गूगल ट्रांसलेट ने बिना किसी हो-हल्ला के 14 अप्रैल 2010 को बताया कि गूगल ट्रांसलेट में अब हिन्दी टैक्स्ट टू स्पीच भी उपलब्ध है - इसका क्...
गूगल ट्रांसलेट ने बिना किसी हो-हल्ला के 14 अप्रैल 2010 को बताया कि गूगल ट्रांसलेट में अब हिन्दी टैक्स्ट टू स्पीच भी उपलब्ध है -
इसका क्या अर्थ है?
इसका अर्थ है कि अब आप विश्व की 50 से अधिक (समर्थित) भाषाओं की सामग्री का ऑनलाइन आनंद गूगल ट्रांसलेट के जरिए सुनकर ले सकते हैं. हालांकि अभी अनुवाद कई मामलों में अपूर्ण, बेकार या उल्टा-सीधा होता है, मगर यदि छोटे-छोटे सरल से वाक्य लिए जाएँ, तो प्रायः अनुवाद से कथ्य को बखूबी समझा जा सकता है. और यही एक बड़ी उपलब्धि है. एक उदाहरण आपके सामने है -
अभी यह सुविधा (हिंदी टैक्स्ट टू स्पीच) बक्से में टाइप करने पर (त्वरित अनुवाद सुविधा सक्षम करने पर) तथा छोटे-छोटे वाक्यों को कॉपी-पेस्ट करने पर मिल रही है. यदि आप पाठ बक्से में कॉपी-पेस्ट से लंबा चौड़ा पाठ भरेंगे तो यह सुविधा स्वचालित अक्षम हो जाती है. मशीनी आवाज बहुत कुछ मानवीय है और कर्णप्रिय है.
भविष्य में मशीनी अनुवादों के और भी त्रुटि रहित होने पर यह कमाल की सुविधा (यदि स्पीच टू टैक्स्ट और जोड़ दिया जाए तो और भी कमाल!) तमाम उपकरणों पर मौजूद रहेगी – तो आप तकनॉलाज़ी की संभावनाएँ देख सकते हैं – आपका चीनी भाषी दोस्त आपसे चीनी में बतियाता है और आप उसे मशीन के जरिए हिन्दी में सुनते हैं, आप हिन्दी में उत्तर देते हैं और वो उसे चीनी में सुनता है – दक्ष मशीनी इंटरप्रेटर के रूप में!
मशीनी अनुवाद बेहद अरूचिकर और केवल उन लोगों के लिए उपयोगी होता है जो मूल भाषा की बात नहीं समझ सकते। यदि इस बात का सर्वेक्षण किया जाए कि कितने लोग इस टूल का उपयोग करते हैं,तो मेरा ख्याल है कि यह गूगल के सबसे कम उपयोग किए गये टूल में से होगा।
हटाएंये तो सचमुच खुशी की बात है।
हटाएं(मैं गूगल अनुवाद को सबसे अधिक महत्व का प्रोग्राम मानता हूँ। अनुवाद का काम कोई हम्सी-मजाक का काम नहीं है। अनुवाद में 'शुद्धता' से अधिक महत्व 'कथ्य की संप्रेषणीयता' का है और यह काम गूगल अच्छी तरह कर रहा है। 'जिसको अपने गाँव से निकलना ही अच्छा नहीं लगता उसे 'अंतरिक्ष-यान' से क्या लेना-देना?'
बहुत ही अच्छी जानकारी है। आगे इसमें सुधार होने पर यह बहुत उपयोगी होगी।
हटाएं--------
बूझ सको तो बूझो- कौन है चर्चित ब्लॉगर?
पत्नियों को मिले नार्को टेस्ट का अधिकार?
कुमार रधारमण जी से थोड़ी असहमति... ये सही है कि अभी अनुवाद की गुणवत्ता बहुत अच्छी नहीं है पर केवल तभी जब आप उसकी तुलना मानवीय दक्ष अनुवाद से करें...बिना अनुवाद की तुलना में ये निश्चित तोर पर बहुत काम का है
हटाएंअनुवादक के लिहाज से देखें, हमें अनुवाद करना होता है तो हम गुगल के अनुवाद औजार का इसतेमाल करते हैं तथा उसकी सहायता से मानवीय अनुवाद सामने रखते हैं इससे समय की काफी बचत होती है।
रविजी ये बताएं कि क्या इस इंजन के उलटे उपयोग यानि स्पीच टू टेक्स्ट की कोई जुगत या संभावना नहीं है क्या ?? ऐसा हो जाए तो हमारी उंगलियॉं आपको बहुत दुआएं देंगी।
@मसिजीवी,
हटाएंस्पीच टू टैक्स्ट का एक बढ़िया, काम का और अस्सी प्रतिशत से अधिक शुद्धता प्रदान करने वाला सॉफ़्टवेयर सीडॅक और आईबीएम के संयुक्त उपक्रम से पिछले कोई डेढ़ दो साल से निकाला जा चुका है और हमारे कथाकार जी - सूरज प्रकाश इसका बख़ूबी प्रयोग भी कर रहे हैं. वाचांतर तथा संभवत श्रुतलेख नाम के दो अलग डोमेन के दो संस्करण हैं जिसमें अंतर्निर्मित शब्द संसाधक वर्तनी जाँचक इत्यादि भी है और यूनिकोड समर्थन भी है. मूल्य है - 5 हजार रु. अधिक जानकारी सूरज प्रकाश जी से ले सकते हैं. आप चाहें तो उनका ई-पता आपको दे सकता हूं.
सुंदर प्रयास। ध्यान नहीं गया। अभी देखते हैं।
हटाएंगूगल अनुवाद का मैं सबसे बड़ा उपयोक्ता हूँ. मेरे लिए यह बेहद उपयोगी औजार है. जैसा भी होता है, अभी तक लगातार सुधार ही होता दिखा है.
हटाएंजानकारी के लिए आभार. मुझे इस बात का पता आपके ब्लाग से ही लगा.
हटाएंये बढ़िया जानकारी दी आपने अनुवादक की.
हटाएंएक विनम्र अपील:
कृपया किसी के प्रति कोई गलत धारणा न बनायें.
विवादकर्ता की कुछ मजबूरियाँ होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए अपने आसपास उठ रहे विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
-समीर लाल ’समीर’