पतलून पहन कर आज ऐसा क्यों लग रहा है कि मैं और नंगा हो गया हूं…

SHARE:

    इससे जोरदार, इससे शानदार और इससे नया-नायाब विचार और क्या हो सकता है भला? न रहेगा बांस न बनेगी बांसुरी और न फिर कोई इसे बजा पाएगा! भ...

 

 image

इससे जोरदार, इससे शानदार और इससे नया-नायाब विचार और क्या हो सकता है भला? न रहेगा बांस न बनेगी बांसुरी और न फिर कोई इसे बजा पाएगा! भ्रष्टाचार रोकने के लिए बिना जेब की पतलून पहन कर काम पर आने का आदेश दिया गया है. बात भले ही नेपाल की हो रही हो, पर किसी दिन भारत में, और फिर सारे संसार में ये बात लागू होने में देर नहीं लगेगी. ये पक्का समझें.

चलिए, पुरुष कर्मचारी पर तो यह नियम लागू कर सकते हैं कि वो बिना जेब की कमीज-पतलून पहन कर आए. पर, यदि कर्मचारी महिला हुई तो? बहुत सी महिलाएँ अपना माल-मत्ता रुपया-पैसा अपनी चोली में उंड़स कर रखती हैं. तो क्या उन पर बिना चोली के वस्त्र पहन कर आने का नियम बनाया जाएगा? चलिए, ये विचार तो एक्स्ट्रीम हो सकता है, मगर उन पर बिना हैंड-बैग लिए काम पर आने का नियम तो बनाया ही जा सकता है. अब भले ही हो पाउडर लिप्स्टिक्स बनाने वाली कंपनियों - पॉड्स, निविया, रेवलॉन वालों की ऐसी  की तैसी. वैसे, इस नियम को बनाने वालों को बिना जिप की पतलून पहनने का नियम बनाने का विचार क्यों नहीं आया यह आश्चर्य का विषय  है. समाज में भ्रष्टाचार के अलावा और भी तो अपराध होते हैं.

बहुत से भ्रष्टाचारी लेनदेन बिलो-द-टेबुल, अंडर-द-टेबुल होते हैं. तो क्या भ्रष्टाचार रोकने के लिए बिना टेबुल के ऑफ़िस का नया नियम बनेगा. क्योंकि फिर, न टेबुल रहेगा न अंडर द टेबुल डील हो सकेगी.

वैसे, अभी भी बहुत से सरकारी महकमों में ड्यूटी पर आते समय कर्मचारी को घोषणा करनी पड़ती है कि उसकी अंटी में कितना माल है. ताकि जब बाद में (यदि कभी किसी कर्मचारी के जीवनकाल में हुई तो,) चेकिंग हो तो यह पता चल सके कि उसके पास घोषित माल से ज्यादा कहीं से उड़ कर तो नहीं आ गया है. पतलून में जेब नहीं रहेगी तो बेचारे कर्मचारी को इस बेहद घृणित नित्य कर्म से छुटकारा तो मिलेगा!

बहुत पहले राजीव गांधी ने कहा था कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए स्वीकृत एक रुपये में से सिर्फ 15 पैसा जनता तक पहुँचता है, बाकी भ्रष्ट शासन तंत्र डकार जाता है. हाल ही में राहुल बाबा ने भी इसे दोहराया और मामला 10-5 पैसे तक का बता दिया. ऐसे में, ये विचार नहीं आता कि बिना सरकारी तंत्र के सरकार क्यों न रहे? न सरकारी तंत्र रहेगा न भ्रष्टाचार. वैसे, अन्वेषण की बात ये है कि इतने अति भ्रष्ट तंत्र के होते हुए अभी भी 10-15 पैसे जनता तक पहुँच रहे हैं. यह तो भ्रष्ट सरकारी तंत्र की घोर अक्षमता है. उन्हें अपना पूरा 100 प्रतिशत लगाना चाहिए. वे अपने टारगेट में निहायत फेलुअर रहे हैं.

भले ही अब हम अपनी जरूरतों के लिए विकल्प के तौर पर अपने अपने कच्छों में कई कई जेबें लगवा लें, पर आइए, आज से बिना जेब की पतलूनें पहनें. भ्रष्टाचार को खत्म जो करना है!

---

व्यंज़ल
दिल का हाल बताती हैं पतलूनें
यों राज बहुत छुपाती हैं पतलूनें

कभी तंग चुस्त तो कभी फैली
वक्त को आगे चलाती हैं पतलूनें

मेरे देश में मेरे अजीज दोस्तों
बगैर जेब की होती हैं पतलूनें

नंगई कभी छिपती है भले ही
यारों ने पहनी होती हैं पतलूनें

वो दौर अलग रहा होगा रवि
अब के तो लजाती हैं पतलूनें

----

COMMENTS

BLOGGER: 11
  1. सरकारी बाबू ही खत्म कर दो...न रहेंगे भ्रष्टाचारी न होगा भ्रष्टाचार...

    जवाब देंहटाएं
  2. रवि जी पतलून में से जेब हटादी तो चड्ढी में रखने लगेंगे तो क्या फिर चड्ढी भी .................. वैसे देखा जाए तो एक जुगाड़ बंद होने दो नए जुगाड़ निकल आते हैं कहाँ कहाँ रोकेंगे . और भ्रस्टाचार की जड़ ही सरकारी तंत्र है सबसे ज्यादा कामचोरी भी यहीं होती है मुंह भी ज्यादा ये ही फाड़ते हैं और हड़तालें भी ये ही करते हैं . अब समय आ गया है की सरकारी तंत्र को ख़त्म करके प्राइवेताइजेशन की तरफ कदम बढ़ने चाहियें .

    जवाब देंहटाएं
  3. Bahut badhiya kaha Ravi ji. Aur fir adhikari swayam hee ghoos lega aur daftar me hee yah shubhr kaam karega, aisa bhi zaroori nahi hai.

    जवाब देंहटाएं
  4. सचमुच, यह पतलून तो उतरती हुई महशूश हो रही है ।

    जवाब देंहटाएं
  5. इस अप्रोच से धीरे-धीरे सब हट जाएगा. बस भ्रष्टाचार बचा रह जाएगा :)

    जवाब देंहटाएं
  6. क्या क्या विचार कराती हैं पतलूनें...
    भ्रष्टाचार को भी मिटाती हैं पतलूनें..

    बहुत सही.. शायद किसी दिन हो जाये!

    जवाब देंहटाएं
  7. जेब छोड़ पतलून ही हटा दीजिए...कछु न होई है.

    जवाब देंहटाएं
  8. आप ने तालाब में पत्थर फैंक दिया।

    जवाब देंहटाएं
  9. Are bhai Ravi kabi indore aao to milo, Tum to bahut jabardast kaam kar rahe ho-
    Swami Ujjwal

    जवाब देंहटाएं
  10. विचार सोचने लायक है…वैसे राज्यहीन जीवन की कल्पना तो है ही हमारे यहाँ…ये सब द्विवेदी जी लिख रहे हैं इन दिनों…

    जवाब देंहटाएं
आपकी अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
कृपया ध्यान दें - स्पैम (वायरस, ट्रोजन व रद्दी साइटों इत्यादि की कड़ियों युक्त)टिप्पणियों की समस्या के कारण टिप्पणियों का मॉडरेशन लागू है. अतः आपकी टिप्पणियों को यहां पर प्रकट होने में कुछ समय लग सकता है.

नाम

तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
ltr
item
छींटे और बौछारें: पतलून पहन कर आज ऐसा क्यों लग रहा है कि मैं और नंगा हो गया हूं…
पतलून पहन कर आज ऐसा क्यों लग रहा है कि मैं और नंगा हो गया हूं…
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj0co_EglcIn8N8tHt_pYSbznDw-0H1RYdMdMlso-CXLUgugHYGYlHquvMYgvaZatt9JbqiNQZFletQEZ53eqxtIDXrpY9J8-AB1z_VUkUziAxDWkU0dk9lnAoZq1_IJFnAvY1C/?imgmax=800
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj0co_EglcIn8N8tHt_pYSbznDw-0H1RYdMdMlso-CXLUgugHYGYlHquvMYgvaZatt9JbqiNQZFletQEZ53eqxtIDXrpY9J8-AB1z_VUkUziAxDWkU0dk9lnAoZq1_IJFnAvY1C/s72-c/?imgmax=800
छींटे और बौछारें
https://raviratlami.blogspot.com/2009/07/blog-post_07.html
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/
https://raviratlami.blogspot.com/2009/07/blog-post_07.html
true
7370482
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content