आदम और हव्वा व्यंज़ल /*/*/ जीने के शर्त में शामिल है रिश्वत मुरदे दे रहे कफ़न के लिए रिश्वत क़िस्सों में भी नहीं प्यार की ...
आदम और हव्वा
व्यंज़ल
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जीने के शर्त में शामिल है रिश्वत
मुरदे दे रहे कफ़न के लिए रिश्वत
क़िस्सों में भी नहीं प्यार की बातें
आदम-हव्वा के बीच घुसी रिश्वत
ऐसे दौर की कामना नहीं थी हमें
खुद को देना पड़ता है यहाँ रिश्वत
बदल चुके हैं इबादतों के अर्थ भी
कोई फ़र्क़ बताए रस्म है या रिश्वत
हवालात की हवा खानी ही थी रवि
तूने ली/दी नहीं थी जो कोई रिश्वत
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(व्यंजल – फरवरी 2005 की पोस्ट से संशोधित रीठेल. रिश्वत विषय से संबंधित अन्य पोस्टें यहाँ पढ़ें)
ठेल से रिठेल तक दमदार।
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