अपने भारत प्रवास के दौरान दिल्ली में शैलेश से व्यक्तिगत मुलाकात हुयी और उस जवान में मुझे एक सच्चा ' भारतवासी ' मिला , जूनून की हदों तक .जान कर और खुशी हुयी कि इस प्रकल्प से सूरज प्रकाश आदि बहुत से पुराने मित्र भी जुड़े हुए हैं .मानसिक रूप से तो जुड़ ही गया था ,और जुडाव बढ़ता ही गया .
    आज ' हिन्दयुग्म ' को दिन ब दिन और पल्लवित होते देख मन हर्षित होता है .इसकी विविधता और आगे व्यापकता का इरादा और तद्जनित कार्य देख मन में एक संतोष पाता हूँ कि हिंदी और भारतीयता नयी पीढी के हाथों और मजबूती पायेगी ,जिसकी वह हक़दार है .
    सब से बड़ी बात ये कि इस युवा में व्यवहारिक प्रयोजन मूलक व्यवसायिकता का अभाव नहीं पाता ,जो कि आज के वक्त की सच्चाई है और जिसे नज़रंदाज़ करना मूर्खता के अलावा कुछ हो ही नहीं सकता .काश यही बात मैं कई और सही दिशा और लक्ष्य अपनाने वाली साईटों के बारे में कह पाता ,जिनका मैं समर्थक और प्रशंशक भी हूँ ,जो अपने दंभ या अज्ञान के कारण , व्यवहारिक व्यवसायिक दृष्टिकोण नहीं अपना पा रहे .
    बाकी सब तो साक्षात्कार में आ ही गया है .
    सब गुणीजनों से मेरा आग्रह है कि ' हिन्दयुग्म ' को और पुष्पित ,पल्लवित करने में हर संभव सहयोग करें क्योंकि मैं व्यक्तिगत तौर पर जानता हूँ कि इस मिशन के लिए किसी एक व्यक्ति की ' पूर्णकालिक ' त्याग की भी सीमायें होती हैं .
    आपका पुनः आभार .
    राज सिंह

    जवाब देंहटाएं
  12. रवि जी, आपका बहुत-बहुत आभार, आज ब्‍लाग जगत को जो भी मैं अपनी रचनायें व समय दे पा रही हूं उसमें आपका एवं शैलेष जी का भरपूर योगदान है, आपने ब्‍लाग बनाने में मदद की तो, शैलेष जी ने यूनिकोड के माध्‍यम से हिन्‍दी में लिखने में मदद की, सच कहूं तो आप दोनो का ही प्रयास सराहनीय है, शुभकामनाओ के साथ आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  13. namaste... meri hindi itni achchi nahin hain lekin koshish kartha

    hoon :-)

    aapki ek help chahiye thi... mein indiblogger me ek contest me

    bhaag le raha hoon aur aapki vote ki bohut zaroorat hain..
    krupya post padkar zaroor vote karein...

    http://www.indiblogger.in/indipost.php?post=30610

    bahut bahut dhanyavaad... bahut mehebaani hogi...

    जवाब देंहटाएं
  14. हिंदी-युग्‍म तक पहुंचा, बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  15. मुझे तकनीक की जानकारी लगभग है ही नहीं। इसके बाद भी इस साक्षात्‍कार में मुझे काफी-कुछ समझ पडा है। यह साक्षात्‍कार ब्‍लाग विधा के भविष्‍य का भाष्‍य है। शैलेश के मुँह से अपनी बात सुन कर सुखद आश्‍चर्य हुआ। मैं पहले ही दिन से इस बात का हामी रहा हूँ कि 'ब्‍लॉग' को साहित्यिक विधा बनने से बचाया जाना चाहिए, इसके जरिए अलेखकों को लेखक बनाया जाना चाहिए और इसकी अनगढता को बरकरार रखा जाना चाहिए क्‍योंकि यही इसकी सुन्‍दरता भी है और ताकत भी।

    ब्‍लॉग विधा को लेकर बहुत दिनों बाद ऐसा कुछ देखने/सुनने को मिला जो समझ में भी आया और अच्‍छा भी लगा।

    इसके लिए आपको अन्‍तर्मन से धन्‍यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  16. हिंदी के इस हिंद योद्धा को मेरा प्रणाम..
    आप इसी तरह ताउम्र हिंदी की सेवा करने में सफल रहे,मेरी इश्वर से यही कामना है.....

    जय हिंद

    जवाब देंहटाएं
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