जुलाई 2006 में छींटें और बौछारें में प्रकाशित रचनाएँ...

SHARE:

(अमरीका और भारत के बीच सभ्यता की तुलना हिन्दी चिट्ठा जगत् में आगे बढ़ चुकी है. छींटे और बौछारें में अकसर भारतीय व्यवस्था पर छींटे उड़ते ही र...

(अमरीका और भारत के बीच सभ्यता की तुलना हिन्दी चिट्ठा जगत् में आगे बढ़ चुकी है. छींटे और बौछारें में अकसर भारतीय व्यवस्था पर छींटे उड़ते ही रहते हैं. दैनिक भास्कर के संपादकीय पृष्ठों पर आज प्रकाशित स्तंभकार गुरचरण दास का आलेख समीचीन है. आलेख दैनिक भास्कर को साभार सहित, यहाँ पुनः प्रकाशित किया जा रहा है.) महान राष्ट्र प्रतिभा और समानता के दावों में सही संतुलन बनाने का प्रबंधन करते हैं। वहां प्रतिभा के आड़े वरिष्ठता नहीं आती। लेखक : - गुरचरनदास मुझे दो सप्ताह पूर्व न्यूयार्क में ‘राइज ऑफ इंडिया’ शीर्षक से प्रकाशित विदेशी मामलों की प्रतिष्ठित पत्रिका के विशेषांक के लोकार्पण के लिए आमंत्रित किया गया। समारोह के संचालक ने जिम रोजर्स की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए शुरुआत की कि ‘हम भारत में पूंजी नहीं लगा सकते, क्योंकि वहां की नौकरशाही दुनियाभर में सबसे बदतर है।’ जिम रोजर्स उपभोक्ता वस्तुओं के विशेषज्ञ हैं। एक ऐसे समारोह में जहां भारत उदय का जश्न मनाया जा रहा था वहां यह खटकने वाली बात थी, लेकिन बाद में स्पष्ट हो गया कि हम ‘पब्लिक इंडिया’ नहीं अपितु ‘प्राइवेट इंडिया’ के उदय का समारोह मना रहे थे। समाजवादी व्यवस्था के दौर में हम अपने आर्थिक विकास को लेकर चिंतित रहते थे, पर विश्वस्तर की न्यायिक व्यवस्था, प्रशासन व पुलिस पर गर्व करते थे। अब जबकि हमने अच्छी आर्थिक प्रगति की है तब इन संस्थाओं को लेकर शर्मसार हैं। दुनिया के शायद सबसे बेहतरीन लोग भारतीय लोकसेवा में हैं, लेकिन व्यवस्था के निकम्मेपन ने उनसे यह माद्दा छीन लिया है कि अच्छाई को प्रोत्साहित करें व बुराई को दंडित। जब कोई व्यक्ति बिना किसी दक्षता के पदोन्नति पाता है तो वह आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति खो देता है। 1938 में 81 प्रशासनिक अधिकारी केंद्र सरकार की व एक हजार से भी कम आईसीएस 30 करोड़ की आबादी वाले देश की व्यवस्था कुशलतापूर्वक इसलिए संचालित करते थे, क्योंकि उस जमाने की व्यवस्था प्रतिभा को प्रोत्साहित करती थी। वह वरिष्ठता की बीमारी से दूर थी। कुछ हद तक यह लोकतंत्र का दोष है। लोकतंत्र यह भ्रम पैदा करता है कि यदि हम एक मामले में बराबर हैं तो सभी मामलों में बराबर होना चाहिए। इसलिए हम प्रतिभाशाली को प्रोत्साहित करने व निकम्मों को दंडित करने में संकोच करते हैं। जब संस्थाएं प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देना बंद कर देंगी, तब आप रिश्वत और सिफारिश की बीमार दुनिया में धंस जाएंगे। उस दुनिया में जहां अदालतों में वर्र्षों से लाखों मामले लंबित हैं, जहां सरकारी डाक्टर और अध्यापक अपने काम से जी चुराते हैं। जहां गरीबों तक पीने का साफ पानी नहीं पहुंचता। जहां बिजली बोर्ड के इंजीनियर खुद बिजली चोरी की जुगत सुझाते हैं और विश्वविद्यालय अयोग्य प्राध्यापकों को तरक्की देता है। महान राष्ट्रों का निर्माण प्रतिभाशाली लोगों द्वारा होता है। काेई भी जो संस्थान या व्यवसाय चलाता है वह 80 : 20 के नियम को जानता है, जहां 20 प्रतिशत लोग 80 प्रतिशत परिणाम देते हैं। कुशल प्रबंधक 20 प्रतिशत प्रतिभाशाली लोगों को प्रोत्साहित करता है, शेष 80 प्रतिशत को हतोत्साहित किए बिना। प्रतिभाएं हर कहीं होती हैं, दलितों में, ब्राह्माणों में और पिछड़े लोगों में भी। महान देश ऐसी संस्थाएं बनाता है जो इन्हें चिन्हित और प्रोत्साहित कर सकती हैं। पिछले तीन हफ्तों से हर रात हमने टीवी पर फुटबॉल का विश्वकप देखा है। गोरे, काले, भूरे व पीले खिलाड़ियों के बीच प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को। भारत के पास भी विश्वकप में खेलने लायक प्रतिभाएं हैं। लेकिन हमारी खेल संस्थाएं ऐसे लोगों द्वारा संचालित हैं जो रिश्वत और सिफारिश की बीमार दुनिया से ताल्लुक रखते हैं। जैसे कोई भी आरक्षण के आधार पर फुटबॉल टीम का चयन नहीं करता, उसी तरह किसी संस्थान के प्रवेश के नियम नहीं तोड़ने-मरोड़ने चाहिए। जब आप ऐसा करेंगे तो युवाओं को गलत संकेत देंगे। भारतीय कंपनियां विश्वस्तर पर आगे आ रही हैं, क्योंकि वे प्रतिभा को मौका देने के सिद्धांत का सम्मान करती हैं। और यदि मनमोहन सिंह वाकई शासन के प्रति गंभीर हैं, तो देश की नौकरशाही में अभिशप्त वरिष्ठता के सिद्धांत को खत्म करें। महान राष्ट्र प्रतिभा और समानता के दावों में सही संतुलन बनाने का प्रबंधन करते हैं। (लेखक प्राक्टर एंड गैंबल के पूर्व सीईओ हैं।)
888888888
क्या ये पोप और बुश की तालिबानी सोच नहीं है? Re-exposure of   sexual-preferences 002 **-** जैसा कि कई मर्तबा सुनील और क्षितिज ने लिखा है, आमतौर पर सेक्सुअल प्रेफ़रेंसेज़ में किसी भी तरह के डेविएशन्स को समाज स्वीकार नहीं करता है – जिसमें पोप और बुश भी शामिल हैं. तकलीफ तब ज्यादा होती है, जब असामान्य सेक्सुअल प्रेफ़रेंस के व्यक्तियों को उनके घर परिवार वाले, मां-बाप ही अस्वीकार कर देते हैं. यह निश्चित ही उन व्यक्तियों के लिए अत्यंत दुखदायी होता है. कोई भी व्यक्ति अपने सेक्सुअल प्रेफ़रेंस में डेविएशन्स के लिए स्वयं उत्तरदायी नहीं होता है – बल्कि उसके मन में डेविएशन्स के बीज तो गर्भ में ही पड़ चुका होता है. और, माह जून 2006 के गॉयनकोलॉजी जर्नल के अनुसार, बच्चे के हर 2000 जन्म में से 1 जन्म में (बाह्य शारीरिक चिह्नों की मौजूदगी समेत) ऐसा होता है. तो बहुत से मामले तो सामाजिकता के नाते दबे-ढंके-छुपे ही रहते हैं और लोग शर्म के मारे भयंकर कष्टप्रद, अनर्थक जिंदगी जीते हैं. जब समलैंगिक, द्विलैंगिक और अंतर्लैंगिक व्यक्तियों के ‘पैदा होने’ के असली कारण उनके मां-बाप होते हैं तो सही मायनों में बहिष्कार के काबिल तो ये पालक ही हैं – जो घोर अज्ञानता में स्वयं अपने बच्चों का बहिष्कार करते हैं. पोप और बुश की सोच भी ऐसी ही है. उनकी यह सोच किसी भी तालिबानी सोच से कम नहीं है. समाज का एक औसत परिवार तो माफ़ी के काबिल है क्योंकि वह बहुत से मामलों में अज्ञानी हो सकता है. परंतु विश्व के सर्वाधिक शक्तिशाली राष्ट्र प्रमुख और विश्व के सबसे बड़े धर्म के प्रमुख ऐसी बात कहते हैं तो उनकी बातों में अज्ञानता कम, तालिबानियत ज्यादा झलकती है. ईश्वर इन्हें माफ़ करें, ये नहीं जानते – ये ‘सचमुच’ नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं.
88888888
हिन्दी यूनिकोड के इंटरनेट पर उपयोगिता सिद्ध हो जाने के बाद आमतौर पर यह सर्वमान्य तो हो गया है, परंतु पुरानी तकनॉज़ी से लोग अभी भी जुड़े हुए हैं. इसके पीछे यूनिकोड पर शिफ़्ट होने में उनकी तकनीकी दिक्कतें ही ज्यादा दिखाई देती हैं, बनिस्वत पुराने फ़ॉन्ट पर निर्भर उनके वर्तमान पाठक संख्याओं के. यह तो तय है कि अंततः हिन्दी के प्रत्येक कॉन्टेंट प्रोवाइडर, प्रत्येक सामग्री प्रदाता को इंटरनेट पर यूनिकोड में अंततोगत्वा आना ही होगा. वैसे, धीरे से ही सही रुपांतरण की प्रक्रिया कहीं कहीं जारी भी है. जहाँ अभिव्यक्ति का यूनिकोड पर आने का उसका अंडरग्राउंड कार्य जारी है, हिन्दीनेस्ट पुराने फ़ॉन्ट के साथ साथ ही यूनिकोड में भी आ चुका है. एक बड़ी समस्या पुरानी सामग्री को यूनिकोड में रूपांतरित करने की है. जो उपकरण और औजार पुराने हिन्दी फ़ॉन्ट की सामग्रियों को यूनिकोड में परिवर्तित करने के लिए लिखे गए हैं, वे प्रायः कामचलाऊ जैसे ही हैं. उनका यूज़र इंटरफ़ेस आज के लिहाज से अत्यंत बेतुके, बचकाने और प्राचीन किस्म के हैं. उनमें प्रोफ़ेशनलिटी नजर नहीं आती तथा रूपांतरण में, एक साधारण लंबाई के दस्तावेज़ में ही वर्तनी की सैकड़ों ग़लतियाँ घुस जाती हैं. ऐसे में सामग्री का उपयोग इंटेंसिव संपादन-सुधार के बगैर संभव नहीं हो पाता. मगर कुछ सहूलियतें तो ख़ैर मिलती ही हैं – और आपको दस्तावेज़ों को निश्चित रूप से, नए सिरे से लिखने से छुटकारा तो मिलता ही है. कई दफ़ा तकनीकी पहलुओं को छोड़ देने पर फ़ॉन्ट रूपांतरण हो ही नहीं पाता, या होता भी है तो गलत. पुराने हिन्दी फ़ॉन्ट युक्त सामग्रियों के यूनिकोड में रूपांतरण के लिए यूँ तो कई औजार हैं, मगर दो औजार विशेष रूप से आपके काम आ सकते हैं. एक है परिवर्तन नाम का औजार तथा दूसरा फ़ॉयरफ़ॉक्स का पद्मा प्लगइन.
फ़ॉयरफ़ॉक्स का पद्मा प्लगइन
फ़ॉयरफ़ॉक्स का पद्मा एक्सटेंशन संस्थापना में आसान है, और उपयोग में भी अत्यंत आसान है. परंतु इसमें विशाल आकार की फ़ाइलों को रूपांतरित करने में समस्या आ सकती है. अतः फ़ाइलों को छोटे आकार में खण्डों में सहेज कर कार्य किया जाना चाहिए. इस औजार में इंटरनेट के प्रचलित साइटों के पुराने फ़ॉन्टों का ही यूनिकोड में परिवर्तन संभव है, अतः आसान होते हुए भी इसकी उपयोगिता कम ही है. दैनिक भास्कर, अभिव्यक्ति, नवभारत, दैनिक जागरण इत्यादि के फ़ॉन्ट युक्त सामग्रियों को आप ब्राउज़र के भीतर ही, स्वचालित रूप से यूनिकोड में बदल सकते हैं व कॉपी-पेस्ट के जरिए इस्तेमाल में ले सकते हैं. बाहरी सामग्री को आप सादा एचटीएमएल फ़ाइल के रूप में सहेज कर फ़ॉयरफ़ॉक्स ब्राउज़र के जरिए खोल कर, परिवर्तन की जाने वाली सामग्री को चुन कर दायाँ क्लिक कर यूनिकोड में परिवर्तन का चुनाव कर यूनिकोड में बदल सकते हैं. इसमें हिन्दी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं – तेलुगू तमिल इत्यादि के लिए भी फ़ॉन्ट परिवर्तन की सुविधाएँ हैं.
परिवर्तन
प्रिया इनफ़ॉर्मेटिक्स द्वारा जारी परिवर्तन नाम का सॉफ़्टवेयर पुराने हिन्दी फ़ॉन्टों की वेब सामग्री तथा ऑफ़िस दस्तावेज़ों वाली सामग्री (डाटाबेस तथा एक्सेल सामग्री सहित) को कुशलता से यूनिकोड में (या आपस के फ़ॉन्ट कोड में) परिवर्तित करने में सक्षम है. इसका यूज़र इंटरफ़ेस बेकार किस्म का, तथा उपयोग में थोड़ा सा बगी होने के बावजूद भी यह उपयोगी तो है. अगर इसके इस्तेमाल में थोड़ा सा ध्यान दिया जाए तो सटीक परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं. परिवर्तन का सही इस्तेमाल करने के लिए प्रोग्राम के साथ विस्तृत मदद फ़ाइल में चित्रमय, चरण दर चरण विवरण दिया गया है, उसे ध्यानपूर्वक पढ़ लेना चाहिए. परिणाम सही प्राप्त करने के लिए निम्न बातों का खयाल अवश्य रखा जाना चाहिए- 1. परिवर्तन में रूपांतरण के लिए एमएस वर्ड में तैयार किए गए दस्तावेज़ ज्यादा सही परिणाम देते हैं. अन्य फ़ाइल फ़ॉर्मेट या पाठ फ़ॉर्मेट के दस्तावेज़ों में फ़ॉन्ट रूपांतरण में समस्याएँ आती हैं. अतः किसी अन्य प्रोग्राम – जैसे पेजमेकर में तैयार किए दस्तावेज़ों को पहले कॉपी पेस्ट कर एमएस वर्ड में सहेज लें फिर परिवर्तन के जरिए उस एमएस वर्ड फ़ाइल को यूनिकोड में बदलें. आमतौर पर उपयोक्ताओं से गलतियाँ यहीं होती हैं. 2. परिवर्तन की जा रही फ़ाइल के सही फ़ॉन्ट का विवरण इनपुट परिवर्तन फ़ाइल के लिए दें. फ़ॉन्ट में परिवर्तन आपके द्वारा दिए गए इनपुट विवरण पर ही निर्भर होता है, अतः यह विवरण यदि गलत हुआ तो परिवर्तित फ़ाइल काम की नहीं होगी. parivartan 3. परिवर्तन के दौरान यदि इस प्रोग्राम के आंतरिक डाटाबेस में किसी भी फ़ॉन्ट का विवरण दर्ज नहीं होता है तो यह आपसे उस फ़ॉन्ट का विवरण पूछता है कि यह अंग्रेजी का है या हिन्दी का. और यदि हिन्दी का है तो किस प्रदाता का है. इसे भी ध्यान से और उचित प्रकार से भरना चाहिए, क्योंकि बाद के सभी परिवर्तन उसी आधार पर होंगे. प्रोग्राम में इस सेटिंग को बाद में ठीक करने के उपाय भी नहीं है. (उम्मीद है इस लेख से मित्रों की फ़ॉन्ट परिवर्तन संबंधी समस्याओं का समाधान हो सकेगा. यदि फिर भी उन्हें कोई समस्या आती है तो लेखक को ईमेल भेजें या चिट्ठाकार पर या परिचर्चा फोरम में अपनी समस्या लिखें)
888888888
दीवारों पर लिखी इबारतें-
** “ख़तरों से नहीं डरें. अपनी जवाबदेही स्वीकारें. एंटीवायरसों को बिजनेस से बाहर का रास्ता दिखाएँ.” ** “आईटी गुरुओं को राजनीति में कोई रुचि नहीं होती चूंकि सरकार अपनी क्षमता, कुशलता और गति प्रत्येक 18 महीनों में दोगुना नहीं करती. " ** “सूचना क्रांति की लड़ाइयाँ कमांड लाइन पर लड़ी जाएंगी.” ** “जीयूआई (ग्राफ़िकल यूज़र इंटरफ़ेस) ने कम्प्यूटर साक्षरता को कतई नहीं बढ़ाया है. इसने तो बस स्तर गिराया है.” ** “अन्दाज़ा लगाएँ कि यह किसका नियम है?: प्रत्येक 18 महीनों में सॉफ़्टवेयर की गति आधी हो जाती है.”
कुछ विज्ञापनी नमूने:
** रिपेयरिंग शॉप पर : "हम उन सभी चीजों को रिपेयर करते हैं जिन्हें आपके पति रिपेयर कर चुके होते हैं." ** एक अन्य रिपेयरिंग शॉप पर: "टपकते पानी के बीच मत सोइए. हमें बुलाइए." ** बिजली के उपकरणों के रिपेयरिंग शॉप पर: "हमारे यहाँ आपके शॉर्ट सर्किट को ठीक करने की पूरी व्यवस्था है." ** जच्चा बच्चा वार्ड के दरवाजे पर: "पुश. पुश. पुश." ** नेत्र चिकित्सालय पर: "यदि आपको वह चीज दिखाई नहीं देती है जिसे आप देखना चाहते हैं तो फिर आप एकदम सही जगह पर आए हैं." ** एक विशाल कोठी के विशाल दरवाजे पर: "सेल्समेनों का स्वागत है. कुत्तों के भोजन मंहगे हो चले हैं." ** एक रेस्त्रां की खिड़की पर: "वहाँ भूखे खड़े मत रहिए. भीतर आकर पेट पूजा करें" ** एक कब्रिस्तान की दीवार पर: "सावधानी से गाड़ी चलाएँ. हम इंतजार कर लेंगे” **21 वीं सदी में मनुष्य को ईश्वर का भय नहीं होता. अब उसे अपने सिस्टम के क्रैश हो जाने या सिस्टम के वायरस से संक्रमित हो जाने का भय सताता है. **ए लिटिल रैम इज़ डैंजरस थिंग. **पर्याप्त प्रोसेसिंग पॉवर युक्त पीसी तो शायद कभी आएगा ही नहीं. **क्रैश हो चुके तंत्र कोई कहानी नहीं कहते. **मैं अपने पीसी को देखता हूँ और पीसी मुझे देखता है. ईश्वर हम दोनों को शांति प्रदान करें. **प्रोग्रामों के नए-नए संस्करण निकाल निकाल कर बेचना भी एक कला है. **जीवन के बेहतरीन लम्हे कम्प्यूटर पर मिलते हैं. **बीवी के बगैर कुछ समय रह लेना अच्छा है बजाए कम्प्यूटर के बगैर एक क्षण के.
आपका पीसी बेहतर है आपके बॉय फ्रेंड से ...
• मौसम का मिजाज और आपका मूड कैसा भी हो आप इससे चिपके रहना पसंद करती हैं। • आपकी माँ आपको इसके साथ देखकर अपनी भवें टेढ़ी नहीं करती। • यह अंतर्निर्मित हेल्प फंक्शन के साथ आता है। • यह आपके पुराने पीसी से जलन नहीं रखता बल्कि इसका नया संस्करण और नया प्रतिरूप ज्यादा आकर्षक और ज्यादा उपयोगी होता है। • आपकी सहेलियां इसके साथ अपना समय गुजार सकती हैं, परन्तु फिर भी सिस्टम कंट्रोल का रूट पासवर्ड आपके पास होता है। • आपके हर अच्छे बुरे और कठिन, कुसमय में यह आपका साथ देता है। • आपकी हर समस्या और प्रश्न का उत्तर बिना किसी चिड़चिड़ाहट और गुर्राहट के देता है। • आप अपने जेहन की गोपनीय बातें इसके साथ बिना किसी भय के शेयर कर सकती हैं। • जैसा, जिस हिसाब से आप चाहती हैं, उस हिसाब से इसे कार्य करने हेतु सेट कर सकती हैं। • सेक्सी आई-मेक से लेकर छोटे सुंदर पाम पायलट तक में से अपनी पसंद का माडल आप चुन सकती हैं और यदि इनमें से भी आपको कोई न जंचे तो आप अपना स्वप्निल, खूबसूरत डिजाइनर मशीन स्वयं असेंबल कर सकती हैं।
आपका पीसी बेहतर है आपके गर्लफ्रेंड से ...
• मनोरंजन हेतु इसे किसी कैफे या सिनेमा के कोने की सीट पर नहीं ले जाना होता है। • यह तैयार होने के लिए मेकअप टाइम नहीं लेता। • कारण अकारण यह न तो हंसते खिलखिलाते रहता है न आंसू बहाता है। • यह बातें नहीं करता मगर फिर भी आप इससे सारे ब्रम्हांड की विश्वसनीय जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। • आप इस बात पर गर्व अनुभव करते हैं कि दूसरे इसे देखें और इस पर एक हाथ आजमा कर इसके खासियतों- मसलन सिस्टम स्पीड और मल्टीमीडिया कैपेबिलिटी इत्यादि के गुण गाएं। • इसे आसानी से प्रोग्राम किया जा सकता है ताकि यह आपकी मर्जी के मुताबिक प्रोग्रामों को डिलीवर कर सके। • आप इसके साथ हर तरह के खेल किसी भी पोजीशन में खेल सकते हैं। • जी हां, आप अपने आपको इसके द्वारा शिक्षित कर सकते हैं तथा पैसे भी कमा सकते हैं। • इसे आपकी सहायता की जरूरत नहीं होती, उल्टे यह तो हर विषय में आपकी सहायता कर सकता है। • यह आपके हर आदेशों का पालन बिना किसी बहस के मानता है- हर बार।
एक नर्ड (कंप्यूटर गुरू) से लिए गए साक्षात्कार से कुछ उद्धरण:
प्र.: वास्तविक आनंद क्या है? उ.: डिबगिंग. प्र.: आपके स्वप्न क्या हैं? उ.: एक खूबसूरत दिन जब आपकी अपनी शारीरिक आवश्यकताएँ भी बेमानी हो जाएँ और आप प्रोग्रामिंग के अलावा कुछ नहीं करें. प्र.: जब आप प्रोग्रामिंग नहीं करते हैं तो क्या करते हैं? उ.: उन चीज़ों को करता हूं जो मुझे यथासंभव प्रोग्रामिंग में वापस ले जाते हैं. प्र.: यदि दुनिया में कम्प्यूटर नहीं होते? उ.: काल्पनिक प्रश्नों के उत्तर नहीं होते – काल्पनिक उत्तर भी नहीं. प्र.: आपने किस उम्र में प्रोग्रामिंग प्रारंभ किया? उ.: काश मैं और पहले प्रोग्रामिंग प्रारंभ कर सकता. प्र.: अपने एक सम्पूर्ण दिन की व्याख्या करेंगे? उ.: प्रोग्रामिंग खाना, प्रोग्रामिंग पीना और हां, प्रोग्रामिंग सोना!. प्र.: एक अच्छे प्रोग्रामर के क्या सीक्रेट हैं? उ.: हमेशा दिल लगाकर प्रोग्राम करो! प्र.: क्या आपको किसी से प्यार हुआ है? उ.: हाँ, और मैं भी अपने कम्प्यूटर से बेहद प्यार करता हूँ. प्र.: यदि आप कम्प्यूटरों की दुनिया में नहीं होते तो किस क्षेत्र में होते? उ.: ओह! यह प्रश्न हमेशा से मुझे सताता रहा है. मैं इसका उत्तर नहीं दे सकूंगा. (आंखें डबडबा जाती हैं) प्र.: आपके जीवन का दर्शन क्या है? उ.: मैं प्रोग्रामिंग में यकीन करता हूं… हमेशा. प्र.: अपने खाली समय में आप क्या करते हैं ? उ.: प्रोग्राम लिखता हूँ. दूसरों के प्रोग्राम पढ़ता हूं. प्र.: आपकी प्रेरणा कौन है? उ.: बग्स. और वे हमेशा मुझे और ज्यादा संजीदगी से प्रोग्राम लिखने को प्रेरित करते हैं. प्र.: प्रोग्रामिंग की परिभाषा देंगे? उ.: प्रोग्रामिंग तो आपके दिल की आंतरिक अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है जिसे आप सिंटेक्स, बूलिए, लूप, पाइंटर और ऐसे ही अन्यों के द्वारा समस्त विश्व को प्रस्तुत करते हैं. प्र.: आपके कार्य की विशेषताएँ क्या हैं? उ.: मैं बग मुक्त प्रोग्राम लिखना चाहता हूं. वास्तविक मनुष्यों के लिए वास्तविक प्रोग्राम. प्र.: आप किसे पसंद करेंगे – बुद्धि या धन? उ.: किसी को भी नहीं. मैं कम्प्यूटरों को पसंद करता हूँ. यदि फिर भी आप जोर देंगे तो मैं धनी होना पसंद करूंगा चूंकि फिर मैं बड़े पॉवरफुल और ताजातरीन कम्प्यूटर खरीद सकूंगा. और प्रोग्रामरों को हायर कर सकूंगा. प्र.: आपके विचार में प्यार का बोध क्या हो सकता है? उ.: प्यार तो मन की एक अवस्था है जिसमें हर वस्तु – अच्छी हो या बुरी अत्यंत प्रिय लगती है. उदाहरण के लिए, जब आप प्रोग्राम लिखते हैं तो प्रोग्राम के प्रथम कुछ पंक्तियों में ही जो बग निकल आता है – आपको वह अच्छा लगता है. मुझे तो लगता है कि हर किसी को अपने कम्प्यूटर से प्यार करना चाहिए. प्र.: छींटे और बौछारें के बारे में आपके विचार? उ.: शानदार. जब प्रोग्रामिंग के बीच कभी कोई ब्रेक मैं ले लेता हूँ तो यहाँ चुटकुले पढ़ता हूँ. 88888888 प्रसिद्धि के पाँच पल... दैनिक भास्कर इंदौर तथा भोपाल के संस्करणों में मध्यप्रदेश के दो साहित्यकारों को माइक्रोसॉफ़्ट द्वारा पुरस्कृत करने की खबर अख़बार के पहले पन्ने पर छपी तो सहारा समय मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ के न्यूज एडीटर्स को भी इसमें समाचार मूल्य दिखाई दिया. लिहाजा सहारा समय मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़ चैनल में रविवार दिनांक 9 जुलाई को एक विशेष प्रोग्राम के तहत मेरा तथा डॉ. जगदीश व्योम जी का जीवंत साक्षात्कार दोपहर साढ़े बारह बजे प्रसारित किया गया, जिसकी क्लिपिंग बाद में देर रात तक दिखाई जाती रही. जीवंत प्रसारण का यह मेरा पहला अनुभव था और वाइस ओवर तंत्र में अपनी स्वयं की गूंजती हुई आवाज सुनाई देते रहने से दिमाग पूरे समय कन्फ्यूजन में रहा और मैं ज्यादा कुछ बोल नहीं पाया. कम से कम जो सोचा था वह बोल नहीं पाया. मैं उस वक्त क्या बोला क्या नहीं यह भी याद नहीं रहा. बाद में लोगों ने बताया कि साक्षात्कार अच्छा रहा – परंतु मुझे पता था कि मैं खरा नहीं उतरा था. व्योम जी ने काफी संतुलित तरीके से अपने कार्यों, प्रेरणाओं तथा इंटरनेट पर हिन्दी साहित्य की स्थिति के बारे में देर तक बहुत सी बातें कहीं. उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर उन्होंने हिन्दी के कोई तीस ब्लॉग अकेले के प्रयासों से बनवाए हैं तथा इनमें बच्चों की कहानियों से लेकर कई खण्डकाव्य तक भी प्रकाशित किए हैं. उन्होंने अपनी स्वयं की रचनाओं से लेकर साथी साहित्यकारों तथा अन्य प्रसिद्ध कृतियों को भी इंटरनेट पर ब्लॉगों के जरिए उतारा है. यह मेरे लिए खबर थी (संभवतः हिन्दी चिट्ठा जगत् को भी भान नहीं है) और मैंने उन्हें अनुरोध किया कि उन सभी ब्लॉग की कड़ियों को उपलब्ध करवाएं ताकि उन्हें हिन्दी प्रयोक्ताओं के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके. व्योम जी के ब्लॉगों की सूची नीचे दी गई है. मुझे लगता था कि लोग स्टार के सास-बहू, सोनी के इंडियन आइडल और जी टीवी के सारेगामा से आगे कुछ नहीं देखते होंगे. कभी समाचार देखने का मूड होता भी होगा तो आजतक , इंडियाटीवी या सीएनबीसी देखते होंगे. और, इसीलिए इस प्रसारण के बारे में लोगों को मैंने पहले से किसी को भी नहीं बताया. परंतु मैं गलत था.
  • मानोशी ने कनाडा से सुखद सूचना दी. घर पर भी स्थानीय रतलाम निवासियों ने बधाइयाँ दीं. परिचितों - रिश्तेदारों ने जैसा कि अमरीकी ट्विन टॉवर पर हमले के समय लाइव शो देखने के लिए एक दूसरे को फोन किए थे, वैसे ही मेरे प्रसारण को देखने-दिखाने के लिए फोन करने लगे.

  • घर पर फोन लगातार बजता रहा और लोगों का बधाई देने का सिलसिला चलता रहा. मुहल्ले के कुछ लोग स्वतःस्फूर्त होकर आए, गले लगे और कहा कि वे ऐसा व्यक्ति अपने मोहल्ले में पाकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं. गर्व करने वालों में मेरा वो पड़ोसी भी शामिल हो गया है जो पहले मेरे जैसा असभ्य पड़ोसी पा कर बड़ा दुःखी रहता था – ऐसा असभ्य पड़ोसी जो अपने गमले और क्यारियों में पानी देते समय थोड़ा बहुत पानी उसके दरवाजे पर भी बहा देता है. शायद अब मेरी क्यारियों के बहते पानी से उसे तकलीफ नहीं होगी और शायद वह इस बात पर भी गर्व करेगा – अरे भाई, इसे माइक्रोसॉफ़्ट पुरस्कार मिला है, मेरा पड़ोसी है. इसके तो गमले का पानी मेरे दरवाजे पर आता है.

  • प्रसिद्धि के इन पाँच पलों का आनंद मैं ले रहा हूं.

  • मुझे उम्मीद है कि आप भी मुझे मेरे आनंद के इन पलों को बढ़ाने में बधाइयों के नए सिलसिले बनाकर सहयोग देंगे.

  • *****-*****
  • व्योम जी द्वारा बनाए गए हिन्दी ब्लॉगों की सूची –

  • हिन्दी गगन

  • हिन्दीपत्रिकाएँ

  • हाइकुदर्पण

  • हिन्दीसाहित्य


  • साहित्य अकादमी

  • भ वानी प्रसाद मिश्र

  • कवि सरल

  • राजभा षासंवाद

  • संस्कृत भाषा

  • हिन्दी कोंपल

  • कुत्ते की पूँछ

  • गजल कमल

  • राजभाषा संवाद

  • सरल चेतना

  • काव्य कुंज

  • हाइकु कानन

  • नर्मदातीरे

  • डॉ॰ कृष्णगोपाल मिश्र

  • डॉ॰ जगदीश व्योम

  • शब्द प्राणायाम

  • प्रमो द ग्रोवर स्मृतिमंच

  • बाल फुलवारी

  • महाप्राण निराला

  • केन्द्रीय विद्यालय होशंगाबाद

  • शुभम आर्ट

  • गाइडिंग एवं काउंसलिंग

  • डॉ॰ दिनेश पाठक शशि

  • सितम की उम्र छोटी है

  • हिन्दी की १०० सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ

  • मित्रों, यह कड़ी है सहारा समय द्वारा प्रसारित किए गए लाइव प्रोग्राम की रेकॉर्ड की हुई डाउनलोड योग्य फ़ाइल का. फ़ाइल विंडोज मीडिया फ़ॉर्मेट में है और लो-क्वालिटी की होने के बावजूद 4.5 मे.बा. आकार की है. विंडोज में आप इसे डाउनलोड कर विंडोज मीडिया प्लेयर, विनएम्प में देख सकते हैं तथा लिनक्स में एमप्लेयर पर. 88888888888

    ये कैसा धर्म स्वातंत्र्य?

    dharma**-** मध्यप्रदेश की हिंदूवादी बीजेपी सरकार एक नया कानून ला रही है. इस कानून का नाम बहुत ही सुंदर है - धर्म स्वातंत्र्य कानून. वैसे तो इसका नाम है धर्म स्वातंत्र्य कानून, परंतु इसका असली काम अब तक आपको प्राप्त आपकी धर्म संबंधी स्वतंत्रता को समाप्त करना है. इस कानून के लागू हो जाने पर अब आप अपना धर्म आसानी से परिवर्तित नहीं कर सकेंगे. अब यदि आपको अपना धर्म परिवर्तित करना होगा तो आपको सरकारी कारिंदों को अपने धर्म के परिवर्तन किए जाने की सूचना महीना भर पहले से देना होगा. अन्यथा आपको अपराधी माना जाएगा और आपको जेल की हवा भी खानी पड़ेगी. अभी तो आपको सरकारी कारिंदों को सूचित भर करना है. हो सकता है कि बाद में इस कानून में उप धाराएँ भी जोड़ दी जाएँ - आप अपना धर्म क्यों और किसलिए बदलना चाहते हैं - कारण भी बताएँ. फिर आप अपने आवेदन में धर्म परिवर्तन ऑफ़ीसर को लिखेंगे - महोदय, मुझे अपना धर्म - जो गलती से किसी धर्म विशेष के परिवार में पैदा होने के कारण मुझे मिल गया था, उसे बदलना चाहता हूँ. अतः मुझे धर्म परिवर्तन करने हेतु आवश्यक अनुमति देने का कष्ट करें. आपके आवेदन पर धर्म परिवर्तन ऑफ़ीसर का कोई अन्य मातहत ऑफ़ीसर तहकीकात करेगा कि आपके आवेदन में कही गई बातें सत्य हैं या असत्य. फिर वह अपनी टीप के साथ अनुशंसा जोड़ेगा और रपट अपने बॉस को प्रस्तुत करेगा. आपके आवेदन पर निर्णय लेने में हो सकता है कि साल दो साल लग जाएँ. यह भी हो सकता है कि उस ऑफ़ीसर की राय धर्म परिवर्तन के आवेदन में आपके द्वारा दी गई दलील से मेल न खाए. ऐसी स्थिति में आपको धर्म परिवर्तन की अनुमति भी नहीं मिल सकेगी. फिर आप कुढ़ते हुए, अपने धर्म को अरबों खरबों गालियाँ देते हुए ताउम्र उसी में बने रहने को लाचार होंगे. सरकार आपको अपना धर्म बदलने की इजाजत अकारण, बेवजह दे नहीं सकती! जैसा कि शबरीमला और तिरुपति के पोंगा पंडितों ने किसी स्त्री के मंदिर गर्भगृह प्रवेश पर हो हल्ला मचाया, कल को यह भी हो सकता है कि सरकार ही हो हल्ला मचाने लगे, कानून बना दे. किसी हिन्दू के ईद मिलन पर या किसी मुसलिम के दीपावली शुभकामनाएँ देने पर रोक लगा दे. लगता है कि विधर्मी व्यक्ति यानी एक धर्म के व्यक्ति का किसी अन्य धर्म के परंपराओं को मानने पर सरकारी रोक लगनी ही चाहिए. कोई मुझे बताए कि इस सरकार का धर्म क्या है और इसने अपना धर्म - कानून-व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी चीजें मुहैया करवाना भूलकर इंसानी धर्मों को नियंत्रित करने में क्यों लग गई है? ----****----

    व्यंज़ल

    --/-- भुलाया सरकार ने अपना धर्म क्यों याद रखें हम अपना धर्म पुरवाई हो प्रपात हो या सरिता संप्रति सबने बदला अपना धर्म सब के सब तो हो गए विधर्मी चलो हम भी बदलें अपना धर्म अग्नि बहुत लगाई है धर्मों ने बनाएँ किंचित नया अपना धर्म अन्यों के अवगुण में उलझ रवि कब का भूल चुका अपना धर्म **-**
    8888888888888

    असफलता छुपाने के लिए दीवार से अपना ही सिर फोड़ना... भारत सरकार मुम्बई धमाकों पर अपनी असफलता का ठीकरा कुछ भारतीय चिट्ठा स्थलों पर सरकारी प्रतिबन्ध लगाकर फोड़ रही है. एक असफल आदमी हमेशा दूसरों को दोष देता है और निराशा में कभी कभी वह दीवार पर सिर टकराकर अपना ही नुकसान करता है. भारत सरकार में बैठे दृष्टिहीन नुमाइंदों का यह कदम अत्यंत बेहूदा, अविवेकपूर्ण और बेवकू फ़ी भरा है. उन्हें क्या नहीं मालूम कि इंटरनेट पर मात्र कुछ स्थलों को प्रतिबंधित करने से कुछ नहीं होगा ? सर्च इंजनों के तमाम आर्काइव, प्रॉक्सी, मिरर साइटों, आरएसएस फ़ीड के जरिए इस प्रतिबंध को पतली गली से हटाया जा सकता है. इस प्रतिबन्ध से समाज के आम जनता का ही नुकसान होगा - तकनीकी रूप से कौशल आतंकवादियों का नहीं. आइए, इस प्रतिबन्ध के विरूद्ध हम भी अपनी आवाज उठाएँ. जय हिन्द, जय भारत. 8888888888888

    मैं और तुम

    mai-aur-tum1
    स्त्री और पुरुष संबंधों की एकमात्र हिन्दी मासिक पत्रिका का प्रकाशन अभी हाल ही में प्रारंभ हुआ है. पत्रिका के जून 2006 अंक के मुख पृष्ठ पर मर्दाना ताक़त की दवा का विज्ञापन ही दर्शाता है कि पत्रिका किस किस्म की होगी.
    वैसे, पत्रिका का यह दावा है कि वह सेक्स शिक्षा जैसे हिन्दी में अब तक के अछूते विषय को जन सामान्य तक पहुँचाएगी. निःसंदेह ऐसे किसी भी प्रयास का तहे दिल से स्वागत किया जाना चाहिए.
    पत्रिका का प्राइवेट लाइफ स्पेशल अंक देखने पर पता चलता है कि इस विषय पर हिन्दी में स्तरीय लेखन और लेखकों का घोर अकाल तो है ही, अंग्रेजी से अनूदित और टीपी गई जो सामग्री परोसी गई है, वह निहायत ही फ़ूहड़, उबाऊ और रिपीटीटिव है.भाषा का स्तर भी निम्न ही है. पत्रिका पत्रिका कम, अख़बार ज्यादा नजर आती है. सेक्स जैसे विषय पर बात करते हुए जब आप उसे उबाऊ बना देंगे तो फिर कल्पना की जा सकती है कि आप अपने प्रयास में कितने सफल रहे!
    एक रात पराई औरत के साथ जैसे लेखों को कॉस्मोपॉलिटन जैसी पत्रिकाओं से सीधे उड़ाया गया लगता है, और जाहिर है, ऐसे, पश्चिमी रस्मोरिवाज से प्रेरित लेख - आम भारतीय के किसी काम के नहीं सिवाय मानसिक मनोरंजन प्रदान करने के. परंतु ये उसमें भी नाकामयाब रहे. पत्रिका को अगर अपना स्थान बनाना है तो उसे अपनी इन कमियों से शीघ्र छुटकारा पाना होगा. अन्यथा इसकी नियति भी सड़क किनारे बिकने वाले कोकशास्त्र जैसे पुस्तकों जैसी होनी ही है.
    सेक्स शिक्षा के मामले में इधर हिन्दी की कुछ प्रसिद्ध पत्रिकाएँ जैसे वनिता, गृहशोभा इत्यादि भी अपनी वर्जनाएँ त्याग कर अब अपने हर अंक में कुछ न कुछ सामग्री परोस रही हैं, और स्तरीय सामग्री प्रस्तुत कर रही हैं.
    उम्मीद की जानी चाहिए कि हिन्दी का पाठक सेक्स शिक्षा के मामले में अब ज्यादह दिन तक अशिक्षित बना नहीं रहेगा.
    88888888888888 थोड़ा टेंशन तो दे यार! Re-exposure of   tension अब तक मानसिक तनाव से बचने बचाने के लिए तमाम तरह के जुगाड़ किए जाते रहे थे. अल्प्राज़ोलेम नाम की, तनाव घटाने वाली दवाई पिछले कई वर्षों से तमाम विश्व में सर्वाधिक बिकने वाली दवाई मानी जाती रही है. जाहिर है आदमी अपने तनाव को घटाने के लिए कितना तनावग्रस्त रहता है. परंतु ऐसे तनावग्रस्तों के लिए राहत की बात हो सकती है यह खबर. कुछ हद तक तनाव आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है. 19 हजार व्यक्तियों पर अध्ययन करने के उपरांत यह पाया गया है कि थोड़ा-मोड़ा तनाव तो सचमुच स्वास्थ्यवर्धक है. तो अबकी अपने बढ़े हुए रक्तचाप और सिरदर्द के लिए घर या ऑफ़िस के तनाव को दोषी मत दीजिएगा. और अगर आप इस सप्ताह ज्यादा स्वस्थ महसूस कर रहे हों, तो हो सकता है कि ऑफ़िस के नए प्रोजेक्ट को समय पर पूर्ण करने का तनाव आपके काम आया हो. तनाव रहित जीना भी क्या जीना है लल्लू? मैं भी कई दिनों से अस्वस्थ महसूस कर रहा हूँ. कोई मुझे थोड़ा टेंशन तो दे दो यार! **-** व्यंज़ल **-**
    कहते हैं बुतों को टेंशन नहीं होता हमको भी तो अब टेंशन नहीं होता वो तो एक राजनीतिज्ञ है इसलिए पाँच वर्ष से पहले टेंशन नहीं होता नया नया है वो मेरे शहर में अभी अन्यथा उसे कोई टेंशन नहीं होता गलती से सुन ली समृद्धि की कथाएँ नहीं तो यहाँ कोई टेंशन नहीं होता इस टेंशन में मरा फिरता है रवि कि उसे क्यों कोई टेंशन नहीं होता **- **
    8888888888888888
    यूनिकोड हिन्दी की फ़ाइलों को पीडीएफ़फ़ॉर्मेट में कैसे बदलें?
    पुराने तंत्रों (यथा विंडोज़98) पर यूनिकोड का समर्थन नहीं है. यूनिकोड में बनी वर्ड फ़ाइलों को विंडोज 98 में नहीं देखा जा सकता. ऐसे तंत्रों पर जहाँ यूनिकोड हिन्दी समर्थन नहीं हैं, इन फ़ाइलों को देखने के लिए पीडीएफ़ फ़ॉर्मेट का सहारा लिया जा सकता है. पीडीएफ़ (पोर्टेबल डिजिटल फ़ॉर्मेट) एडॉब कंपनी का एक पंजीकृत व पेटेंट उत्पाद है, परंतु आप इस फ़ॉर्मेट में अपने दस्तावेज़ों को पठन पाठन के लिए व्यक्तिगत या व्यवसायिक रुप से जारी कर सकते हैं.
    यूनिकोड हिन्दी युक्त दस्तावेज़ को आप कई प्रकार से पीडीएफ़ फ़ॉर्मेट में बदल सकते हैं. इंटरनेट पर दर्जनों की संख्या में पीडीएफ़ परिवर्तक प्रोग्राम मिल जाएंगे. परंतु अधिकांश में यूनिकोड का समर्थन नहीं होता है.
    किसी दस्तावेज को पीडीएफ़ में बदलना आसान है. अगर आपके पास एडॉब एक्रोबेट है तो क्या कहने. परंतु मात्र पीडीएफ़ में बदलने के लिए इस उत्पाद को खरीदना समझदारी नहीं है. हम यहाँ एक मुफ़्त व मुक्त उत्पाद की चर्चा करेंगे, व एक एडवेयर-शेयरवेयर की जिसके लिए किसी तरह के शुल्क के भुगतान की आवश्यकता नहीं है.
    1 ओपन ऑफ़िस के जरिए पीडीएफ़ में परिवर्तन
    हिन्दी यूनिकोड सामग्री को पीडीएफ़ में परिवर्तन करने के लिए सबसे आसान तरीका आपको ओपन ऑफ़िस संस्करण 2.0 या अधिक उपलब्ध कराता है. ओपन ऑफ़िस में आप हिन्दी सामग्री को खोलें, और फ़ाइल मेन्यू में जाएँ. वहाँ आपको Export as या Send as PDF मेन्यू मिलेगा. दोनों में से किसी एक का प्रयोग कर उस फ़ाइल को पीडीएफ़ फ़ाइल फ़ॉर्मेट में सहेज सकते हैं. ओपन ऑफ़िस पूरी तरह मुक्त व मुफ़्त स्रोत सॉफ़्टवेयर है और इसके इस्तेमाल के लिए आपको किसी किस्म के शुल्क के भुगतान की कोई आवश्यकता नहीं है. तथा यह लिनक्स, विंडोज तथा मॅक सभी प्लेटफ़ॉर्म के लिए उपलब्ध है.
    2 पीडीएफ़ परिवर्तकों द्वारा
    पीडीएफ़ परिवर्तक प्रोग्राम प्रायः एक जैसे कार्य करते हैं. ये एक विशेष प्रिंटर ड्रायवर की संस्थापना आपके तंत्र में कर देते हैं जिसके जरिए आपके तंत्र का कोई भी प्रोग्राम प्रिंट कमांड के जरिए पीडीएफ़ फ़ाइल फ़ॉर्मेट में सहेज सकता है. एक ऐसा ही प्रोग्राम है पीडीएफ995 (यहाँ http://www.pdf995.com/ से डाउनलोड करें). इसे कम्प्यूटर पर संस्थापित करने के पश्चात् आपको एक अतिरिक्त प्रिंटर पीडीएफ995 का विकल्प प्राप्त होगा. किसी भी दस्तावेज़ को पीडीएफ़ में बदलने के लिए प्रिंट कमांड दें फिर प्रिंटर के रूप में पीडीएफ़995 चुनें. आपसे फ़ाइल का नाम पूछा जाएगा. *.pdf एक्सटेंशन युक्त कोई उपयुक्त फ़ाइलनाम दें. बस, आपका पीडीएफ़ दस्तावेज़ तैयार है. (टीप पीडीएफ़995 का ताज़ा संस्करण कुछ बगी है और हिन्दी यूनिकोड फ़ाइलों को ठीक से पीडीएफ़ में परिवर्तित नहीं कर पाता.)
    99999999999 rjhextension

    दीजिए दाएँ क्लिक को थोड़ी सी कलात्मकता...

    अपने कम्प्यूटर पर कार्य करने के दौरान विंडोज़ एक्सप्लोरर (या विंडोज़ डेस्कटॉप) की किसी वस्तु को जब आप अपने माउस के जरिए क्लिक या दोहरा क्लिक करते हैं (डिफ़ॉल्ट रूप में क्लिक का अर्थ दाएँ हाथ वाले माउस के बाएँ बटन को दबाकर क्लिक करने से होता है.), तो आप अपने विंडोज़ को कुछ कार्य करने के निर्देश देते हैं. जैसे कि संबद्ध अनुप्रयोगों के जरिए फ़ाइल खोलना या किसी ध्वनि फ़ाइल को बजाना इत्यादि, और यह निर्देश माउस संकेतक के स्थान और स्थिति पर निर्भर करता है. परंतु जब आप उसी स्थान और स्थिति की उसी वस्तु को दायाँ क्लिक (डिफ़ॉल्ट रूप में दाएँ हाथ वाले माउस के दाहिने बटन को दबाकर क्लिक करना) करते हैं तो विंडोज़ आपको कार्य निष्पादन के लिए चुने जाने योग्य कई विकल्पों को प्रस्तुत करता है. उदाहरण के लिए, जब आप अपने डेस्कटॉप पर कहीं रिक्त स्थान पर दायाँ क्लिक करते हैं तो विंडोज यह समझता है कि आप डेस्कटॉप की सेटिंग बदलना चाहते हैं और तदनुसार, अन्य सामान्य मौजूद रहने वाले विकल्पों के साथ ही विंडोज़ आपको डेस्कटॉप सेटिंग बदलने के अतिरिक्त विकल्प को भी मुहैया कराता है. यदि आप डेस्कटॉप पर किसी प्रोग्राम प्रारंभ करने वाले शॉर्टकट के प्रतीक को दायाँ क्लिक करेंगे तो आपको कार्य निष्पादन हेतु अन्य प्रकार के विकल्प मिलेंगे, जिनमें डेस्कटॉप सेटिंग बदलने के विकल्प, जाहिर है नहीं होंगे. दायाँ क्लिक के जरिए फ़ाइलों व फ़ोल्डरों पर कार्य करने के लिए चयन किए जाने योग्य बहुत से विविध, उपयोगी विकल्प प्राप्त होते हैं जिनके जरिए आप अपने दैनंदिनी कम्प्यूटरी कार्यों में अधिक उत्पादकता प्राप्त कर सकते हैं. दाएँ क्लिक से प्राप्त इन मैन्यू को कॉन्टैक्स्ट (संदर्भित या सम्बद्ध) मैन्यू कहा जाता है. विंडोज़ में स्वयं के ही अंतर्निर्मित बहुत से उपयोगी, खूबसूरत कॉन्टैक्स्ट मैन्यू हैं जो आपके लिए विविध अवसरों पर, दैनंदनी कम्प्यूटरी कार्यों को तत्परता, आसानी तथा प्रभावी ढंग से निपटाने में मदद करते हैं. अपने स्वयं के अंतर्निर्मित शैल मैन्यू के अतिरिक्त, विंडोज़ के कुछ अन्य कॉन्टैक्स्ट मैन्यू, ‘कॉन्टैक्स्ट मैन्यू हैण्डलर्स' द्वारा प्रदर्शित होते हैं. दायाँ क्लिक करने से लेकर प्रोग्राम प्रारंभ होने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होती है. प्रथम चरण में, जब आप अपने कम्प्यूटर पर कहीं दायाँ क्लिक करते हैं, तो विंडोज़ एक्सप्लोरर अपना स्वयं का आंतरिक शैल कमांड तो लोड करता ही है, साथ ही वह कॉन्टैक्स्ट मैन्यू हैण्डलर्स भी लोड करता है. साथ ही साथ वह प्रत्येक हैण्डलर्स को क्वैरी भी करता है कि वर्तमान में किए गए दाएँ क्लिक के कारण कोई कार्य निष्पादित तो नहीं करना है. फिर दूसरे चरण में विंडोज़ एक्सप्लोरर, चुने जाने योग्य विविध कमांड के विकल्प युक्त कॉन्टैक्स्ट मैन्यू सृजित करता है जिसे आप दायाँ क्लिक करने के बाद स्क्रीन पर देखते हैं. इस मैन्यू में विंडोज़ के आंतरिक शैल कमांड तो होते ही हैं, कॉन्टैक्स्ट मैन्यू हैण्डलर्स द्वारा बताए गए कमांडों के विकल्प भी होते हैं. तीसरे व अंतिम चरण में जब आप आगे की क्रिया के लिए दाएँ क्लिक में उपलब्ध किसी विकल्प को माउस क्लिक के जरिए चुनते हैं तो विंडोज़ एक्सप्लोरर उस निर्देश को कॉन्टैक्स्ट मैन्यू हैण्डलर (या चुना गया हो, तो आंतरिक शैल को) को वह क्रिया निष्पादित करने का निर्देश देता है. आप अपने कॉन्टैक्स्ट मैन्यू को विंडोज़ के द्वारा और बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं. रजिस्ट्री विन्यासों में परिवर्तन कर दाएँ क्लिक के प्रायः सभी विकल्पों में वांछित बदलाव किए जा सकते हैं. कॉन्टैक्स्ट मैन्यू प्रत्येक कम्प्यूटर उपयोक्ता के लिए बहुत ही उपयोगी औजार है और इसके बगैर बहुत से विंडोज़ कार्यों को सम्पन्न कर पाना अत्यंत कठिन होता है. खुशी की बात यह है कि आप अपने विंडोज़ के कॉन्टैक्स्ट मैन्यू में मनमाफ़िक, मनवांछित बदलाव कर सकते हैं और अपने कम्प्यूटिंग कार्यों में उत्पादकता के साथ कलात्मकता भी ला सकते हैं. नीचे बताए गए कुछ चरणों पर चल देखें तो आप पाएँगे कि आपने दायाँ क्लिक करने में कितनी जल्दी कलात्मकता हासिल कर ली है.

    विंडोज़ एक्सप्लोरर के जरिए कॉन्टैक्स्ट मैन्यू का प्रबंधन :

    विंडोज़ आपके माउस क्लिक के परिणाम को स्वयं, स्वचालित तो प्रबंधित करता ही है, विशेष परिस्थितियों में आपको भी प्रबंधित करने देता है. उदाहरण के लिए, जब आप कोई ग्राफ़िक अनुप्रयोग अपने विंडोज़ में संस्थापित करते हैं तो यह अनुप्रयोग जेपीईजी जैसे कुछ फ़ाइल प्रकारों को डिफ़ॉल्ट रूप में सम्बद्ध कर लेता है. जब आप जेपीईजी फ़ाइल को क्लिक करते हैं तो विंडोज़ उस सम्बद्ध, ग्राफ़िक अनुप्रयोग के जरिए उस फ़ाइल को खोलने की कोशिश करता है. यदि आपका अनुप्रयोग खराब हो गया है या अनइंस्टाल किया जा चुका है, और फ़ाइल सम्बद्धता ठीक नहीं की गई है तो यह उस प्रोग्राम को विंडोज़ की संस्थापना में ढूंढता है तथा उपयोक्ता को स्वयं ढूंढने के विकल्प भी प्रदान करता है. यदि उपयुक्त प्रोग्राम का पता नहीं लग पाता है तो आपकी फ़ाइल सम्बद्ध प्रोग्राम के जरिए खुल नहीं पाती है. तब विंडोज़ आपको अन्यत्र रखे प्रोग्राम या अन्य प्रोग्राम के जरिए उस फ़ाइल को खोलने का विकल्प देता है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि किसी ग्राफ़िक फ़ाइल को आप उसके सम्बद्ध चित्र संपादक जैसे कि फ़ोटोशॉप में खोलने के बजाए, अन्य, असम्बद्ध चित्र प्रदर्शक प्रोग्राम जैसे कि इरफ़ान व्यू में खोलना चाहते हैं. ऐसी परिस्थितियों में आप डिफ़ॉल्ट रूप में निर्दिष्ट फ़ाइल संबद्धता, क्लिक तथा दाएँ क्लिक द्वारा प्राप्त होने वाली कॉन्टैक्स्ट मैन्यू के जरिए हो सकने वाली क्रियाओं की संबद्धता को भी संपादित कर सकते हैं. इन सेटिंग्स को बदलने के लिए, विंडोज़ एक्सप्लोरर प्रारंभ करें, ‘व्यू' (विंडोज़98) या ‘टूल्स' (विंडोज़-एक्सपी) पर क्लिक करें तथा - ‘फ़ोल्डर ऑप्शन्स...' चुनें. फिर ‘फ़ाइल टाइप' टैब पर क्लिक करें. आपको आपके तंत्र में पंजीकृत समस्त फ़ाइल प्रकारों के लिए प्रविष्टियाँ दिखाई देंगीं. ये प्रविष्टियाँ सैकड़ों की संख्या में हो सकती हैं जो इस बात पर निर्भर करती हैं कि आपने अपने तंत्र में कितने अनुप्रयोगों को संस्थापित किया हुआ है. किसी भी विशिष्ट फ़ाइल के सामने उससे सम्बद्ध अनुप्रयोग का नाम दिया गया होता है. यह सम्बद्ध अनुप्रयोग ही उस फ़ाइल को खोलता है, जब वह फ़ाइल, एक्सप्लोरर पर डबल क्लिक होता है. अब आप उस विशिष्ट फ़ाइल किस्म को चुनें जिसके लिए उस पर क्लिक होने पर डिफ़ॉल्ट कार्य को या कॉन्टैक्स्ट मैन्यू को आप बदलना चाहते हैं. तत्पश्चात् ‘चेंज' अथवा ‘एडवांस्ड' बटन क्लिक करें. वहाँ उपलब्ध विकल्पों ‘एडिट' (विंडोज़98) या ‘एडवांस्ड' (विंडोज़-एक्सपी) का चुनाव कर या ‘न्यू' टैब चुन कर नए कार्यों या प्रोग्राम को सम्बद्ध कर सकते हैं. यहाँ एक नया विंडो खुलेगा जिसमें दिए गए ‘एक्शन' बॉक्स में, यदि फ़ाइल मीडिया क़िस्म की नहीं है, तो प्रायः हमेशा ही फ़ाइल खोलने के तथा यदि मीडिया फ़ाइल हुआ तो उसे बजाने के लिए प्रविष्टि दी हुई होती है. आप इन प्रविष्टियों का भी संपादन कर सकते हैं, इनमें कुछ प्रविष्टियाँ जोड़ सकते हैं या पूरी प्रविष्टि ही मिटा सकते हैं. कॉन्टैक्स्ट मैन्यू संपादित करने के लिए विंडोज़ द्वारा उपलब्ध नए चाइल्ड विंडो में आपको निम्न इनपुट बक्से मिलेंगे: 1 क्रिया (Action): यहाँ पर आप की जाने वाली क्रिया या निष्पादित किए जाने वाले कमांड का नाम दे सकते हैं. उदाहरण के लिए, यदि यह मीडिया फ़ाइल है, और यदि आप इसे विंडोज़ मीडिया प्लेयर के जरिए खोलना चाहते हैं, तो टाइप करें ‘Open with Windows Media Player'. (विंडोज़-एक्सपी में आप इसे हिन्दी में भी लिख सकते हैं जैसे कि - ‘विंडोज़ मीडिया प्लेयर के साथ खोलें') इस कार्य के लिए, लिखे गए किसी भी अक्षर के पहले ‘&' लगाकर उस अक्षर को शॉर्टकट कुंजी के रूप में भी आप आबंटित कर सकते हैं - जैसे कि &Media. अब अक्षर ‘M' मेन्यू में रेखांकित प्रकट होगा जिसे आप कमांड के रूप में ऑल्ट+ M कुंजी को दबाकर चला सकते हैं. यह टीप लें कि उसी फ़ाइल के अन्य कॉन्टैक्स्ट मेन्यू की प्रविष्टियों में शॉर्ट कट हेतु एक जैसे ही अक्षर न हों, अन्यथा बाद में वास्तविक कार्य के समय कार्य निष्पादन में बाधा उत्पन्न हो सकती है. 2 क्रिया को निष्पादित करने हेतु अनुप्रयोग (Application used to perform action): यहाँ पर आपको उस एक्जीक्यूटेबल प्रोग्राम का पथ निर्धारित करना होता है जहाँ वह प्रोग्राम भंडारित होता है, और जिसे ऊपर दी गई क्रिया को निष्पादित करने हेतु चलाया जाना होता है. यदि एकाधिक एक्जीक्यूटेबल तथा डीएलएल फ़ाइलों को निर्दिष्ट किया जाता है तो यहाँ लिखी गई प्रविष्टि के सिंटेक्स सही रहने चाहिएँ. हालाकि, आमतौर पर उद्धरण चिह्नों में दिया गया प्रोग्राम पथ ही भलीभांति कार्य करता है. 3 डीडीई का इस्तेमाल करें (Use DDE) इस क्षेत्र का इस्तेमाल उन अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है जो डायनॉमिक डाटा एक्सचेंज का इस्तेमाल करते हैं. यदि आपको अपने अनुप्रयोग के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है कि यह डीडीई इस्तेमाल करता है या नहीं, तो इसे जैसा है वैसा ही रहने दें. इसी तरह, आप चाहे जितने अतिरिक्त कॉन्टैक्स्ट मैन्यू जोड़ सकते हैं - ‘एडिट' फ़ाइल टाइप संवाद में हर बार ‘नया' यानी "New" को चुन कर. परंतु प्रत्येक फ़ाइल टाइप के लिए तथा प्रत्येक फ़ाइल के प्रत्येक कॉन्टैक्स्ट मैन्यू के लिए आपको हर बार यह लंबी, उबाऊ प्रक्रिया दुहरानी होगी. परंतु, धन्यवाद, कम्प्यूटरों की दुनिया में हर कार्य को बेहतर ढंग से, ज्यादा आसानी से कर लेने के और भी आसान विकल्प होते हैं. आप तीसरे निर्माताओं द्वारा बनाए गए औजारों (थर्ड पार्टी टूल्स) का बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं. नीचे दिए गए ऐसे ही कुछ औजारों में से आप अपने लिए कुछ चुन सकते हैं जिनसे आप अपने दाएँ क्लिक में ढेरों कलात्मकताएँ जोड़ सकते हैं.

    कॉन्टैक्स्ट मैजिक

    जैसा कि इसके नाम से प्रतीत होता है, यह आपके विंडोज़ कॉन्टैक्स्ट मैन्यू में जादुई प्रबंधन की क्षमता प्रदान करता है. कॉन्टैक्स्ट मैजिक दो स्वरूपों में मिलता है. मुफ़्त तथा प्रोफ़ेशनल. कॉन्टैक्स्ट मैजिक के मुफ़्त संस्करण में एक आम कम्प्यूटर उपयोक्ता के काम लायक लगभग सभी प्रकार के विशेषताओं का समावेश होता है जबकि प्रोफेशनल संस्करण में बहुत से उन्नत विशेषताओं का भी समावेश किया गया है. इसकी संस्थापना के पश्चात् यह कॉन्टैक्स्ट मैन्यू में एक अतिरिक्त मैन्यू - ‘कॉन्टैक्स्ट मैजिक' जोड़ता है, जिसमें आपको फ़ाइल तथा फ़ोल्डरों को प्रबंधित करने के बहुत सारे अतिरिक्त उप-मैन्यू प्राप्त होते हैं. उदाहरण के लिए, जब आप किसी वर्ड दस्तावेज़ फ़ाइल पर दायाँ क्लिक करते हैं तो कॉन्टैक्स्ट मैजिक के जरिए आपके कॉन्टैक्स्ट मैन्यू में आपको आधा दर्जन से अधिक विकल्प प्राप्त होते हैं कि आप उस दस्तावेज़ को इनमें से किससे खोलना चाहेंगे - नोटपैड, वर्डपैड, पेंट, मीडियाप्लेयर, इंटरनेट एक्सप्लोरर, माइक्रोसॉफ़्ट वर्ड, और माइक्रोसॉफ़्ट एक्सेल. यदि आपको लगता है कि यहाँ भी आपका वाला कार्य नहीं है जिससे उस फ़ाइल को किया जाना है तो एक विकल्प - ‘प्रोग्राम चुनें' का भी होता है जो कि विंडोज़ के ‘के साथ खोलें' (Open with...) मैन्यू सरीखा ही होता है. आपको कुछ मजेदार क़िस्म के कॉन्टैक्स्ट मैन्यू भी मिलेंगे, जैसे कि ‘चयनित फ़ाइलों को ईमेल से भेजें' तथा ‘चयनित फ़ाइलों की नकल कर खिसकाएं' इत्यादि, जिन्हें आप कॉन्टैक्स्ट मैजिक द्वारा उपलब्ध कराए गए कॉन्टैक्स्ट मैन्यू के उप-उप-मैन्यू द्वारा चुन सकते हैं. कुल मिलाकर, कॉन्टैक्स्ट मैजिक उन कम्प्यूटर उपयोक्ताओं के लिए बहुत ही काम का है जो फ़ाइलों को विविध डिरेक्ट्रीज़ में नक़ल/चिपकाने/खिसकाने का कार्य बहुलता से करते हैं. इस औजार को आप यहाँ - http://www.Conte xtMagic.com से डाउनलोड कर इस्तेमाल कर सकते हैं.

    कॉन्टैक्स्ट एडिट

    कॉन्टैक्स्ट एडिट आपको आपके विंडोज़ कम्प्यूटर में पंजीकृत समस्त फ़ाइल प्रकारों के लिए कॉन्टैक्स्ट मैन्यू को प्रबंधित करने की आसान सुविधा देता है. आप कॉन्टैक्स्ट मैन्यू के किसी भी अवयव को सक्षम, अक्षम कर सकते हैं या मिटा सकते हैं या फिर नए, नायाब अवयव जोड़ सकते हैं. विंडोज़ कॉन्टैक्स्ट मैन्यू के डिफ़ॉल्ट क्रियाओं को भी आप इसके जरिए बदल सकते हैं. यह आपको फ़ाइल किस्मों की संबद्धता को स्वचालित पुनर्स्थापित करता है तथा टूटी संबद्धताओं को सुधारता है. इसी प्रकार, बहुत से नए कॉन्टैक्स्ट मैन्यू भी आप अतिरिक्त रूप से जोड़ सकते हैं. कॉन्टैक्स्ट एडिट आपको विंडोज़ एक्सप्लोरर में कार्य करने के लिए बहुत से अतिरिक्त विकल्पों को भी प्रदान करता है. उदाहरण के लिए, किसी मैन्यू को पूरीतरह मिटाए बगैर उसे आप अक्षम बना सकते हैं. कॉन्टैक्स्ट एडिट मुफ़्त औजार के रुप में उपलब्ध है और इसे संस्थापित करने की आवश्यकता भी नहीं है. आपको सिर्फ ContextEdit.exe नाम की एक फ़ाइल को चलाना होता है जो आपके कंप्यूटर पर उपलब्ध समस्त फ़ाइल प्रकारों को स्कैन करता है तथा उन्हें एक विशिष्ट विंडो में प्रदर्शित करता है. किसी विशिष्ट फ़ाइल किस्म के कॉन्टैक्स्ट मैन्यू को देखने, उसमें कोई अवयव जोड़ने , मिटाने या परिवर्धित करने के लिए बाएँ खण्ड में ब्राउज़ करें तथा उस फ़ाइल किस्म को चुनें. आपको वर्तमान में निर्धारित प्रत्येक मैन्यू अवयव के लिए एक प्रविष्टि विंडो के दाएँ भाग में दिखाई देगी तथा प्रत्येक अवयव के लिए एक चेक-बक्सा भी दिया हुआ होता है. किसी अवयव को अक्षम बनाने के लिए उस पर से सही का निशान हटाएँ. उसे मिटाने के लिए पहले अक्षम बनाएँ फिर ‘मिटाएँ' टैब को क्लिक करें. इस अवयव को संपादित करने के लिए इसे चुनकर ‘संपादन' को क्लिक करें. और यदि आप कोई नया अवयव कॉन्टैक्स्ट मैन्यू में जोड़ना चाहते हैं तो ‘नया' टैब पर क्लिक करें तथा नए कॉन्टैक्स्ट मैन्यू अवयव के लिए वांछित जानकारी भरें. एक बार सेट हो जाने के बाद आप इस अनुप्रयोग से बाहर हो सकते हैं. जब आप इस अनुप्रयोग से बाहर होते हैं तो यह प्रोग्राम किए गए परिवर्तनों को विंडोज़ रजिस्ट्री में स्थाई रुप से दर्ज कर देता है तथा फिर दुबारा इस अनुप्रयोग को चलाने की आवश्यकता नहीं होती. आपके द्वारा किए गए परिवर्तन विंडोज़ एक्सप्लोरर में अंतर्निहित हो जाते हैं और इस प्रकार तंत्र के एक भाग के रुप में कार्य करते हैं. यह औजार विशेष रूप से अवांछित, छूटे-गुमे कॉन्टैक्स्ट मैन्यू को मिटाने व संपादित करने हेतु अच्छा खासा काम आता है.

    सीसीएम विज़ॉर्ड

    सीसीएम विज़ॉर्ड आपके विंडोज़ तंत्र के फ़ाइलों व फ़ोल्डरों पर कार्य करने हेतु बहुत से बहुमूल्य कॉन्टैक्स्ट मैन्यू जोड़ता है - जिन्हें समयानुसार परिवर्धित करने की भी सुविधा होती है. वैसे, यह कार्य निष्पादन में ऊपर बताए गए कॉन्टैक्स्ट मैजिक औजार की तरह ही है. विंडोज़ कॉन्टैक्स्ट मैन्यू में यह अपना स्वयं का ‘सीसीएम विज़ॉर्ड कॉन्टैक्स्ट मैन्यू' जोड़ता है जिसमें परिस्थितिनुसार बहुत से उपयोगी उप-मैन्यू प्रकट होते हैं, और जो फ़ाइल क़िस्मों पर निर्भर होते हैं. इसमें एक अत्यंत ही उपयोगी मैन्यू होता है - ‘चुनें (एक जैसे फ़ाइल एक्सटेंशन)' जिसके जरिए विभिन्न फ़ाइल एक्सटेंशन युक्त सैकड़ों फाइलों वाली किसी डिरेक्ट्री में आप एक जैसे फ़ाइल क़िस्म वाली समस्त फ़ाइलों को एक बार के दाएँ क्लिक से चुन सकते हैं. इस औजार को यहाँ से डाउनलोड करें - http://dntsoft.com .

    12 घोस्ट शैल-एक्स

    यह ‘सुपरगी पावरटूल्स फ़ॉर विंडोज़' का एक उपयोगी औजार है. 12घोस्ट शैल-एक्स कॉन्टैक्स्ट मैन्यू के जरिए आप अपने विंडोज कॉन्टैक्स्ट मैन्यू में बहुत से उपयोगी अवयव जोड़ सकते हैं. उदाहरण के लिए, यह आपके फ़ाइल गुणों - यथा फ़ाइल/फ़ोल्डर आकार, सृजन/परिवर्धन का दिनांक इत्यादि को सीधे ही कॉन्टैक्स्ट मैन्यू में दिखा सकता है. यह किसी डिरेक्ट्री में मौजूद समस्त फ़ाइलों के आकारों का योग भी कॉन्टैक्स्ट मैन्यू में बता सकता है. 12घोस्ट शैल-एक्स कॉन्टैक्स्ट मैन्यू के द्वारा आप अन्य, बहुत से उपयोगी कमांड प्राप्त कर सकते हैं जैसे कि - डिरेक्ट्री सूची को किसी फ़ाइल में सहेजना, मौजूदा अथवा चयनित पथ को क्लिपबोर्ड में नक़ल करना ताकि अन्य प्रोग्राम में इसका इस्तेमाल हो सके. किसी अवांछित, अप्रायोगिक अनुप्रयोग की मैन्यू प्रविष्टियों को भी आप इस औजार के जरिए मिटा सकते हैं, अक्षम बना सकते हैं या संपादित कर सकते हैं. 12घोस्ट शैल-एक्स कॉन्टैक्स्ट मैन्यू आपको मैन्यू स्थितियों को भी निर्धारित करने की सुविधा देता है. जैसे कि यदि किसी विशिष्ट कॉन्टैक्स्ट मैन्यू को आप चाहते हैं कि वह हमेशा सबसे ऊपर उपलब्ध हो, तो भी यह कार्य आप इस औजार के जरिए आसानी से कर सकते हैं. यह औजार मुफ़्त उपलब्ध नहीं है. इसके मूल्यांकन किये जा सकने वाले संस्करण को आप यहां http://www.12ghosts.co m से डाउनलोड कर सकते हैं.

    आरजेएच-एक्सटेंशन

    यह मुफ़्त उपलब्ध औजार आपके विंडोज़ एक्सप्लोरर में बहुत से उपयोगी कॉन्टैक्स्ट मैन्यू जोड़ने की सुविधा प्रदान करता है. इसके जरिए आप अपने विंडोज़ एक्सप्लोरर में बहुत से नायाब, अन्यत्र आसानी से नहीं पाए जा सकने वाले कमांड शामिल कर सकते हैं. ऐसा ही एक उपयोगी कॉन्टैक्स्ट मैन्यू आपको मिलता है - फ़ाइल कतरन का. किसी भी फ़ाइल या फ़ोल्डर का नामोनिशान हार्ड डिस्क से पूरी तरह मिटा डालने के लिए इस औजार द्वारा उपलब्ध कराए गए फ़ाइल श्रेडर का इस्तेमाल इस कार्य हेतु किया जा सकता है. इसी प्रकार आप अपने फ़ाइल व फ़ोल्डरों को पासवर्ड के जरिए इसके द्वारा उपलब्ध कराए गए कॉन्टैक्स्ट मैन्यू से सुरक्षित कर सकते हैं. किसी भी फ़ाइल या फ़ोल्डर में दायाँ क्लिक कर ‘एनक्रिप्ट फ़ाइल...' का विकल्प चुनें. आपको पासवर्ड के लिए पूछा जाएगा. कोई पासवर्ड दें, और ‘ओके' (ठीक है) को क्लिक करें. आपकी फ़ाइलें व फ़ोल्डर मजबूत ब्लोफ़िश एनक्रिप्शन अल्गोरिद्म के जरिए एनक्रिप्ट हो जाती हैं. इन्हें वापस खोलने के लिए इन पर दायाँ क्लिक करें व चुनें - ‘डीक्रिप्ट फ़ाइल...'. वह पासवर्ड भरें जो आपने फ़ाइलों को एनक्रिप्ट करते समय दिया था. पासवर्ड सही होने पर आपकी फ़ाइल आपके कार्य के लिए तत्काल खुल जाती है. विंडोज़ तंत्र में पारदर्शी और उपयोगी रुप से पूरी तरह जुड़ जाने वाले इस उपयोगी औजार को यहाँ - http://www.rjhsoftwa re.com से डाउनलोड करें. ऐसा लगता नहीं कि आपने अपने दाएँ क्लिक में अब तक बहुत सी कलाकारी शामिल कर ली है? तो चलें दाएँ क्लिक की कुछ कारगुजारियाँ दिखाने?

    COMMENTS

    BLOGGER
    नाम

    तकनीकी ,1,अनूप शुक्ल,1,आलेख,6,आसपास की कहानियाँ,127,एलो,1,ऐलो,1,कहानी,1,गूगल,1,गूगल एल्लो,1,चोरी,4,छींटे और बौछारें,148,छींटें और बौछारें,341,जियो सिम,1,जुगलबंदी,49,तकनीक,56,तकनीकी,709,फ़िशिंग,1,मंजीत ठाकुर,1,मोबाइल,1,रिलायंस जियो,3,रेंसमवेयर,1,विंडोज रेस्क्यू,1,विविध,384,व्यंग्य,515,संस्मरण,1,साइबर अपराध,1,साइबर क्राइम,1,स्पैम,10,स्प्लॉग,2,हास्य,2,हिंदी,5,हिन्दी,509,hindi,1,
    ltr
    item
    छींटे और बौछारें: जुलाई 2006 में छींटें और बौछारें में प्रकाशित रचनाएँ...
    जुलाई 2006 में छींटें और बौछारें में प्रकाशित रचनाएँ...
    http://static.flickr.com/48/179572848_374aae3a05.jpg
    छींटे और बौछारें
    https://raviratlami.blogspot.com/2006/08/2006_115476166404780316.html
    https://raviratlami.blogspot.com/
    https://raviratlami.blogspot.com/
    https://raviratlami.blogspot.com/2006/08/2006_115476166404780316.html
    true
    7370482
    UTF-8
    Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content