123...20331 / 2033 POSTS
Homeव्यंग्यछींटें और बौछारें

मैं गरीब हूँ, बहुत गरीब

SHARE:

अब तक तो घरों के सामने नाम-पट्ट टंगता था, घरों के नाम या उसका अता-पता – गली, मोहल्ले, मकान का नंबर इत्यादि टंगता था. अब आदमी की अमीरी-गरीब...

clip_image002

अब तक तो घरों के सामने नाम-पट्ट टंगता था, घरों के नाम या उसका अता-पता – गली, मोहल्ले, मकान का नंबर इत्यादि टंगता था. अब आदमी की अमीरी-गरीबी टंगा करेगी.

यदि आप गरीब हैं, तो अब आपको अपने घर पर लिख कर ये टाँगना पड़ेगा – ‘मैं गरीब हूं’.

अभी तो ‘मैं गरीब हूं’ टंग रहा है. कल को मैं महा-गरीब हूँ, मैं महा-महा गरीब हूं, मैं बिलकुल फटीचर हूँ इत्यादि टंगने के फरमान आएंगे. आखिर सरकार गरीबों को कैसे पहचान पाएगी कि वो गरीब है जब तक कि उसके घर में ये टंगा, लिखा न मिले कि वो गरीब है. बहुत पहले खबर आई थी कि किसी जनप्रतिनिधि के पास बीपीएल कार्ड था. बीपीएल यानी बिलो पावर्टी लाइन. यानी गरीब से भी नीचे. इसके लिए कोई खालिस शब्द भी नहीं है. अपना शब्द भंडार भी इस मामले में कंगाल है. ऐसे लोगों के घरों पर क्या लिखा जाएगा? फिर, जल्द ही इसके उलट, ‘मैं अमीर हूं’, या ‘मैं महा अमीर हूं’, या फिर ‘मैं भारत का या दुनिया का सबसे अमीर हूं’ यह भी टंगने लगेगा. वैसे, अप्रत्यक्ष रूप से तो यह टंगने भी लगा है.

और, गरीबी की परिभाषा, उसका लेवल क्या है? मैं अपनी बात करूं तो मैं अंबानीज़, टाटाज़ के सामने तो महागरीब, महा फटीचर हूं. तो क्या मैं अपने घर के सामने ये लिख मारूं कि मैं तो फलां फलां व्यक्ति की तुलना में तो महा-महा गरीब हूं. या फिर गरीब वो है जिसे दो जून की रोटी मयस्सर नहीं है? तो क्या वो अपने मकान के सामने लिख कर बैठा रहेगा कि भई, मैं तो भूखे मर रहा हूं?

मप्र सरकार गरीबों के घरों के सामने यह लिखवा कर टंगवा रही है – “मैं गरीब हूं.” यह तो वैसी ही बात हुई जैसे कि किसी फ़िल्म में अमिताभ बच्चन के हाथों पर “मैं चोर हूँ” गुदवा दिया गया था.

गरीब होना कोई अपराध है? क्या गरीबी ऐसी समस्या है जिससे कभी छुटकारा नहीं पाया जा सकता? क्या गरीब को अपनी गरीबी क्या इस तरह सरेआम घोषित करते रहनी पड़ेगी? उसे सरेआम गरीबी का तमगा लगाकर घूमते रहना पड़ेगा?

हमारी वैचारिक गरीबी की पराकाष्ठा नहीं है ये? मैं सचमुच अपने आपको बहुत, बहुत गरीब महसूस करने लगा हूं.

---.

व्यंज़ल

----

पूछते हो कि क्यों मैं गरीब हूँ

तेरे राज में जानम मैं गरीब हूँ

 

दर्द का अहसास है न भूख का

सबब बस ये है कि मैं गरीब हूँ

 

मेरी तो समस्या है बड़ी अजीब

सोने के ढेर पे बैठा मैं गरीब हूँ

 

अमीरों के इस भीषण शहर में

मुझे तो फख्र है कि मैं गरीब हूँ

 

टाँग दी गई तख्ती रवि पर भी

सबने मान लिया है मैं गरीब हूँ

---

COMMENTS

BLOGGER: 10
  1. जिस के रहने को घर नहीं है उस के लिए कहाँ लिखा जाएगा?

    जवाब दें हटाएं
  2. इस पोस्ट को पढ़ने के बाद मैं भी एकाएक गरीब महसूस करने लगा हूँ। शब्दों का अकाल जो पड़ गया है आपकी प्रशंसा के लिए। बस ‘वाह-वाह’ से काम चलाता हूँ।

    जवाब दें हटाएं
  3. सरकार को अपने कागजादों पर सबसे ऊपर छपवाना चाहिए, हम दिमागी तौर पर गरीब है.

    जवाब दें हटाएं
  4. अमीरों के इस भीषण शहर में

    मुझे तो फख्र है कि मैं गरीब हूँ

    badhiyaa lagi ye panktiyan

    जवाब दें हटाएं
  5. हां सवाल ये भी है ही कि जो सडक स्टेशन या कहीं और गुज़र कर रहा हो, उसका क्या होगा?

    जवाब दें हटाएं
  6. क्या ज़रूरी है जो दिल में है, जुबां पर आए
    ये ज़माना नहीं इतना भी खरा होने का।

    जवाब दें हटाएं
  7. बहुत खूब। वैसे सरकारें भी नये-नये शगूफ़े उछालती रहती हैं।

    अभी कुछ दिन पहले से नीतीश कुमार भी महादलित और महापिछड़ा की टेर लगा रहे हैं।

    जवाब दें हटाएं
  8. इस तरह की खबरें गरीबी के पुख्‍ता सबूत हैं । किस तरह की ?

    जवाब दें हटाएं
  9. क्‍योंकि बीपीएल की सूची में अमीरों के नाम जुड़ चुके हैं और प्रदेश सरकार इसे ठीक नहीं करवा पा रहे है सो य‍ह नई कवायद शुरू की जाएगी।

    जवाब दें हटाएं
  10. Me to gareeb nahi hoon..kyuki log soch se gareeb hote hain...jisko aage badne kee chah ho or kabeeliyat ho to gareebi kabhi samne nahi aati...samjhe aap sab log.


    Sandhya

    जवाब दें हटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: मैं गरीब हूँ, बहुत गरीब
मैं गरीब हूँ, बहुत गरीब
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg7JTiC53Cgq_ZD8LDZZvn2J668T0SGtfEjAyQpGpvdgZYq3xy6sDRaBCF2D0oa0ywIum6iq4kHQn_Elr-m-uRJVZeIYMiOqCALsuegFXZ24oP2YDi4aj7skChkui8OXdUlJET6/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg7JTiC53Cgq_ZD8LDZZvn2J668T0SGtfEjAyQpGpvdgZYq3xy6sDRaBCF2D0oa0ywIum6iq4kHQn_Elr-m-uRJVZeIYMiOqCALsuegFXZ24oP2YDi4aj7skChkui8OXdUlJET6/s72-c/?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2009/11/blog-post_24.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2009/11/blog-post_24.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content