(निवियो में जब आप पहली बार लॉगइन होते हैं तो यह आपके लिए विंडोज पर एक नया उपयोक्ता खाता बनाता है जिसकी सेटिंग आप अपने हिसाब से रख सकते हैं) ...
ओके, बट यू आर नॉट सो यूजफ़ुल!
वैसे तो ब्राउज़र के जरिए ऑलवेज़ टर्न्ड ऑन किस्म के लिनक्स आधारित रिमोट ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास वर्षों पुराना है. ढेरों ऐसे ऑनलाइन वेब अनुप्रयोग (जैसे कि डेस्कटॉप2 , आई ओएस, ग्लाइडडिजिटल, यू ओएस, गूई इत्यादि,) आ चुके हैं और कुछ तो सफल भी हो रहे हैं, परंतु विंडोज़ एक्स-पी आधारित निवियो नाम का इस किस्म का वेब अनुप्रयोग पहला है और अपने किस्म का अनोखा है.
इसकी खासियत ये है कि इसे भारतीय प्रमोटरों ने प्रारंभ किया है. अभी यह बीटा संस्करण में है और आम जन के इस्तेमाल के लिए जारी नहीं किया गया है. हाँ, आपको निमंत्रण पाने के लिए इसकी साइट पर पंजीकरण करना होगा. पंजीकरण के पश्चात् कोई महीने भर में आपको इसका निमंत्रण प्राप्त हो जाता है.
मुझे इसका निमंत्रण प्राप्त हुआ तो मैंने सोचा कि चलो इसकी थोड़ी सी जांच परख कर ली जाए.
निवियो पर आपको एक उपयोक्ता खाता बनाना होता है जो कि विंडोज एक्सपी के रिमोट डेस्कटॉप के रूप में लॉगइन करने देता है. बेसिक खाता में आपको सिर्फ विंडोज एक्सपी ही मिलता है कार्य करने के लिए – जो कि किसी काम का नहीं होता है. कम से कम कुछ मुफ़्त के बेसिक किस्म के अनुप्रयोग – जैसे कि एबीवर्ड जैसे वर्डप्रोसेसर तो होने ही चाहिएँ, अन्यथा सिर्फ नाम के रिमोट ओएस को ब्राउजर पर देख कर कोई क्या कर सकता है भला? प्रीमियम खाते में आप अपने मनपसंद अनुप्रयोगों पर काम कर सकते हैं, तथा अनुप्रयोग संस्थापित भी कर सकते हैं.
निवियो रिमोट डेस्कटॉप चलने में अत्यंत धीमा है. कमांड व क्लिक का रिस्पांस टाइम डिले होने के कारण खीज पैदा करता है. पर हाँ, इसमें ये बात सही है कि आप अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को जिस अवस्था में छोड़कर गए हुए होते हैं, तो दुबारा लॉगइन करने पर वह वैसा ही मिलता है. आप अपने दस्तावेज़ों को वहीं पर तैयार कर भंडारित भी कर सकते हैं.
मैंने इसमें नोटपैड पर हिन्दी चलाकर देखा – तो पाया कि इसमें इस्तेमाल करते समय इसके वातावरण में जो कुंजीपट डिफाइन होता है वही चलता है – यानी यदि मैंने अपने वास्तविक ओएस में हिन्दी कुंजीपट लागू किया हुआ है तो वह ब्राउज़र के भीतर चल रहे रिमोट डेस्कटॉप के नोट पैड में काम नहीं करेगा जब तक कि मैं उस डेस्कटॉप में हिन्दी कुंजीपट लागू नहीं कर लूं. वास्तविक ओएस के नोटपैड तथा इस रिमोट ओएस के नोटपैड के बीच कट-पेस्ट ने भी काम नहीं किया, जबकि यह सुविधा होनी चाहिए.
मैंने वहां पर विंडोज के नियंत्रण पटल पर जाकर हिन्दी भाषा कुंजीपट संस्थापित करने की कोशिश की तो पाया कि वहां पर भाषा की संस्थापना को अक्षम किया हुआ रखा गया है. यानी ऑलवेज़ टर्न्ड ऑन – निवियो – हाल-फिल-हाल हम हिन्दी वालों के लिए किसी काम का नहीं है.
नीवियो भले काम का न हो लेकिन यह लेख काम का है कि पता चल गया।
हटाएंसही लेख, सही विश्लेषण. थोड़ा-सा "दूर-ऑपरेटींग" के उपयोग पर भी लिख दें ताकि तकनिकि रूप से जो जानकार नहीं है वे भी समझ सके.
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