स्मार्ट लिखने से कुछ नहीं होगा. दिखने से होगा. अपने हाव-भाव-आचरण-व्यवहार में री-बॉकिया और अदिदासिया व्यवहार दिखाएँ और झमाझम टिप्पणियों की...
स्मार्ट लिखने से कुछ नहीं होगा. दिखने से होगा. अपने हाव-भाव-आचरण-व्यवहार में री-बॉकिया और अदिदासिया व्यवहार दिखाएँ और झमाझम टिप्पणियों की बरसात पाएँ.
व्यंज़ल
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वक्त वाकई बहुत स्मार्ट निकला ।
वो गंवई तो बड़ा स्मार्ट निकला ।।
सोचा था यूं ही गच्चा दे जाऊंगा ।
पर हालात साला स्मार्ट निकला ।।
वहम था कौन समझेगा नारों को ।
हर वोटर अच्छा स्मार्ट निकला ।।
उत्तर वैसे यूं तो छटांक भर था ।
प्रश्न मगर ग़जब स्मार्ट निकला ।।
बीते समय को याद करे है रवि ।
दर्द सहने में कैसे स्मार्ट निकला ।।
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(समाचार कतरन – साभार, दैनिक भास्कर)
वाक़ई ज़ोरदार नुस्ख़ा है...
हटाएं---
तख़लीक़-ए-नज़र । चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें । तकनीक दृष्टा
बाक झड़ रहे हैं। क्या सलाह है - विग लगायें?!
हटाएंअरे, उसी जुगा़ड़ में तो कितनी ही तस्वीरें चेपें जा रहा हूँ. कोई माने स्मार्ट, जब न!!
हटाएंबेहद स्मार्टनीय प्रस्तुति। व्यंजल लिखने में भी आप सा स्मार्ट कोई नहीं निकला....
हटाएंअंतिम दो पंक्तियों ने तो खासा प्रभावित किया । यहाँ तक आते आते टोन ही बदल गयी इस व्यंजल की ।
हटाएंधन्यवाद ।
एक बहुत ही स्मार्ट लेखक द्बारा स्मार्ट विषय पर बहुत ही स्मार्ट कार्टून के माधय्म से किया गया बहुत ही स्मार्ट व्यंग सभी स्मार्ट लोगो को बहुत पसन्द आया ।
हटाएंwaah ...kya idea hai
हटाएंबेहतरीन पोस्ट, दो बार पढ़ी!
हटाएंएक मोहतरिमा हैं जिन्होंने मेकप-गॉगल के साथ फोटो खिंचवाकर अपने ब्लाग पर आधे से भी अधिक स्क्रीन की जगह अपने फोटो को दे रखी है। लिहाजा उनके ब्लाग पर हर तरह की पोस्टों पर टिप्पणियों का अंबार लगा रहता है। ऐसे में आपकी यह पोस्ट काफी "सामयिक" प्रतीत होती है।
मेरा मानना है कि यदि आपकी फोटो में मुस्कुराहट है तो लोग आपको अधिक पढ़ेंगे। इसे चाहे आप स्मार्टनेस का ही दूसरा स्वरूप समझ लें।
वैसे ये "व्यंज़ल" क्या होता है?
किसी दूसरे की फोटो चलेगी?
हटाएंकुछ फोटू हम भी लगायें का ब्लॉग पर? कोई फायदा होगा?
हटाएं@अनिल जी,
हटाएंजब मेरी घटिया तुकबंदी युक्त सड़ियल ग़ज़ल नुमा दोहों या दोहों नुमा रद्दी बेबहर-बेवज़्न ग़ज़लों को पंडितों ने ग़ज़ल मानने से इंकार कर दिया तो मैंने उन्हें व्यंज़ल नाम दे दिया.
तभी मैं सोचूं.. टिप्पणियां क्यों नहीं मिल रही है.. फेशियल, मेनिक्योर, पेडिक्योर.. सब करा लेंगे..
हटाएंव्यंज़ल नज़ीर अकबराबादी की याद दिलाती है.
हटाएंसुन्दर दिखना हर स्त्री का जन्मसिध्द अधिकार है.
हटाएंकिस ने कैसी तस्वीर लगाई है किस ने क्या लिखा है .नहीं लिखा है अपने बारे में--
कुछ लोगों को सिर्फ ताका झांकी के सिवा कुछ करना नहीं आता.किस को कितनी टिप्पणी मिलीं बस यही काम है..कितना समय है इन लोगों के पास..शायद इन्हें ही जलन्तु कहा जाता है...
-एक ब्लॉग पर बन्दर की तस्वीर है..सब से अधिक टिप्पणी उस ब्लॉग पर आती हैं..उसे क्या कहेंगे ?
मेरे अनुमान से ब्लोग्ग्गिंग में शायद सब से अधिक मसालेदार कोई विषय है तो टिप्पणी का..जिसे देखो एक पोस्ट इस पर लिख देता है..
लो हम तो इस गफ़लत में थे कि ब्लॉग सुन्दर दिखे और माल मसौदा बढ़िया हो तो काम बन जाएगा। अब हमको भी स्मार्ट दिखना होगा क्या? यानि अपनी फोटू और वीडियो वगैरह डालें? कल ही मर्दों वाले ब्यूटी सलून में जाकर हुलिया दुरुस्त कराते हैं, बाल थोड़े बढ़ जाएँ तो हबीब से जाकर कटाएँगे, शायद टिप्पणियाँ मिलनी शुरु हो जावें!
हटाएंलगता है अब एक स्मार्ट सी फोटो लगानी होगी...
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