फुरसत के किसी क्षण यदि आप अपने आप पर गौर फरमाएँगे कि आज से पाँच या दस साल पहले कैसे थे, तो आप पाएंगे कि कुछ मामलों में आपमें तो आमूल चूल ...
फुरसत के किसी क्षण यदि आप अपने आप पर गौर फरमाएँगे कि आज से पाँच या दस साल पहले कैसे थे, तो आप पाएंगे कि कुछ मामलों में आपमें तो आमूल चूल परिवर्तन आ गया है. पाँच साल पहले आप वज़न में कोई दस किलो कम थे, दस साल पहले आप कोई बीस किलो कम थे, और पंद्रह साल पहले तीस किलो.
वज़न के इस चक्रवृद्धि में जाहिर है, और किसका हाथ होगा भला? यदि आप पुरूष हैं, तो इसमें आपकी पत्नी का हाथ है जो आपके गले तक खा लेने के बाद भी आपकी थाली में एक और फुल्का डालते हुए कहती है – एक और ले लो न जी. गरमागरम. कितने प्यार से बनाया है. गोया प्यार में वज़न तभी आएगा जब आपके भोजन में (और नतीजतन आपके शरीर में) वज़न होगा. और यदि आप स्त्री हैं, तो भी, भले ही आपके पतिदेव आपकी थाली में गरमागरम फुल्का न डालें, मगर ऐन-केन-प्रकारेण आपके शारीरिक वज़न-वृद्धि के लिए शत-प्रतिशत वही जिम्मेदार हैं. आपके पतिदेव आपको जितना खुश रखते हैं, उसी अनुपात में आपका वज़न बढ़ता रहता है. अब आप अनुमान लगा लीजिये कि जीरो साइज फ़िगर में प्यार का अनुपात भला कितना होगा.
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व्यंज़ल
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वक्त अब पहले जैसा नहीं रहा
मेरा दोस्त पहले जैसा नहीं रहा
निकले थे दुनिया खरीदने पर
भाव अब पहले जैसा नहीं रहा
रहे होंगे किस्से लैला मजनूं के
प्यार यारों पहले जैसा नहीं रहा
कैसे कहें कि दवा और दारू में
फर्क अब पहले जैसा नहीं रहा
शिकायत फिजूल थी दरअसल
रवि खुद पहले जैसा नहीं रहा
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(समाचार कतरन – साभार टाइम्स ऑफ़ इंडिया)
एक अच्छी खबर है, अब पत्नि को कितना प्रेम करते है यह बताना मुश्किल नहीं रहा, उन्हे देख कर कोई भी समझ सकता है
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