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और, टिप्पणियाँ मुझसे खरीदिए. 100 टिप्पणियों के लिए 1000 रुपए, 500 टिप्पणियों के लिए 5000 रुपए, 1000 टिप्पणियों के लिए दस हजार रुपए. ये टिप्पणियाँ स्वचालित बॉट के जरिए नहीं होंगी, परंतु बढ़िया, शुद्ध हिन्दी के जानकार कम्प्यूटर उपयोक्ताओं द्वारा की जाएंगी जो आपके ब्लॉग पोस्टों को पढ़ेंगे और फिर उस पर बढ़िया सी, पोस्ट के विषय वस्तु से मिलती जुलती, कम से कम तीन लाइनों की और अधिकतम दस लाइनों की शानदार टिप्पणियाँ करेंगे. सिर्फ हेहेहे और स्माइली टाइप नहीं. और वे कोई दर्जन-दो-दर्जन ब्लॉगर – वर्डप्रेस के असली खाते से नाम और प्रोफ़ाइल युक्त टिप्पणियाँ करेंगे. बेनामी नहीं, गाली गलौज की नहीं, असभ्य नहीं. सभ्य, सुंदर, समीचीन टिप्पणियों की गारंटी.
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लेख आइडिया : यह जाल स्थल
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वाह रवि जी;
जवाब देंहटाएंपर हिन्दी की अन्तर्जाल दुनियां के पास पैसा भी है?
मैथिली जी,
जवाब देंहटाएंपर, कहावत है, और सच भी है - पैसा पैसे को खींचता है.
पैसा लगाओ, पैसा पाओ!
रविजी आपने पुन: पुन: पुनश्च में यह नहीं जोड़ा कि गाली देने वाले टिप्पणीकारों की भर्ती भी खुली है। ये प्रीमियम सेवा क्या आप खुद ही देंगे :)
जवाब देंहटाएंहा्..........आप तो ऐसे न थे :)
रवि जी, कभी कभी चिट्ठाजगत के झगड़ों को देख कर लगता है कि यह किस झमेलों की दुनिया में आ कर फंस गये।
जवाब देंहटाएंतो क्या अब इन झमेलों में फंसे रहने के पैसे भी दें?
वैसे भाइचारे के साथ टिप्पणी आदान प्रदान वाला जो कार्यक्रम यहां पहले से चलता था वो कुछ ज्यादा किफायती नहीं है?
वैसे कोई टिप्पणी दे या न दे जब भी आये गुगल एड पर चटका लगा जाये बस :D
मसिजीवी जी,
जवाब देंहटाएंअब आप मुँह न खुलवाएँ. आपको भी पता है - ऐसे दर्जनों लोग कौड़ियों के भाव में मिलते रहे हैं...
जगदीश जी,
मजा लीजिए चिट्ठाजगत् के झगड़ों का. इसी में सार है. बस कूदियो ना मंझधार में!
excellent no words to say any more about your post ravi
जवाब देंहटाएंक्या "बिजनेस आइडिया" लड़ाया है? हमारी हिन्दी भी "अप-टू डेट" है, नौकरी का आवेदन भेज रहें है. पावती भेज देना जी.
जवाब देंहटाएंयह सर्विस ट्रैफिक बेचने वाली साइटों की तर्ज पर बनी लगती है। जिस तरह वे आपके ब्लॉग/वेबसाइट के लिए ट्रैफिक बेचते हैं उसी तरह यह कमेंट बेचती दिखे है!
जवाब देंहटाएंमजा लीजिए चिट्ठाजगत् के झगड़ों का. इसी में सार है. बस कूदियो ना मंझधार में!
बिलकुल स्टीक मशवरा दिया है रविजी। :)
ह्म्म, आईडिया तो मस्त है पर मै सोचता हूं कि टिप्पणी खरीदने की बजाय क्रमांक एक वाले में नौकरी के लिए आवेदन कर दूं, ज्यादा कमा लूंगा!!
जवाब देंहटाएंरवि जी,आप ने टिप्पणी लिखने वालों के प्रति जो उदारता दिखाई है उस के लिए धन्यवाद। लगता है हमे भी आवेदन कर देना चाहिए। कुछ तो कमाई होगी।
जवाब देंहटाएंहमारी तो एन जी ओ है-बिना पैसे ही दिये जा रहे धड़ाधड़ टिप्पणियां. एक बार बस मार्केट पकड़ लें फिर कामर्शियल करेंगे. :)
जवाब देंहटाएंरवी जी आप तो हमारा नौकरी का प्रार्थना पत्र ही हजम कर गये जी.म आधे पैसे मे भी तैयार है.ठेके पर सारा काम लेने कॊ
जवाब देंहटाएंरवि भाई ऐसे ख़तरनाक आईडियाज़ को ई-मेल्स के ज़रिये व्यक्तिश: डिसकर कर लिया कीजिये...ब्लाँग पर सार्वजनिक करने की क्या ज़रूरत है..किसी मुकेश अंबानी ने पढ़ लिया तो रिलायंस फ़्रेश में दो किलो भिंडी दो टिप्पणी फ़्री करना शुरू कर दिया करेंगे..मामला ऐसा कमर्शियल भी है ये सोचा न था ...आज से तोल मोल के भाव से टिप्पणी प्रेषित किया करूंगा ...और हाँ अब ब्लाग के बजाय टिप्पणी में यदि माल मिलता है तो लिखने पढ़ने की अपनी बेवकूफ़ी को बंद कर सेलिब्रेटेड और प्रीमियम टिप्पणीकार बनना चाहूंगा ...आप थोड़ा ध्यान रखना जी छोटे भाई का.. बाक़ी आपस में समझ लेंगे.
जवाब देंहटाएंभाईजी ये सवा लाख मैं भेज रहा हूँ यहां टिप्पणी
जवाब देंहटाएंअब बस जरा पता बतलायें, कहां हमें बिल भिजवाना है
एक बार पेमेंट मिले तो साख आपकी जम जायेगी
फिर बस इतना ही लिख भेजें कहां कहां पर टिपियाना है
आइडिया तो सही है, जरा ये बताएँ कि टिप्पणीकर्ताओं का वेतनक्रम क्या है? :)
जवाब देंहटाएंآداب عرض
जवाब देंहटाएंبہت عمدہ لکھا ہے
vaah Ravi ji. lijiye Urdu meN tippanii yaani ki 'tabsira' haazir hai.
Bhopal se Ratlam duur nahiiN...kabhi idhar bhi aaiye...