अँधेरा ही अँधेरा ******* भारत के प्रायः सभी राज्य बिजली की घोर कमी से जूझ रहे हैं तथा पापुलर वोट बैंक के चलते किसानों को मुफ़्त बिजली द...
अँधेरा ही अँधेरा
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भारत के प्रायः सभी राज्य बिजली की घोर कमी से जूझ रहे हैं तथा पापुलर वोट बैंक के चलते किसानों को मुफ़्त बिजली देने के चक्कर में कई बिजली बोर्ड दीवालिया हो चुकने के कगार पर हैं. बिजली में
राजनीतिक व्यवधानों के बीच एक खबर यह है कि भिंड के जिला अस्पताल के बिजली बिल के बकाया भुगतान नहीं होने के कारण वहाँ की बिजली काट दी गई. बिजली के अभाव में उचित उपचार नहीं मिलने
के कारण वहाँ चार लोगों की मौत हो गई.
एक दूसरी खबर मज़ेदार है. ग्यारह हजार वोल्ट की बिजली के ट्रांसफार्मर को बिजली के खंभे पर लगाने के कई कायदे क़ानून हैं जिसमें सुरक्षा से लेकर विद्युत अभियांत्रिकी तक की बातें सम्मिलित हैं. परंतु
इन्हें धता बताते हुए एक गांव में ऐसे ही एक ट्रांसफार्मर को बैलगाड़ी के ऊपर रख कर चालू कर लिया गया है (बिजली कर्मचारियों के पास समय और उपकरणों का अभाव है) और बैलगाड़ी पर रखा यह
ट्रांसफार्मर बेखटके पिछले डेढ़ माह से कार्य कर रहा है. ठीक ही कहा गया है – आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है- बैलगाड़ी पर रख कर 11 हजार वोल्ट के ट्रांसफार्मर को चार्ज कर काम में लेने का
कार्य नायाब है और इस हेतु बिजली कर्मचारियों को इनाम दिया जाना चाहिए (किसी को क्या फ़र्क़ पड़ता है कि बेचारे गाँव वासी दुर्घटना की आशंकाओं के बीच जीने को मजबूर हैं).
***
ग़ज़ल
***
आखिर किधर से आया अँधियारा है
पास में बच रहा सिर्फ अँधियारा है
अब तो बन गई है आदत अपनी
कटते नहीं दिन बिना अँधियारा है
मालूम है मेरी मासूमियत फिर क्यों
पूछते हैं किसने फैलाया अँधियारा है
अब ये कैसा समय आया है दोस्तों
जलाओ दीप तो फैलता अँधियारा है
औरों का तो मालूम नहीं लेकिन
रवि का दोस्त बस एक अँधियारा है
*+*+*
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भारत के प्रायः सभी राज्य बिजली की घोर कमी से जूझ रहे हैं तथा पापुलर वोट बैंक के चलते किसानों को मुफ़्त बिजली देने के चक्कर में कई बिजली बोर्ड दीवालिया हो चुकने के कगार पर हैं. बिजली में
राजनीतिक व्यवधानों के बीच एक खबर यह है कि भिंड के जिला अस्पताल के बिजली बिल के बकाया भुगतान नहीं होने के कारण वहाँ की बिजली काट दी गई. बिजली के अभाव में उचित उपचार नहीं मिलने
के कारण वहाँ चार लोगों की मौत हो गई.
एक दूसरी खबर मज़ेदार है. ग्यारह हजार वोल्ट की बिजली के ट्रांसफार्मर को बिजली के खंभे पर लगाने के कई कायदे क़ानून हैं जिसमें सुरक्षा से लेकर विद्युत अभियांत्रिकी तक की बातें सम्मिलित हैं. परंतु
इन्हें धता बताते हुए एक गांव में ऐसे ही एक ट्रांसफार्मर को बैलगाड़ी के ऊपर रख कर चालू कर लिया गया है (बिजली कर्मचारियों के पास समय और उपकरणों का अभाव है) और बैलगाड़ी पर रखा यह
ट्रांसफार्मर बेखटके पिछले डेढ़ माह से कार्य कर रहा है. ठीक ही कहा गया है – आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है- बैलगाड़ी पर रख कर 11 हजार वोल्ट के ट्रांसफार्मर को चार्ज कर काम में लेने का
कार्य नायाब है और इस हेतु बिजली कर्मचारियों को इनाम दिया जाना चाहिए (किसी को क्या फ़र्क़ पड़ता है कि बेचारे गाँव वासी दुर्घटना की आशंकाओं के बीच जीने को मजबूर हैं).
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ग़ज़ल
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आखिर किधर से आया अँधियारा है
पास में बच रहा सिर्फ अँधियारा है
अब तो बन गई है आदत अपनी
कटते नहीं दिन बिना अँधियारा है
मालूम है मेरी मासूमियत फिर क्यों
पूछते हैं किसने फैलाया अँधियारा है
अब ये कैसा समय आया है दोस्तों
जलाओ दीप तो फैलता अँधियारा है
औरों का तो मालूम नहीं लेकिन
रवि का दोस्त बस एक अँधियारा है
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