गूगल बाबा की सौगातें हिन्दी के लिए जारी हैं. गूगल डॉक्स में कुछ समय पूर्व उपलब्ध हिन्दी वर्तनी जांच की सुविधा जो वापस ले ली गई थी, उसे बहाल ...
गूगल बाबा की सौगातें हिन्दी के लिए जारी हैं. गूगल डॉक्स में कुछ समय पूर्व उपलब्ध हिन्दी वर्तनी जांच की सुविधा जो वापस ले ली गई थी, उसे बहाल कर दिया गया है और क्या ख़ूब किया गया है. यह एमएस ऑफ़िस हिन्दी की वर्तनी जांच सुविधा से सीधे टक्कर ले रहा है, और किसी मामले में कम नहीं है. बल्कि यह कहा जाए कि एमएस वर्ड से हिन्दी वर्तनी जांच से कुछ मामले में यह बीस है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. हाथ कंगन को आरसी क्या? नीचे स्क्रीनशॉट देखें.
हाँ, पर इसमें एमएस वर्ड हिन्दी में उपलब्ध थिसॉरस की सुविधा नहीं है. पर, उसकी जरूरत आम प्रयोक्ता को उतनी नहीं है जितनी मूलभूत हिन्दी वर्तनी जांच की. हिन्दी वर्तनी जांच की यह सुविधा जीमेल में भी उपलब्ध है. यानी मेरे ईमेल में वर्तनी की गलती अब नहीं होगी. हाँ, ये लिखते लिखते ही वर्तनी नहीं जांचता. पूरा लिखने के बाद वर्तनी जांच पर क्लिक करने पर यह जांचता है. वर्तनी जांच हेतु विकल्प में हिन्दी भाषा चुनें. नए शब्दों पर क्लिक करने पर यदा कदा यह वैकल्पिक शब्द भी सुझाता है तथा आपके शब्दकोश में जोड़ने की भी सुविधा प्रदान करता है जिससे इसके डाटाबेस में शीघ्र ही प्रचुर शब्द भंडार एकत्र होने की संभावना भी है.
तो, अब ब्लॉग पोस्ट प्रकाशित करने से पहले उसे गूगल डॉक्स में जांच लें. निकट भविष्य में सीधे ब्लॉगर एडिट बक्से से यह सुविधा उपलब्ध होनी ही है.
पर, व्याकरण का क्या करूं? लिखते लिखते, कहीं कहीं जाता हूं के बजाए जाती हूं हो जाता है. उम्मीद करें कि इसकी भी सुविधा हमें जल्द मिलेगी.
एमएस वर्ड का हिन्दी वर्तनी जांच
गूगल डॉक्स का हिन्दी वर्तनी जांच
हाँ, पर इसमें एमएस वर्ड हिन्दी में उपलब्ध थिसॉरस की सुविधा नहीं है. पर, उसकी जरूरत आम प्रयोक्ता को उतनी नहीं है जितनी मूलभूत हिन्दी वर्तनी जांच की. हिन्दी वर्तनी जांच की यह सुविधा जीमेल में भी उपलब्ध है. यानी मेरे ईमेल में वर्तनी की गलती अब नहीं होगी. हाँ, ये लिखते लिखते ही वर्तनी नहीं जांचता. पूरा लिखने के बाद वर्तनी जांच पर क्लिक करने पर यह जांचता है. वर्तनी जांच हेतु विकल्प में हिन्दी भाषा चुनें. नए शब्दों पर क्लिक करने पर यदा कदा यह वैकल्पिक शब्द भी सुझाता है तथा आपके शब्दकोश में जोड़ने की भी सुविधा प्रदान करता है जिससे इसके डाटाबेस में शीघ्र ही प्रचुर शब्द भंडार एकत्र होने की संभावना भी है.
तो, अब ब्लॉग पोस्ट प्रकाशित करने से पहले उसे गूगल डॉक्स में जांच लें. निकट भविष्य में सीधे ब्लॉगर एडिट बक्से से यह सुविधा उपलब्ध होनी ही है.
पर, व्याकरण का क्या करूं? लिखते लिखते, कहीं कहीं जाता हूं के बजाए जाती हूं हो जाता है. उम्मीद करें कि इसकी भी सुविधा हमें जल्द मिलेगी.
हिन्दी को आगे बढ़ाने में गूगल का योगदान भुलाया नही जा सकता। मुझे लगता है कि उन्होने हिन्दी को कम से कम दस उत्कृष्ट उपहार दिये होंगे।
हटाएंजय हो गूगल बाबा की!
एक जमाने में आपने गूगल आरती पढ़ाई थी, लगता है उसे अपडेट कर,इन सु्विधाओं को जोड़कर फिर से नई आरती बनानी चाहिये
हटाएंजय हो...
हटाएंसर
हटाएंअब केवल हिन्दि ही लिख प रहा हू