वैसे तो, एडसेंस 23 अगस्त सन् 2006 से हिन्दी में विज्ञापनों को दिखा रहा है, परंतु अढ़ाई साल बीत जाने के बाद अब भी हिन्दी उसकी चिन्दी करत...
वैसे तो, एडसेंस 23 अगस्त सन् 2006 से हिन्दी में विज्ञापनों को दिखा रहा है, परंतु अढ़ाई साल बीत जाने के बाद अब भी हिन्दी उसकी चिन्दी करती हुई दिखाई देती है. सालेक भर पहले एडसेंस हिन्दी पृष्ठों में दिखना बंद हो गया तो कुछ जुगाड़ कर इसे वापस पाया गया तो एडसेंस इस चिट्ठे पर फिर से दिखने तो लगा है, मगर कुछ चुटकुले नुमा. हाथ कंगन को आरसी क्या –
(1)
आडवाणी फार पीएम?
इसे तो पक्के कांग्रेसी पक्का चुटकुला मानते होंगे. ये बात दीगर है कि चुनावों के बाद चुटकुला किस करवट बैठता है, और इस चुटकुले पर कौन हंसता है और कौन रोता है!
(2)
हिन्दी कविता और पंजाब समाचार एक? हा हा हा – बहुत बढ़िया चुटकुला है. कविगण माफ करें, आजकल वैसे भी कविताओं और व्यंजलों में कविता क्या है और समाचार क्या है ये फर्क करना मुश्किल है. तो ये बेचारा एडसेंस कैसे फर्क करेगा!
(3 )
यात्रा का आयोजन वेब साइट पर – प्लानिंग तो सुना था, पर आयोजन! और, कार शायद छोटी - नैनो के आने से कार् हो गई है, और सब जानकारियाँ आज ही पा लें, कल को तो बहुत देर हो सकती है!!!
(4)
आपके एक कुछ क्या ?
जोक है भाई. चुटकुला है. समझिए. और, हँसिए.
और, इसीलिए अभी भी हिन्दी चिट्ठों पर एडसेंसिया आय भी एक जोक ही है!
बहुत सुंदर व्याख्या। वैसे एडसेंस ने कईयों को कमाई का ख्वाब दिखाकर ब्लॉगिंग से जोड़ा तो क्या बुरा किया। कम से कम लोगों की भड़ास तो निकल ही रही है। किसी साइकोलॉजिस्ट के पास जाकर महंगा इलाज कराने से बेहतर रास्ता है रेचन का। :)
जवाब देंहटाएंयह चिन्दी हिन्दी ने नहीं, मशीनी अनुवाद ने किया है रवि जी. अच्छे-भले आदमी के भी बस की बात नहीं है कि केवल किसी भाषा का व्याकरण समझ कर वह अनुवाद कर ले. यह तो बेचारी मशीन न तो हिन्दी-अंग्रेजी का व्याकरण जानती है न पद-विन्यास का फ़र्क. डिक्शनरी वाला अनुवाद तो अइसने न होगा!
जवाब देंहटाएंचुटुकले भले लगे।
जवाब देंहटाएंविज्ञापन तो दिखने लगे है ना? :) खुश होने वाली बात है.
जवाब देंहटाएंबाकी मजे है. हिन्दी का मजाक उड़ाने वालों को एक और जगह मिल गई है. एडसेंस के एड.
वाकई यह मशीनी अनुवाद है। इन कंपनियों के एड कैम्पेन मैनेजरों पर तरस आता है कि विज्ञापन के लिए किसी अनुवादक की सेवाएँ लेने की जगह मशीनी अनुवाद का सहारा ले रहे हैं!!
जवाब देंहटाएंसभी चुटकुले एक-से-बढ़कर एक.
जवाब देंहटाएंदेखने वाले क़यामत की नज़र रखते है!
जवाब देंहटाएं[बचना एडसेंसियो……रवि आ गया]
यात्रा का आयोजन वेब साइट पर – प्लानिंग तो सुना था, पर आयोजन!
जवाब देंहटाएंशायद! गूगल मैप्स के सहारे चलते हुए, और Goolge Sightseeing (गूगल से असम्बद्ध) वेब साईट पर ही यात्रा विश्व-दर्शन का आयोजन हो!
हिन्दी चिट्ठों पर एडसेंसिया आय
है, बिल्कुल है - कतई नवीनतम तकनीक के साथ - सही सोचा, नैनो-टेक्नॉलाजी के अनुरूप ही है आय - नैनो आकार में।
एडसेंस से कमाई न हो तो भी क्या??? फुल टू मनोरंजन तो हो रहा है... बहुत अच्छा कटाक्ष
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