हाल ही में इस पोस्ट पर अनाम जी की ये टिप्पणी दर्ज हुई: तो, खरी-खरी (बहना?, व्याकरण के हिसाब से?) भाई को समर्पित है ये व्यंज़ल : ...
हाल ही में इस पोस्ट पर अनाम जी की ये टिप्पणी दर्ज हुई:
तो, खरी-खरी (बहना?, व्याकरण के हिसाब से?) भाई को समर्पित है ये व्यंज़ल :
वक्त ने बना दिया है धूर्त और घाघ
कहीं खुद वक्त तो नहीं धूर्त और घाघ
मेरे शहर का हाल है कुछ ऐसा यहां
जिंदा हैं यहाँ तो बस धूर्त और घाघ
उठा तो दी है यार तुमने इधर उँगली
वक्त बताएगा कौन है धूर्त और घाघ
जाने कैसे चश्मे पहन लिए हैं लोग
एक दूसरे में देखते हैं धूर्त और घाघ
आया तो था रवि भी शहर में बेदाग़
दोस्तों ने बना दिया धूर्त और घाघ
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yae ip tracker kaunsa hae
जवाब देंहटाएंnaam baataye
व्यंजल अच्छी है कभी हमारे भी काम आ सकती है। सहेज कर रखते हैं।
जवाब देंहटाएंइतना भी निराश होने की आवश्यकता नही है
जवाब देंहटाएंह्म्म्म...ऐसी टिप्पणियां निश्चय ही व्यथित करने वाली हैं.
जवाब देंहटाएंगजल अच्छी है..
जवाब देंहटाएंटिप्पणी देख मुझे भी अटपटा लगा.. पर एसे कमेंटस को इग्नोर करना ही बेहतर है.. जिक्र भी न करें की क्या हुआ..
रचना जी,
जवाब देंहटाएंये आई पी ट्रैकर मेरे विचार में वर्ड प्रेस में अंतर्निर्मित है, जो हर टिप्पणी में दर्ज होती है. मिश्र जी शायद अधिक बता पाएँ.
टिप्पणियों से आहत हो कर कोई धोए लिख रहा है कोई व्यंजल :) काहे कान देते है? अनुमोदन के स्थान पर रद्दी की टोकरी में डालें.
जवाब देंहटाएंवैसे धूर्त और घाघ तो मैं हूँ, मुझे टिप्पयाओ रविजी को काहे परेशान करते भाई.... :)
ये स्पष्ट-वक्ता जी हम पर भी पर्याप्त मेहरबान हैं। :-)
जवाब देंहटाएंआघात से भी विशिष्टतम रचनाएँ प्रस्फुटित होती हैं।
जवाब देंहटाएंवैसे कु-टिप्पण पर आंख (कम्प्यूटर तो सुनाता नहीं, इसलिए कान नहीं लिखा) न दिया करें।
आप का प्रोफाइल देखा आज। आप तो लिनुक्स के महारथी निकले। कभी मैंने भी कोशिश की थी और आप का नाम भी देखा था। launchpad.net पर ubuntu section में मेरे अनुवाद आज भी लम्बित हैं।
अब आप को पूछ पूछ कर कष्टियाते रहेंगें। समस्या हो तो बताइयेगा । बन्द भी कर देंगे।
इनकी मेहरबानियों की बारिश का क्या कहें..कहीं भी बरस लेते हैं.
जवाब देंहटाएंसंजय भाई आप ये देखो ना, रवि जी को "खरी खरी" महोदय के कारण एक पोस्ट ठेलने का भी अवसर मिला। व्यंजल में रवि जी के व्यंग्य के साथ-२ उनकी मुस्कान भी देखो और आप भी मुस्कुराओ! :)
जवाब देंहटाएंपता नहीं किसके लिये कहा और आपने अपने लिये हथियाकर ठेल दी व्यंजल! इससे लगता है कि आपके लिये ही कहा गया और क्या गलत कहा! :)
जवाब देंहटाएंरवि जी सही कह रहे हैं, ये वर्ड प्रेस मे अन्तर्निर्मित है बाकी का आप http://ip-adress.com से पता लगा सकते हैं।
जवाब देंहटाएंइसके अलावा और भी बहुत सी सूचना आप स्टैट्काउन्टर http://statcounter.com से प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि वो किस साइट से होकर आया और आपके यहाँ से जाने से पहले आपकी साइट पर और क्या क्या गुल खिलाये :)।
आपने मेरी टिप्पणि प्र ध्यान नही दिया
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लाग पर आपका स्वागत है
http://sim786.blogspot.com/
कृपया अपने अमुल्य सुझाव एवं टिप्पणी दे।
आप भी ना बचे ! ओह !
जवाब देंहटाएंवैसे हम भी एकाध टिपण्णी करते हैं ऐसी. एक पोस्ट हमें भी समर्पित होगी :)
रवी जी मेरे ब्लाग प्र आने के लिए शुक्रिया
जवाब देंहटाएंfirefox 3 download kar liya hai
जाने कैसे चश्मे पहन लिए हैं लोग
जवाब देंहटाएंएक दूसरे में देखते हैं धूर्त और घाघ
वैसे इस टिप्पणी ने एक बेहतर रचना को जन्म दिया है, ये तो मानना ही होगा.