हिन्दी चिट्ठों की पहले-पहल (ठीक है, ठीक है, चलिए मान लिया कि ये सही भी नहीं है और किसी भी कोण से कोई तीर मारने वाली बात भी नहीं है, :)) छ...
हिन्दी चिट्ठों की पहले-पहल (ठीक है, ठीक है, चलिए मान लिया कि ये सही भी नहीं है और किसी भी कोण से कोई तीर मारने वाली बात भी नहीं है, :)) छपी किताब (चिट्ठे की संकलित सामग्री का पुस्तकाकार रूप) यहाँ उपलब्ध है. और दूसरी यहाँ. इन किताबों को ऑनडिमांड प्रिंट तकनॉलाजी के जरिए छापा जाता है जिसे आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं. यानी किताब का छपा संस्करण उपलब्ध नहीं होता है, मगर आपका आदेश प्राप्त होते ही उतनी संख्या में किताब छाप कर आपको भेज दी जाती है.
वैसे तो ऑनडिमांड प्रिंटिंग तकनॉलाजी नई नहीं है. ब्लॉग को प्रकाशित कर पुस्तक रूप में प्राप्त करने व बेचने की सुविधा पहले से ही उपलब्ध रही है. ऐसी ही एक सुविधा ब्लॉग2प्रिंट है जहाँ आप किसी भी चिट्ठे का यूआरएल भर कर उसे पुस्तकाकार रूप में छपवा कर पैसा देकर मंगवा सकते हैं. आप अपने ब्लॉग को वहां पंजीकृत करवाकर ब्लॉग (के छपे) पुस्तक के विक्रय होने पर आप रायल्टी भी वसूल कर सकते हैं.
कुछ इसी तरह की, नए किस्म की पहल की गई है भारतीय साइट पोथी.कॉम के जरिए. पोथी.कॉम के जरिए आप न सिर्फ अपनी किताबें छपवा सकते हैं, बल्कि उन्हें इस साइट के जरिए विक्रय भी कर सकते हैं. और, यदि आपके पास ब्लॉग का भरपूर मसाला है तो फिर क्या कहने. बस अपने ब्लॉग प्रविष्टियों में से कुछ छान-फटक कीजिए (चाहें तो आद्योपांत पूरा ब्लॉग भी छपवा सकते हैं, अनानिमस टिप्पणियों समेत,) किताब का मुख पृष्ठ और अंतिम पृष्ठ डिजाइन कीजिए और अपनी फ़ाइलें पोथी.कॉम को अपलोड कर दीजिए बस. आप चाहें तो यह काम पोथी.कॉम को भी सौंप सकते हैं जो मात्र 500 रुपए के न्यूनतम शुल्क पर आपको यह शुरुआती सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं. बस, आपको अपनी रचना, अपना लेखन मसाला अपलोड करने की देरी है और आपकी किताब पोथी.कॉम के साइट पर प्रकाशित हो जाएगी – बिना किसी झंझट, बिना किसी समस्या और, बिना किसी शुल्क के. आप चाहेंगे तो पोथी.कॉम आपको आपकी किताब की रायल्टी भी देगी. आप अपनी प्रत्येक विक्रय की गई पुस्तक पर जितनी रायल्टी प्राप्त करना चाहते हैं वह निर्दिष्ट कर दें बस.
अब आपके पाठक आपकी किताबों की प्रतियाँ पोथी.कॉम से सीधे खरीद सकते हैं. किताबें खरीदने के लिए भी विविध विकल्प हैं – आप पेपॉल-क्रेडिट कार्ड के जरिए, मनीऑर्डर या चेक/डीडी के जरिए या फिर इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के जरिए भुगतान कर सकते हैं और भुगतान प्राप्त होते ही पोथी.कॉम आपकी किताबें प्रिंट (ऑनडिमांड प्रिंटिंग तकनीक का प्रयोग कर) कर आपको 2-5 कार्य दिवस में भेज देंगे.
पोथी.कॉम को प्रमोट करने वालों में से एक हिन्दी ब्लॉग जगत की जानी पहचानी हस्ती जया झा हैं. आइए, इनके प्रयासों को तहे दिल से सराहें.
कैसे? पोथी.कॉम के जरिए अपनी किताबें प्रकाशित करवा कर और वहाँ से किताबें खरीद कर!
और, शुरूआत आप मेरी इन किताबों की खरीद से कर सकते हैं – रविरतलामी के व्यंग्य (272 पृष्ठ, 256 रुपए मात्र)
तथा रविरतलामी की ग़ज़लें और व्यंज़ल (189 पृष्ठ, 216 रुपए मात्र).
जाहिर है, इन किताबों में मेरे ब्लॉग से संकलित सामग्री है. हाँ, मुझे इन किताबों से रायल्टी भी मिलेगी – अतः यदि आप दर्जन-दो-दर्जन खरीद लें (मित्रों-रिश्तेदारों को गिफ़्ट देने हेतु :)) तो और अच्छा.
जल्दी कीजिए, हिन्दी चिट्ठे की विश्व की पहली छपी किताब का स्टॉक सीमित है. इससे पहले कि लोग बाग़ खरीद ले भागें, और आप हाथ मलते रह जाएं, अपनी प्रति सुनिश्चित कर लें. आज, अभी ही!
क्या कहा? अच्छा अच्छा – ऑन डिमांड प्रिंट में न तो कभी स्टॉक रहता है और न कभी खाली होता है? आपने सही कहा. पर पहले पहल ऑर्डर नाम की भी कोई चीज होती है कि नहीं?
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